Jul 21, 2018

सैमसंग और हमारी गौरव-वृद्धि

सैमसंग और हमारी गौरव-वृद्धि 

आज तोताराम ने आते ही हमें टोका- क्या बात है ? चेहरे से  नूर कैसे लीक हो रहा है ? कहीं रात को पे कमीशन का एरियर खाते में आने की सूचना तो नहीं मिल गई |

हमने कहा- लेकिन तेरे चेहरे पर तो वही शाश्वत बारह बजने वाला भाव है |

बोला- वह तो निर्देशक मंडल में आने पर सबका हो जाता है |तू अपने इस नूरानी चेहरे का रहस्य बता |

हमने कहा- रात को हुआ ऐसे कि कोई सवा आठ बजे लाइट चली गई |


बोला- लाईट का इससे क्या संबंध है |यह तो वही बात हुई कि कोई 'मोब लिंचिंग' अर्थात 'भीड़-हत्या' की शिकायत करे तो मोदी जी कहें कि इमरजेंसी लोकतंत्र पर एक कलंक है और जावड़ेकर जी इमरजेंसी को  पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने का आश्वासन ददे दें |


हमने कहा- पूरी बात सुन |लाईट जाने के कारण हम गरमी से होने वाली बेचैनी को भुलाने के लिए समाचार सुनने लगे |मोदी जी बता रहे थे कि नॉएडा में पाँच हजार करोड़ रुपए का निवेश करके सैमसंग ने स्मार्टफोन असेम्बल करने का जो कारखाना लगाया है उससे देश का गौरव बढ़ा है |अब यह कैसे हो सकता है कि देश का गौरव बढ़े और हमारे चेहरे पर रौनक न आए |

बोला- लेकिन मेरे विश्वसनीय अखबार में तो यह समाचार नहीं छपा |

हमने कहा- उसका कारण यह रहा कि अखबार को वाट्सऐप का जाली समाचारों से बचने से संबंधित विज्ञापन जो मिल गया |विज्ञापन मिले तो अखबार अपना नाम तक छापना भूल जाए और नेता को वोट मिलने की गारंटी मिल जाए तो वह नाली में कूद पड़े |

बोला- लेकिन इसमें गौरव की क्या बात है ?जो देश खुद को जगद् गुरु कहता फिरता हो, वेदों और महाभारत में सभी वैज्ञानिक आविष्कार खोज लेता हो उसे एक ढंग की मोबाइल बनाने की यूनिट लगाने जितना भी सलीका न हो |वह भी एक छोटा-सा देश दक्षिण कोरिया लगाए |और उससे हमारा गौरव बढ़े |हमारे गौरव क्या ऐसे ही दूसरों के कंधे पर चढ़कर आते हैं |

हमने कहा- लगा तो हम भी लेते लेकिन क्या बताएँ दो यूनिट लगाने जितना बजट तो माल्या, चार यूनिट जितना नीरव मोदी लेकर भाग गया और दस-बीस यूनिट का बजट नोटबंदी में निबट गया |अब अगली टर्म में २०१९ के बाद देखेंगे |वैसे अंग्रेजी के एक अखबार ने बताया है कि इससे देश में हर महिने एक करोड़ स्मार्ट फोन बनेंगे और एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा |

बोला- यह भी सोचा है कि हर महिने एक करोड़ लोग अपनी बेकारी की बोरियत मिटाने के लिए फोन पर कितने श्रम दिवसों का सत्यानाश करेंगे ? रही बात एक हजार लोगों को रोजगार देने की तो समझ ले हमारा देश बहुत इन्नोवेटिव है |इतने लोग तो एक छोटे से मंदिर के आसपास भीख माँगकर, प्रसाद बेचकर और भजन गाकर पेट पाल लेते हैं |

और एक टेकनिकल युवक को क्या देंगे- ३०० रुपए रोज और दस घंटे की ड्यूटी |इतना तो एक अंगूठा-छाप मजदूर मनारेगा में अपने घर के आसपास बीड़ी पीकर कमा लेता है |

वैसे इसकी असलियत भी समझ ले कि यह कोई नया कारखाना नहीं है बल्कि पुराने कारखाने की क्षमता-वृद्धि की गई है |



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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