Oct 6, 2020

कोरोना के बहाने






कोरोना के बहाने 


सरकारी रिकार्ड के अनुसार ५ जुलाई को ७८ वर्ष पूरे हो गए |अंग्रेजी कैलेण्डर के हिसाब से कल १८ अगस्त २०२० को यह महान क्षण आ गया |विक्रम संवत के अनुसार  २७ जुलाई २०२० को तुलसी जयंती के दिन यह महान उपलब्धि इतिहास में दर्ज हो गई |

किसी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री ने बधाई नहीं दी |जब उन्हें नोबल पुरस्कार विजेता, दुनिया भर बौद्धों के एकमात्र धर्मगुरु दलाई लामा को ही उनके जन्म दिन की बधाई देने का समय नहीं मिला तो हमें ऐसी उम्मीद करनी ही नहीं चाहिए |वास्तव में हमने कोई उम्मीद की भी नहीं थी |

हाँ, कल हमारे ४०-५०-६० साल पुराने कुछ विद्यार्थियों के बधाई वाले फोन ज़रूर आए |उन्होंने बड़ा उत्साह बढ़ाने वाला कमेन्ट दिया- सर, आपकी आवाज़ अब भी कड़क है | मन में कुछ 'गुड फील' हुआ |अब उन्हें क्या बताएं कि केवल कड़कनेस से क्या होता है ? कोई मन की बात सुने भी तो ? वैसे कौन किसी के मन की बात सुनता है ?हमें तो लगता है मोदी जी भी मुगालते में हैं कि सारा देश उनके मन की बात सुन रहा है |इस दुनिया में कोई किसी के मन की बात नहीं सुनता | वैसे झूठी बातों का भी अपना कुछ महत्त्व ज़रूर होता है |आज 'अच्छे दिन' और 'खाते में  १५ लाख रु.'  के नाम से उल्लू बन जाने वालों पर हमें तरस नहीं आया |











पत्नी को तो अपनी तरफ से बताना पड़ा कि आज से अस्सी साल का होने में दो बरस ही रह गए हैं |

बोली- तो क्या अस्सी बरस के होने पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या भारत रत्न बन जाओगे ?

बात तो अडवानी जी की तरह बहुत अपमानजनक थी लेकिन क्या बोलें और किस हैसियत से बोलें ? कई बरसों से निर्देशक मंडल में पड़े-पड़े घुटने जाम हो गए हैं | इतने में एक सहारे की तरह तोताराम की आवाज़ आई |पता नहीं कब आकर बैठ गया था ? बोला- जब अडवानी जी के लिए ही कोई स्कोप नहीं रह गया तो हम किस खेत की मूली हैं | लेकिन अस्सी साल का होने पर पेंशन ज़रूर २५% बढ़ जाएगी |

पत्नी ने कहा- लेकिन यह तभी संभव है जब सरकार ने कोरोना के बहाने, पेट्रोल के दाम बढ़ाने की तरह कोई धूर्तता न करे |नहीं तो महँगाई भत्ते की तरह पेंशन को भी फ्रीज़ कर दिया तो क्या कर लोगे ? 

हमने कहा-  क्या कर लेंगे ? उसके बाद पेंशन के नब्बे साल में डेढ़ गुना होने का इंतज़ार करेंगे |

बोला- और तब भी किसी और कोरोना के नाम पर यही मोरिटोरियम  चालू रखा तो ? 

हमने कहा- तो एक सौ साल का होने पर पेंशन के दुगुना होने का इंतज़ार करेंगे |

बोला- इसका मतलब अडवानी जी की तरह सरकार को 'शिला पूजन समारोह में आमंत्रण देने न देने जैसे असमंजस' से निकलने नहीं देगा |

हमने कहा- सरकार भी तो किसी मामले में अपनी नीयत साफ़ नहीं कर रही |कोरोना की तरह देश को हवा में लटकाए हुए है |न टीका, न इलाज, न नौकरी; बस लॉक डाउन ही लॉक डाउन |






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