Feb 16, 2014

हैप्पी वेल हटाइन डे, छोरे



भई अरविंद केजरीवाल,
खुश रह । तू म्हारे सबसे छोटे छोरे की उम्र का सै और मज़े की बात या सै कि म्हारे दो छोरे भी उसी आई.आई.टी में पढ़े सें जिसमें तू । जै तू केंद्रीय विद्यालय में पढ्या होता तो हम तन्ने हिंदी पढाँवते । वैसे एक रिश्ता और सै- हरियाणा म्हारी ननिहाल है और तू हरियाणा का ।

खैर, हम तो तन्ने पहले भी कई बार पत्र लिखणै की सोच रे थे क्यूंकि हमनै फिकर थी के छोरा सीधा सै, टोपी और मफलर लगाके ढक-ढूम के सलीके से रहे सै । राजधानी की बीरबानियाँ (लडकियाँ-औरतें) कहीं फाँस न लें, छोरे को । कहीं कोई चक्कर ना पड़ज्या । राजधानियाँ की इन बीरबानियाँ के घर-घराणे और उम्र का कुछ ठिकाणा भी नहीं लगता । काळी-कलूटी पाँच रुपैये की क्रीम लगाके सात दिन में गोरी बणज्या । सर्जरी करवाके एक सौ तीस बरस बूडली पच्चीस की दीखण लागज्या । हाथां में कदे गुलाब का, कदे कमल का फूल लेके पासे आके धीरे-धीरे गले में हाथ डालती-डालती गला पकड़ ले । राजधानी तैं और दूर कामरूप चल्या जा तो सुण्या है उतै की बीरबानियाँ आदमी नै फँसा के मोम की माखी बणा दे । आदमी इसा घुघ्घू बण ज्या के उठावे तो उठे और बठावै तो बैठे । जम्माये जमूरा बणज्या सै आदमी । और जै कठे बिदेस मैं जाके फँस ज्या तो बेरा ना माणस का के बणै ?

धीरे धीरे यो वेलेंटाइन डे भी आग्या तो फिकर और बढगी । पण छोरे तन्ने जी खुश कर दिया । आई लव यू कहणै की बजाय वेल ही हटा दिया । नहीं तो या तन्नै वेल मैं ही पटक देती । तू तो पढ्या लिख्या सै । वेल के और भी कई मतबल हों सै- कूआ भी और पर्दा भी । सो यो तेरा वेलेंटाइन डे न होके 'वेल हटाइन डे' होग्या । ज़रूर तन्ने वा कहानी सुणी होगी ।

एक गाँव का छोरा था । सीधा-सादा, भैंस चरावणिया और दूध-दही खावणिया । उसकी शादी होगी एक शहर की छोरी सागे । मिलतां ई छोरी बोलण लागी शहरी बोली, करण लागी किन्तु, परन्तु और थोड़ी थोड़ी देर मैं या और पूछे- के समझ्या । छोरा होग्या परेशान । बोल्या- समझग्या भई, चोकस समझग्या - तू उरे रहणी कोन्या । सो भई यो इसी ढाल होणा था सो होग्या । के तो सीता सतवंती के फरड़क रांड । इसी वेलेंटाइनाँ जाणै कितणा नैं उल्लू बणाया सै । भतेरी ज़िन्दगी पड़ी सै, और भोत मिलैंगी ढंग की वेलेंटाइनां । तू तो बस तेरा धर्म ठिकाणै राख ।
तेरा ताऊ
-रमेश जोशी ।
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

1 comment:

  1. हमेशा की तरह आनंददायक, जय हो जोशी जी।

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