Oct 2, 2020

मोरिंगा के परांठे


मोरिंगा के परांठे 


जैसे ही तोताराम आया, हमने पूछा- हे प्रिय तोताराम, इस उम्र में भी तुम्हारी फिटनेस का रहस्य क्या है? कृपया हमें इस रहस्य से अवगत करवाने का कष्ट करें.

बोला- यह संस्कृतनिष्ठ भाषा ! क्या चक्कर है ? लगता है आज चाय का कोई जुगाड़ नहीं है. जब किसी को बहलाना या बहकाना होता है तब लोग इसी भाषा में बोलते हैं. सच कहूँ, मुझे इस तत्सम हिंदी से बड़ा भय लगता है. मोदी जी ने भी 'मन की बात' में बड़ी मनमोहक बातों में लगाकर चुपके से रसोई गैस पर सब्सीडी बंद कर दी. 

हमने कहा- तुझे कहाँ से मिली सूचना ? 

बोला- अपनी बैंक की पास बुक ध्यान से देखाकर. उसमें पिछले चार महिने से सब्सीडी नहीं आ रही है. वैसे जहाँ तक सूचना देने की बात है तो मोदी जी के पास ऐसी छोटी-मोटी बातों की सूचना देने के लिए समय कहाँ है ?

हमने कहा- ऐसी बात नहीं है. उन्हें देश के हित की छोटी से छोटी बात का भी ध्यान रहता है. आज ही उन्होंने विराट कोहली, पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर, मिलन्द सोमण, देवेन्द्र झाझड़िया से उनकी फिटनेस का राज़ पूछा और अपनी फिटनेस का राज़ बताया. इससे फिटनेस में रुचि रखने वाले और उत्साहित होंगे और हमारे जैसे आलसी फिटनेस के लिए प्रेरित होंगे. फिट इण्डिया : हिट इण्डिया. 

बोला- कहीं यह मिलिंद सोमण वही तो नहीं है जिसने आज से कोई २५ वर्ष पहले मधुसप्रे के साथ बिना कपड़ों के किसी कंपनी के जूतों का विज्ञापन किया था ? 

हमने कहा- हाँ, है तो वही लेकिन अब ५५ साल की उम्र में भी अपनी फिटनेस के बल पर अपने से २५ साल छोटी अंकिता कँवर के साथ पारिवारिक जीवन बिता रहा है. लेकिन बात तो तेरी फिटनेस के रहस्य की थी. 

बोला- गरीब की क्या फिटनेस ? गरीबी ही उसकी फिटनेस का रहस्य है. कम खाते हैं, गम खाते हैं. बुढ़ापे में भी पेट के लिए दौड़ना पड़ता है और लोग समझते हैं बूढ़ा इस उम्र में भी फिट है. वही बुढ़िया वाली बात. किसी ने कहा- बुढ़िया, बहुत तेज़ दौड़ रही है. बुढ़िया बोली- मैं क्या दौड़ रही हूँ, कुत्ते पीछे पड़े हैं, दौड़ा रहे हैं. 

नेता का तो रास्ते चलते भी यदि आराम करने का मन हो जाए तो एम्स में घुस जाता है और चेकिंग के बहाने लक्ज़री कोटेज में खूबसूरत नर्सों की मुस्कान युक्त सेवा से फिट हो जाता है. मुझे लोग पूछते हैं आपकी स्लिमनेस का क्या राज़ है ? क्या बताऊँ ? अधभूखे आदमी पर क्या चर्बी चढ़ेगी ? मोटापा तो मुफ्त के मनमाने माल पर आता है. 

हमने कहा- ऐसा नहीं है. सस्ते में भी व्यक्ति पौष्टिक भोजन कर सकता है और मोदी जी की तरह स्वस्थ रह सकता है. 

बोला- मैंने तो कुछ साल पहले पढ़ा था कि मोदी जी के स्वास्थ्य का रहस्य अस्सी हजार रुपए किलो का कोई मशरूम है जो हिमालय में पाया जाता है. 

हमने कहा- ये सब अफवाहें हैं. उसकी कीमत ८० नहीं मात्र ३० हजार रुपए किलो है. 

बोला- ३० हजार भी कोई कम है क्या ? मेरी तो पेंशन भी इतनी नहीं बनती.


 


हमने कहा- इस बार उन्होंने एक बहुत ही सस्ता नुस्खा बताया है. वे सप्ताह में दो दिन  मोरिंगा के पत्तों के परांठे खाते हैं. तू चाहे तो, हमारे पिछवाड़े में लगा है, सारे पत्ते तोड़ ले जा.  

बोला- क्या यह मोरिंगा मोर या उसे दाना चुगाने जैसी थेरेपी तो नहीं है ? 

हमने कहा- नहीं, मोरिंगा का मोर से कोई संबंध नहीं है, यह तो अपने सहजन, सैंजना का वानस्पतिक नाम है- ओरिंगा ओलिफेरा. अपने राजस्थान के वीरवर महाराणा प्रताप भी अपने बच्चों को शायद इसी घास की रोटी खिलाते थे.

बोला- बड़े आदमी कभी पूरी बात नहीं बताते फिर चाहे वे महाराणा प्रताप हों या मोदी जी. जब  मोदी जी के शेफ संजीव कपूर से पूरी रेसिपी पूछोगे तो पता चलेगा कि सहजन के तो चार पत्ते होते हैं बाकी तो काजू, किशमिश, बादाम, पिस्ते और पीले रंग की देशी गाय का शुद्ध घी होता होगा. और शहद के साथ खाते होंगे.



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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