May 1, 2020

तोताराम की वीडियो कोंफ्रेंसिंग



  
तोताराम के साथ वीडियो कोंफ्रेंसिंग 


अब शरीर में पोषक तत्त्वों का स्टॉक इतना नहीं बचा कि उस पर शरीर में पाए जाने वाले लाभदायक बैक्टीरिया अपना गुज़ारा कर सकें |आखिर यह शरीर अंग्रेजों के ज़माने का जो ठहरा |इसलिए कभी-कभार पाचन क्रिया में कुछ व्यवधान आ जाता है |वैसे तो जवानी में भी हमारी पाचन शक्ति नेताओं की तरह इतनी प्रबल नहीं थी कि चारा, कोलतार, सीमेंट, बैंक का लोन, आँगन-बाड़ी का राशन आदि कुछ भी पचा सकें | इसलिए उम्र को देखते हुए बच्चों ने घर से बाहर निकलने पर टोकना शुरू कर दिया है |

मगर यह क्या तोताराम हाज़िर !

हमने कहा- तोताराम, यह कोरोना है |किसी को नहीं बख्शता | ब्रिटेन में प्रधानमंत्री और कनाडा के प्रधानमंत्री की पत्नी तक को हो चुका है |

बोला- मास्टर, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है |जहाँ- 

'औषधं जाह्नवी तोयं वैद्योनारायण हरिः' होता है | 
हम गौमूत्र से हर बीमारी का इलाज़ कर सकते हैं |पुलिस को दिखाने की बात और है वैसे मुख्य सड़कों और चौराहों के अतिरिक्त कितने लोगों को हैलमेट या मास्क लगाए देखता है ?हम इतने दीये जलाते हैं कि कोरोना चुँधियाकर रास्ता भटक जाए | हम इतनी जोर से थाली और ताली बजाते हैं कि कोरोना क्या उसका बाप भी हमारी एकता और उत्सवधर्मिता से भयभीत होकर भाग खड़ा होता है |

हमने पूछा- तोताराम, क्या तुझे किसी पुलिस वाले ने नहीं रोका ?पूछा नहीं कि इस जनता कर्फ्यू में कहाँ मरने जा रहा है, बूढ़े ?

तोताराम ने अपने थैले से एक छोटा का कटोरदान निकालते हुए कहा- कोई पूछ भी लेगा तो कह दूँगा- कोरोना-कर्फ्यू में फँसे एक बुज़ुर्ग को नाश्ता देने जा रहा हूँ |किसे पता, इधर-उधर कोई रिपोर्टर हुआ तो कल के अखबार के शेखावाटी पृष्ठ पर छोटा-मोटा समाचार ही लग जाए |

हमने कहा- वह नहीं होने का | समाचार तो नेताओं का छपेगा अथवा उन स्कूलों और कोचिंग सेंटर वालों का छपेगा जो अखबार वालों को 'मेरिट ही मेरिट' के विज्ञापन देते रहते हैं | वैसे तेरे पास भी स्मार्ट फोन तो है ही | फिर क्यों न हम मोदी जी की तरह वीडियो कांफ्रेंसिंग कर लिया करें |



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बोला- लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग में वह मज़ा कहाँ जो सामने वाले को लपककर झप्पी में भर लेने का होता है |

हमने कहा- फिर भी मोदी जी  ने सार्क सम्मेलन वीडियो कांफ्रेंसिंग से कर लिया और अब तो वे राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सरपंचों, क्रिकेटरों आदि से इसी तकनीकी से बतिया लेते हैं |अच्छा हो, अब वे अपने विदेशों के दौरे भी इसी तकनीक से निबटा लें |यह सस्ता भी पड़ेगा, सुविधाजनक रहेगा और समय की बचत तो है ही |आराम से ट्रंप साहब को फोन पर कह दो- हैलो डोनाल्ड, क्या चाय पी रहे हो ? अगर मूड हो तो कुछ चर्चा हो जाए ? 

'टू मिनिट्स नूडल्स' या 'धोया-सुखाया और हो गया'  की तरह |

बोला- यह थोड़े दिन का शगल है |जैसे ही लोगों में कोरोना का भय थोड़ा कम हो जाएगा; सारे आन्दोलन-धरने-प्रदर्शन ठंडे पड़ जाएँगे तब फिर वही नामांकन में लाखों भक्तों के साथ शक्ति-प्रदर्शन, वही करोड़ों खर्च करके लाखों की रैलियाँ और वही नमस्ते ट्रंप, हाउ डी... सो एंड सो, नमामि गंगे आदि शुरू हो जाएगा |  















 


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