Jun 10, 2015

एक कुण्डलिया छंद- बिन चालक की ट्रेन

 बिन चालक की ट्रेन
(दिल्ली को मिली बिना चालक की मेट्रो- ९-६-२०१५)

बिन चालक की मेट्रो में क्या बात विशेष
बिन चालक के चल रहा जब सारा ही देश
जब सारा ही देश, लोग परदे के पीछे
सत्ता-कठपुतली के सारे धागे खींचे
कह जोशी कविराय अगर मन हो तो आए
मन हो पटरी छोड़ किसी घर में घुस जाए |
९-६-२०१५

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