Nov 3, 2019

आजीवन प्रधान मंत्री



आजीवन प्रधान मंत्री 

तोताराम कभी-कभी ऐसे प्रश्न करता है जिनका कोई निश्चित संक्षिप्त उत्तर नहीं हो सकता है |

आज बोला- मोदी जी में क्या कमी है ?

हम तो असमंजस में पड़ गए |इधर पड़े तो कुआँ, उधर पड़े तो खाई |

बचने के लिए हमने पूछा- कौन कहता है उनमें कोई कमी है ?

बोला- कह भी कौन सकता है लेकिन तू बुद्धिजीवी बना फिरता है इसलिए तुझे ही पूछ रहा हूँ |कुछ है तो साफ़-साफ़ बता |

हमने कहा- हमें तो कोई कमी नज़र नहीं आती |स्वस्थ, बहुश्रुत, प्रभावशाली वक्ता, सबसे निःसंकोच अपने 'मन की बात' साझा करने वाले, सक्रिय, प्रत्युत्पन्नमति, संयमित, जन-जन-हृदय-सम्राट, तन-मन-धन से राष्ट्र-सेवा को समर्पित, अपनी साधना से एक मेहनतकश परिवार से प्रधानमंत्री के पद तक पहुँचे, सबको साथ लेकर चलने वाले, सभी धर्मों-भाषाओं, जातियों और यहाँ तक कि विरोधियों के प्रति भी प्रेम भाव रखने वाले महान व्यक्ति में किसी को क्या कमी मिल सकती है |फिर भी......

बोला- बस, आगया ना अपने वाली पर |मुझे तेरे ये फिर, अगर, मगर, लेकिन किन्तु, परन्तु बड़े अजीब लगते हैं |अच्छे-भले हलवे में ऐसा कंकड़ गिरा देता है कि बस...|
फिर भी क्या ? 

हमने कहा- फिर भी जब चुनाव आते हैं तो पता नहीं इन्हें क्या हो जाता है ? आस्था चेनल से सीधे 'बिग-बोस' और 'चुटकुला सम्मेलन' पर उतर आते हैं | 

बोला- तुझे पता होना चाहिए कि इस देश में सेवा करने के लिए चुनाव जीतना बहुत ज़रूरी है |और चुनाव जीतने के लिए ये सब प्रपंच करने बहुत ज़रूरी है | वैसे आज देश में मोदी जी का कोई विकल्प दिखाई नहीं देता | दुनिया के बड़े-बड़े नेता उनसे हाथ मिलाने, गले मिलने के लिए, उनके साथ सेल्फी लेने के लिए लहालोट हो रहे हैं |उनके साथ झूला झूलने और चाय पीने के लिए तरस रहे हैं |इसलिए कभी ये जाते हैं तो कभी वे चले आते हैं |और देश के तो सभी चुनाव उनके नाम पर ही लड़े और जीते जा रहे हैं |

हमने कहा-  चीन में पहले कोई भी राष्ट्रपति भारत, अमरीका आदि की तरह दो कार्यकाल से अधिक नहीं रह सकता था लेकिन अब चीन की संसद ने इस बंदिश को हटा लिया है |इसलिए यदि जी शिन पिंग चाहें तो आजीवन राष्ट्रपति रह सकते हैं |हो सकता है ट्रंप भी इस बार जीत जाएं तो अमरीका में भी ऐसा ही कोई रास्ता निकाल लेंगे जिससे वे भी आजीवन अमरीका की सेवा करते रह सकें |वैसे अपने यहाँ प्रधानमंत्री के लिए कोई बंधन नहीं है |एक व्यक्ति आजीवन प्रधान मंत्री रह सकता है जैसे नेहरू जी रहे |इसलिए वे अपने अनुसार इस देश का भट्टा बैठा सके |अब मोदी जी पिछली कमियों को सुधारकर इस देश को दुनिया का सिरमौर बनाना चाहते हैं तो उन्हें देश का आजीवन प्रधानमंत्री घोषित कर दिया जाना चाहिए |जैसे कभी इंडोनेशिया ने सुकर्ण को अपना आजीवन राष्ट्रपति घोषित कर  दिया था |और साथ ही कालेज यूनियनों से लेकर लोकसभा तक के सभी सीटें मोदी जी की पसंद के लोगों को दे दी जाएं जिससे वे निश्चिन्त होकर, जैसे चाहें, इस देश का विकास कर उसे दुनिया में नंबर वन, जगद्गुरु, AAA+ बना सकें |लेकिन...

बोला- लेकिन अब फिर तेरा यह 'लेकिन' कहाँ से आगया ?

हमने कहा-  मोदी जी ने खुद ही ७५ पार वालों को निर्देशक मंडल में बैठाने की प्रथा शुरू कर दी तो उन्हें भी ७५ वर्ष का हो जाने पर २०२५  सब छोड़ना पड़ेगा |

बोला- देश हित में जब उन्होंने और भी बहुत से साहसिक कदम उठाए हैं तो निर्देशक मंडल वाली इस शर्त में भी ढील दी जा सकती है लेकिन....|


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