Jul 15, 2010

तोताराम की आई.पी.एल. बनाम बी.पी.एल.


कल जलदाय विभाग के कुएँ की मोटर जल गई थी सो पानी नहीं आया इसलिए टेंकर डलवाने की ज़रूरत पड़ गई । टेंकर वाले को फोन किया था और उसी का इंतजार कर रहे थे कि दरवाजे पर किसी छोटे-मोटे पथ संचलन की सी हलचल अनुभव हुई । दरवाज़ा खोल कर देखा तो एक चार फुट का लड़का लंबे बाल पीछे बाँधे, नमस्कार की मुद्रा में खड़ा था । पूछने पर बोला- सर, मैं ईशांत शर्मा- इन्डियन क्रिकेट टीम का प्रसिद्ध गेंदबाज़ । मैं आपसे यही कहने आया हूँ कि हमारे डाइरेक्टर श्री ललित मोदी जी अभी आपसे मिलने के लिए आनेवाले हैं । प्लीज, कहीं जाइएगा नहीं ।

हमने पूछा- मियाँ, ईशांत शर्मा तो छः फुट दो इंच का है और तुम केवल चार फुट के । लगता है मुम्बई से पैदल चलकर आ रहे हो तभी घिसकर चार फुट के रह गए हो । लड़का शरमा गया । तभी और तीन चार लड़के चले आए । हमने उत्सुकतावश उनके नाम भी पूछे तो उनके नाम भी सचिन, सौरव, गंभीर और सहवाग आदि निकले । उनके साथ में दो बावली सी लड़कियाँ भी थीं । जब उनके नाम पूछे तो हमारे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा कि उनके नाम भी विपाशा बसु और समीरा रेड्डी निकले । इन सभी नामों को सुन कर हमारा रोमांच अपने चरम पर पहुँच गया । लगा कोई बहुत बड़ा फ्राड है । क्यों न ललित मोदी जी का भी इंतजार कर ही लिया जाए ।

तभी एक घटिया सी सूट पहने और चश्मा लगाए तोताराम हाज़िर हुआ । हम उससे कुछ पूछें उससे पहले ही वह बोल पड़ा- माइसेल्फ़ ललित मोदी, डाइरेक्टर आई.पी.एल. हैव यू मेट माई ब्वायेज ? हमने हँसी रोककर गंभीरता पूर्वक कहा- मगर मोदी जी अभी तक तो आपको भाँति-भाँति के घपलों के आरोप में जेल में डाल दिया जाना चाहिए था । आप यहाँ कैसे ? और फिर तोताराम, तूने तो अपना नाम बदल लिया है और इन बच्चों के नाम बदल कर तुम एक और बड़ी चार सौ बीसी कर रहे हो ।

तोताराम बोला- जब ललित मोदी अपना नाम बदल कर ललित कुमार बता कर नागौर जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बन सकता है तो तोताराम ललित मोदी और ये बच्चे सचिन, सौरव, विपाशा क्यों नहीं बन सकते ? नाम बदलने पर कौन सी धारा लागू होती है ? लोगों के नाम परिवर्तन की हजारों सूचनाएँ अखबारों में रोजाना आती हैं । हमने पूछा- पर इस नाटक से क्या फायदा ? अब तो हमें लगता है कि इस देश में क्रिकेट का भविष्य अवश्य ही खतरे में है जब तेरे जैसे ललित मोदी बनने लगे और ये छोकरे सचिन और सौरव ।

तोताराम ने हमें आश्वस्त किया- मास्टर, इस देश में पानी, सब्जी, दाल, चीनी, नैतिकता और न्याय सब कुछ ख़त्म हो जाएँ पर क्रिकेट कभी ख़त्म नहीं हो सकता । फिर यही आई.पी.एल. हमारी तरह किसी बी.पी.एल. या सी.पी.एल. के नाम से फिर आ जाएगा तब इस टीम को मोटे दामों में बेच देंगे । इन बच्चों का भी कल्याण और अपना भी । और यह तो सच ही है कि ये सभी बच्चे बी.पी.एल. (बिलो पावर्टी लाइन) केटेगरी के हैं । वसुंधरा जी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों का ज़वाब देते हुए कहा था- मुख्यमंत्री जी आई.पी.एल. की बजाय बी.पी.एल. की चिंता कीजिए । सो मुख्यमंत्री जी के पास तो समय नहीं है । सोचा हम ही वसुंधरा जी की बी.पी.एल. को सँभालने की ख्वाहिश पूरी कर दें ।

२६-४-२०१०

पोस्ट पसंद आई तो मित्र बनिए (क्लिक करें)




(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन ।
Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication.
Jhootha Sach

1 comment: