Dec 9, 2019

भगवान राम का मंदिर



भगवान राम का मन्दिर  

आज तोताराम बहुत खुश था |आते ही बोला- बधाई हो, भाई साहब |

हमने कहा- किस बात की बधाई ? क्या इस बात की बधाई कि दिल्ली में प्याज के भाव १२० रुपए से घटकर ७५ रुपए प्रतिकिलो हो गए ?

बोला- कल्पना में भी घटियापन |कभी तो प्याज-टमाटर से बाहर निकला कर |क्या नए-नए मुल्ला की तरह प्याज-प्याज लगा रखी है |तुझे पता है, भगवान राम की नगरी के लिए पचास हजार करोड़ रुपए की योजना बन गई है |भगवान् राम की दुनिया की सबसे ऊँची २५१ मीटर की मूर्ति बनेगी और ११११ ऊँचा मंदिर बनेगा |बस, समझ ले राम-राज आ ही गया |सब समस्याएँ दूर हो जाएँगी |

हमने कहा- लेकिन उत्तर प्रदेश में खाद्य आपूर्ति मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ धुन्नी बाबू ने तो कह दिया है कि अपराध रोकने की सौ फीसदी गारंटी तो भगवान राम भी नहीं दे सकते |ऐसे में किस समस्या के हल होने की उम्मीद करें |अरे, न दो रोजगार, न दो शिक्षा-चिकित्सा की सुविधाएं; कम से कम इतना तो करो कि कोई, किसी को भी, कहीं भी जला न डाले, इज्ज़त न लूट ले |ये सब गौरव और धर्म की आड़ में कमीशन खाने के चक्कर हैं |इन्हीं पचास हजार करोड़ में से तो भ्रष्टाचारियों की सोने की लंका भी बनेगी |  राम के नाम से खा जाएँगे बीस-तीस करोड़ रुपए |

बोला- तो क्या राम का मंदिर न बने ? राम का मंदिर भारत में नहीं बनेगा तो कहाँ बनेगा ?

हमने कहा- यह बिना बात पलटी मारकर घुमा मत |राम ने अनुज वधू पर कुदृष्टि डालने वाले बाली को दंड दिया था |सीता का हरण करने वाले रावण को दंड दिया था |और आज बलात्कारियों को पकड़ने की बजाय ४५ लाख का पॅकेज देकर मामले को ठंडा किया जा रहा है |बात पॅकेज और सरकारी खर्चे पर इलाज़ करवाने की नहीं है |बात यह है कि किसी राज में अपराधी इतने उद्दंड या निर्भय कैसे हो गए कि पीड़िता के परिवार को ट्रक से कुचलवा डालें ? जब तक ऐसे अपराधियों को भय नहीं हो, उन्हें दण्डित न किया जाए तब तक इन मगरमच्छी आंसुओं का कोई अर्थ नहीं |

बोला- तो चल, इसी बात पर हैदराबाद की पुलिस को ही बधाई दे दे जिसने चारों अपराधियों को एन्काउन्टर में मार गिराया जबकि इस देश में पुलिस का इतिहास गाँधी को डंडे मारने का, जलियांवाला बाग़ में निहत्थों पर गोली चलाने का और नआँगन बाड़ी कार्यकर्ता भंवरी देवी के केस को लटकाने का रहा है |  

हमने कहा- ये सब साधारण लोग थे तो एन्काउन्टर कर दिया लेकिन बड़े-बड़े लोग तो 
अब भी फाइव स्टार अस्पतालों में आराम फरमा रहे हैं |कहीं उनके चेहरे पर अपराध बोध या कानून या पुलिस का भय दिखाई देता है ? यदि नहीं तो ऐसे एन्काउन्टरों पर विश्वास नहीं किया जा सकता ?स्वर्णिम चतुर्भुज हत्या में ईमानदार इंजीनीयर सत्येन्द्र दुबे की हत्या में पता नहीं कहाँ से दो उचक्कों को पकड़ लाए और हो गया न्याय |जबकि जिन्हें उस इंजीनीयर की हत्या ने बड़े घोटाले में फंसने से बचा लिया, उनके तो कहीं नाम ही नहीं आए |यदि एनकाउन्टर की करना है तो बलात्कार के अपराधी एम.पी. और एम.एल.ए. का करके दिखाओ |लेकिन नहीं उन्हें तो ये सेल्यूट मारेंगे |


Image result for मुजफ्फरपुर की जला देने वाली घटना

और आज ही मुजफ्फरपुर बिहार में एक लड़की को किसी प्रोपर्टी डीलर के युवराज ने घर में घुस कर जिंदा जला दिया जबकि वह लड़की कई दिन से शिकायत कर रही थी कि आरोपी उसे परेशान करता है |पुलिस ने उसकी रिपोर्ट भी नहीं लिखी |और अब लोग टसुए बहाएंगे, पॅकेज ज़ारी करेंगे |ये अपराधी इन्हीं नेताओं के कुल के हैं |इसीलिए तो इनका एन्काउन्टर तो दूर रिपोर्ट तक नहीं लिखी जाती |और ज़रा कठुआ के बलात्कारियों के पक्ष में जुलूस निकालने वालों और लिंचिंग के अपराधियों का स्वागत करने वाले मंत्री का कालर की पकड़ कर दिखा दे पुलिस |

बोला- तो क्या हैदराबाद पुलिस को नरमी बरतनी चाहिए थी ?

हमने कहा- फिर वही बात | हम तो कहते हैं कि सभी अपराधियों के साथ सख्ती बरतो, एक-दो महीने में फैसला करो, किसी आरोपी को खुल्ला मत छोड़ो, फिर चाहे वह सत्ताधारी पार्टी का विधायक हो या सांसद |

तोताराम, इतना सब तो छोड़ |हम तो उस दिन देश में रामराज मान लेंगे जिस दिन १३५ करोड़ की आबादी में एक भी माई का लाल त्रेता के जटायु जैसा निकल आए जो अपराधी को ललकारे, भले ही वह लंका का राजा रावण ही क्यों न हो |फिर कोई चिंता नहीं कि राम का मंदिर पचास हजार करोड़ का बने या पांच हजार का या न ही बने |राम का मंदिर ईंट-पत्थर का नहीं मर्यादा का होता है |















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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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