Dec 4, 2019

शिक्षक की अशालीनता



शिक्षक की अशालीनता 

देश में लाखों शिक्षक हैं अच्छे भी, बुरे भी |स्कूल में लडकियां छेड़ने वाले, स्कूल में दारू पीकर आने वाले, स्कूल में हाजरी लगाकर चले जाने वाले, पूरे महिने की हाजरी एक ही दिन लगाकर तनख्वाह उठाने वाले, बच्चों के मध्याह्न भोजन का गेहूँ बाज़ार में बेच देने वाले |और अपने वेतन से बच्चों की मदद करने वाले, एक्स्ट्रा क्लास लेकर रिजल्ट सुधारने वाले भी |बुरे अध्यापक पुरस्कृत हो जाते हैं, मनचाही जगह पर बने रहते हैं और अच्छे अध्यापक जब चाहे, जहां चाहे ट्रांसफर कर दिए जाते हैं | पुरस्कार का तो प्रश्न ही नहीं |

जब हमने आज छपा एक समाचार तोताराम को दिखाया कि 'कलेक्ट्रेट में पिछले २३ साल से भूमाफिया के खिलाफ धरने पर बैठे एक ५७ वर्षीय अध्यापक विजय सिंह  के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है और कलेक्टर ने उसका धरने वाला डेरा-डंडा फिंकवा दिया है |  

तो बोला- अच्छा किया |वैसे इस मास्टर का अपराध तो इतना संगीन है कि सीधे-सीधे जेल में डाल दिया जाना चाहिए | जबकि इस पर केवल धारा ५०९ ही लगाई है |

हमने कहा- तो क्या भूमाफिया के खिलाफ धरना देना इतना बड़ा अपराध है ?


बोला- मामला करेक्टर का है |और हमारी सरकार कोई ढीले करेक्टर वाली थोड़े ही है |यह हमारी शुचिता, संस्कार, शालीनता वाली सरकार है |ब्रह्मचारियों के नेतृत्त्व वाली सरकार है |हम ऐसी चरित्रहीनता बर्दाश्त नहीं कर सकते ?



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हमने कहा- बताएगा भी या स्टेटमेंट ही झाड़ता रहेगा |

बोला- तुझे पता है इस मास्टर में अपना अंडरवीयर कलेक्ट्रेट में खुले में सुखा दिया |अब बता कोई महिला यदि इसे देखेगी तो क्या सोचेगी ?

हमने कहा- और फिल्मों में, विज्ञापनों में, दुकानों पर क्या-क्या नहीं दिखाया जाता ? पुतलों को चड्डी-चोली पहने दिखाया जाता है, एक प्रकार की चाकलेट में लड़की को पटते दिखाया जाता है, कंडोम और यौन शक्ति वर्द्धक वस्तुओं के विज्ञापन दिखाए जाते हैं |और फिर कठुआ और कन्नौज वाले कांड हो जाते हैं वे ? 

बोला- तो क्या होगया ? १३५ करोड़ के देश में कोई बहुत ज्यादा नहीं हैं | ऐसे तो महाभारत में भरी सभा में द्रौपदी के साथ क्या नहीं किया गया था ? त्रेता में भी अपहरण हो ही गया |

हमने कहा- तोताराम, क्यों हमारा मुंह खुलवाता है |बेटी बचाओ का नारा देना और बात है और बेटियों को बचाना और बात है |सब पार्टियों में बड़े-बड़े लम्पट भरे पड़े हैं लेकिन क्या किया जाए ? सबको भले नहीं, बल्कि येन-केन-प्रकारेण जिताऊ उम्मीदवार चाहियें |असली बात यह है कि यह मास्टर ३००० बीघा सरकारी ज़मीन हडपने वाले नेताओं के विरुद्ध सप्रमाण आन्दोलन कर रहा है |लालच दिए जाने पर भी नहीं मान रहा है इसलिए इसे मारने की धमकियां भी दी गईं | 
 नौकरी छोड़कर दूसरों के लिए 21 साल से धरने पर बैठा है ये शिक्षक
इसकी बात में दम है इसलिए कानूनी रूप से तो इसका कुछ बिगाड़ नहीं सकते तो ऐसे ही डराया-धमकाया जाएगा और परेशान किया जाएगा |ज़रूर जो लोग सरकारी ज़मीन दबाए हुए हैं वे सत्ताधारी दल के हैं |इसलिए कलेक्टर भी सक्रिय हो गई |

देश में रेड लाईट एरिया क्या पाकिस्तान के लोग चलाते हैं ? यह तो अमरीका वाला वही नाटक है कि घर के बाहर कपड़े सुखाना वर्जित है लेकिन कहीं भी चुम्बन-आलिंगन करना जायज़ है |

बोला- खुले में धूप में कपड़े सुखाने से एक तो ऊर्जा की बचत होगी और कपड़ों को धूप लगने से वे कीटाणुहीन भी हो जाते हैं |फिर अमरीका में बाहर कपड़े सुखाना क्यों  मना है ?

हमने कहा- बन्धु, हमने वहाँ के कानून का अध्ययन तो नहीं किया लेकिन वहाँ एक बार घर के पिछवाड़े रस्सी बांधकर कपड़े सुखा दिए |कुछ देर बाद पड़ोसन ने लकड़ी का बना एक स्टेंड सा लाकर हमें दिया |जब बेटे को यहाँ बात बताई तो पता चला कि यह स्टेंड इस बात का संकेत हैं कि इस पर सुखा कर इसे बेसमेंट या गैराज में भी रखा जा सकता है |
अजीब तो लगा, लेकिन ऐतराज़ करने की यहाँ नफासत प्यारी भी लगी |






    



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