Nov 5, 2019

प्रार्थना विज्ञान



प्रार्थना-विज्ञान 


आज तोताराम ने आते ही शिकायत की- देखा मास्टर, चंद्रयान से संपर्क टूट जाने पर फिर से संपर्क साधने के लिए प्रयत्न कर रहे  अल्लाहाबाद (सॉरी) प्रयागराज के भारतगंज इलाके के एक नवयुवक रजनीकांत यादव को पुलिस ने रोक दिया और ज़बरदस्ती नीचे उतार लिया |पता नहीं लोग क्यों भारत की सभी विद्याओं के प्रति शंका और अश्रद्धा रखते हैं |

हमने पूछा- क्या यह कोई इसरो या नासा में काम करने वाला बहुत बड़ा वैज्ञानिक जो विक्रम से टूटे हुए संपर्क को जोड़ने की कोशिश कर रहा था ?

क्रेन से उतारे जाने की तस्वीर, रजनीकांत








बोला- नहीं, अपने यूपी का की एक बच्चा है जो किसी टावर पर चढ़कर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा था लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं करने दिया |

हमने कहा- धर्मेन्द्र द्वारा पानी की टंकी पर चढ़कर बसंती को हासिल करने से प्रेरित होकर इस देश में हजारों लोगों ने पानी की टंकी या मोबाईल टावर पर चढ़कर ऐसे बहुत से नाटक किए हैं |यह भी कोई ऐसा ही सिरफिरा होगा |

बोला- यह कोई सिरफिरा नहीं था |यह तो अपने देश के प्राचीन प्रार्थना विज्ञान में विश्वास करने वाला श्रद्धालु था |

हमने कहा-  प्रार्थना कोई विज्ञान नहीं होता |

बोला- मन्त्र, जप, यज्ञ, अनुष्ठान, तंत्र, प्रार्थना, हठ आदि भारत के अनुभूत नुस्खे हैं जिनके बल पर ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों और साधकों ने जाने कैसी-कैसी सिद्धियाँ और निधियाँ प्राप्त कर लीं |आज हम पश्चिम के भौतिकतावादी विचारों से प्रभावित होकर अपने ज्ञान, आस्था, आन, बान, शान, स्वाभिमान और भी न जाने क्या-क्या भुला बैठे, गँवा बैठे |

हमने कहा- तो फिर क्यों रूस से रक्षा प्रणाली, फ्रांस से युद्धक विमान, अमरीका से रोमियो हेलिकोप्टर खरीदते फिर रहे हों ?

बोला- अब प्राच्य विज्ञान में विश्वास करने वाले अस्मिता के रक्षक देशभक्त लोग आए हैं | ढूँढ़-ढूँढ़कर विश्वविद्यालयों में ज्योतिष, वास्तु, तंत्र-मन्त्र के ज्ञाता जुटाए जा रहे हैं |शीघ्र ही वे सभी समस्याओं के भारत के प्राचीन ज्ञान के आधार पर निकाल लेंगे लेकिन तब तक तो हमें दुनिया से अस्त्र-शास्त्र आदि खरीदने ही पड़ेंगे | 

हमने कहा- ऐसे काम प्रार्थना से नहीं होते |प्रार्थना तो मन को बहलाने का एक तरीका है |अंत में सच सबको स्वीकार करना पड़ता है |

बोला- फिर भी जिस ज्ञान के मोदी जी तक गुण गा रहे हैं और जिसके नाम पर हम जगद्गुरु बने फिरते हैं हमारे उस 'प्रार्थना-विज्ञान' को एक अवसर देने में क्या बुराई है ?

हमने कहा- यही क्या लाखों लोग इसी चक्कर में मन को बहलाए जा रहे हैं लेकिन कब तक ?  प्रार्थना विज्ञान नहीं है |झुनझुना दूध का विकल्प नहीं हो सकता- यह बात माँ और शिशु को देर-सबेर आनी ही है | 












 

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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