Dec 6, 2019

सिंगलयूज प्लास्टिकासुर

सिंगलयूज प्लास्टिकासुर 

आज शनिवार को वादे के अनुसार हनुमान मंदिर चलने के लिए तोताराम हाज़िर | जैसे ही कोई एक सौ मीटर चले होंगे कि कल के सड़े खाने की बदबू के भभके ने सारी भक्ति हवा कर दी | तभी तेज़ हवा का झोंका आया और सड़क के किनारे पड़े सिंगल यूज प्लास्टिक के गिलासों में इस तरह दौड़ शुरू हो गई जैसे चुनाव घोषित होते ही जनसेवार्थ टिकटोच्छुक राजधानी के पार्टी दफ्तर की ओर दौड़ पड़ते हैं |या किसी अस्पष्ट बहुमत वाले को सरकार बनाने का निमंत्रण मिलने पर निर्दलीय विधायकों का अपहरण करके उनको लिए-लिए किसी फार्महाउस या होटल-होटल भागते रहते हैं | 

यह क्या ? देखते-देखते प्लास्टिक के वे गिलास बीसियों फुट ऊँचे दैत्याकार रूप में खड़े हो गए |हमने आँख मलकर देखा |कुछ समझ में नहीं आया |

तोताराम से पूछा- क्या तुझे भी कुछ धुँधला-सा, बड़ा-सा, कुछ अर्द्ध-पारदर्शी-सा  दिखाई दे रहा है ?

बोला- जोर-जोर से जाप शुरू कर दे |
  
भूत-पिशाच निकट नहिं आवै, 
महाबीर   जब  नाम   सुनावै || 

तभी जोर की गड़गड़ाती हुई आवाज़ आई- डर गए ? बातें तो बहुत बनाते हो |

हम दोनों ने काँपती हुई मिमियाती आवाज़ में पूछा- आप कौन हैं ?

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दीर्घाकार आकृति बोली- हम सिंगल यूज प्लास्टिकासुर हैं |

हमने कहा- महाराज, त्रिणावर्त, शकटासुर, बकासुर, अघासुर नाम तो कृष्ण की बाल लीलाओं के प्रसंग में सुने थे लेकिन यह नाम तो कुछ अजीब-सा है |

बोला - हम वही सिंगल यूज प्लास्टिक हैं जिस पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए मोदी जी ने २७ सितम्बर २०१९ को राष्ट्र संघ में बड़े जोर-शोर से घोषणा की थी |

हमने कहा- तो फिर तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? तुम्हें डर नहीं लगता ? उनके डर से तो इस समय दुनिया का बुरा करने वाली सभी ताकतें थर-थर काँप रही हैं और एक तुम हो कि प्रतिबन्ध का सीधा चेलेंज मिलने पर भी बेशर्मी से अट्टहास कर रहे हो ? 

सिंगल यूज़ प्लास्टिकासुर बोला- जब आदमी मंच पर होता है और सामने लोग तालियाँ बजा रहे हों तो फिर वक्ता को कुछ होश नहीं रहता |वह जोश-जोश में जाने क्या-क्या बोल जाता है ? खुद को जनन्नियन्ता और सर्वशक्तिमान समझने लगता है |

तोताराम ने पूछा- तो क्या मोदी जी अब तुम्हारा कुछ नहीं करेंगे ? क्या उनका संयुक्त राष्ट्र संघ का भाषण भी एक जुमला ही था ?

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बोला- ये जुमला-वुमला तो राजनीति वाले जानें |मुझे तो अपने वाट्स ऐप ग्रुप से मेसेज आया है-  केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने स्पष्ट किया है कि महात्मा गाँधी की १५० वीं जयंती पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध लगाने की मोदी जी की योजना टाल दी गई है |अब उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने की अपील की है |अधिकारियों ने बताया कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती और नौकरियाँ जाने के इस माहौल के बीच छह चीजों पर प्रतिबन्ध लगाना ठीक नहीं रहता |

हमने पूछा- तो फिर यह भी 'मन की बात' की तरह 'आस्था चैनल' ही निकला ?

तोताराम ने कहा- इसका क्या मतलब ? अच्छे काम लाभ-हानि के गणित से नहीं होते |जो समाज और देश के लिए हानिकारक है उसे समाप्त किया ही जाना चाहिए | लोग बेरोजगार हो जाएँगे इसलिए जेबकटी, मिलावट, ठगी, वेश्यावृत्ति, शराब, बीड़ी-सिगरेट,पोर्न साईट, जालसाज़ी को ज़ारी रखा जाए ? यदि यही बात थी तो नोटबंदी क्यों की ? उससे तो कुछ भी नहीं हुआ |सब नोट वापिस आ गए |जो थोड़ा-बहुत ब्लेक मनी था वह भी व्हाईट हो गया |

बोला- जी, हम इतनी बड़ी-बड़ी बातें क्या जानें ? हम तो आप, आपके समाज और अर्थव्यवस्था द्वारा सृजित कूड़ा हैं |

इसके साथ ही सिंगल प्लास्टिकासुर अदृश्य होकर डिस्पोजेबल गिलासों के ढेर में बदल गया |

हम दोनों भी हनुमान मंदिर की और चल पड़े |


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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