मोदी जी को एक चांस और
आज तोताराम ने आते ही कहा- मास्टर, मोदी जी को एक चांस और दिया जाना चाहिए ।
हमने कहा- हम चांस देने वाले कौन होते हैं ? क्या एक चांस के लिए मोदी हमारे भरोसे बैठे रहते हैं ? वे अपना प्रबंध खुद कर लेते हैं । उन्होंने पहले ही कह दिया था- दो टर्म काफी नहीं और मिल गया तीसरा टर्म । इसके बाद उन्होंने अमृत काल 2047 तक की 5 गुणा 5 की पाँच पंचवर्षीय योजनाएँ एक साथ रख दी देश के सामने मतलब हो गया अगली पाँच टर्म का इंतजाम । कुल मिलाकर हो गया मोदी 8.0 । और फिर जब देश के पास विकल्प ही नहीं है तो सोचना क्या ? मोदी जी जानें और इस देश का भाग्य-भविष्य। जब तक सूरज-चाँद रहेगा : मोदी जी का राज रहेगा ।
बोला- मास्टर, तू भी मन की बात से कम नहीं है । जैसे ही चौथे रविवार की तरह चाय का टाइम आया नहीं कि तेरा ‘रामायण’ का मास-पारायण शुरू । न किसी बात का संदर्भ समझना और न प्रसंग पूछना ।हर जगह जाकर मोदी जी की तरह अपना कोई न कोई रिश्ता निकाल लेना । मैं मोदी जी के उस दुख की बात कर रहा हूँ जो उन्होंने दिल्ली और बंगाल की सेवा न कर पाने के कारण उन्हें हुआ था । बेचारे 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों का मुफ़्त में इलाज करवाना चाहते हैं लेकिन ये नेहरू-गाँधी के प्रगतिविरोधी परिवार वाले सेवा करने ही नहीं दे रहे हैं । अब सेवा करने वाला व्यक्ति सेवा न कर सके तो सोच लो उसे कितना दुख होता होगा ।
हमने कहा- अगर ऐसी ही बात है तो यहाँ राजस्थान में आ जाएँ । यहाँ डबल इंजन की सरकार है । यहाँ उन्हें सेवा करने से कोई नहीं रोक सकता । करें 24 घंटे के दिन में 26 घंटे सेवा लेकिन हम यह खतरा नहीं उठा सकते । हम स्वाभाविक मौत मरना चाहते हैं ।
बोला- कुछ भी कहेगा,करेगा लेकिन बिना किन्तु-परंतु के नहीं । अरे, सेवा मतलब सेवा । जैसे प्रार्थना करते हैं कि नहीं
अब सौंप दिया है यह जीवन मोदी जी के ही हाथों में ।
अब मौत है उनके हाथों में और जीवन उनके हाथों में ॥
गीत में भगवान कृष्ण कहते हैं कि नहीं-
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्।।9.22।।
जो अनन्य भक्त मेरा चिन्तन करते हुए मेरी उपासना करते हैं, मेरे में निरन्तर लगे हुए उन भक्तोंका योगक्षेम (अप्राप्त की प्राप्ति और प्राप्त की रक्षा) मैं वहन करता हूँ।
ऐसे ही मोदी जी सबका योगक्षेम वहन करते हैं ।
हमने कहा- तोताराम, न हम कृष्ण पर अविश्वास करते हैं, न मोदी जी पर और तुम पर लेकिन हमें गुजरात मॉडल पर विश्वास नहीं है ।
बोला- लेकिन यह तो राजस्थान है ।और मोदी का गुजरात का विकास का मॉडल तो दुनिया में प्रसिद्ध है ।
हमने कहा- कितना प्रसिद्ध है और कितना सफल है यह तो या तो भगवान जाने या फिर वहाँ के मरीज लेकिन अभी हमने गुजरात के अहमदाबाद के एक ख्यातिप्राप्त अस्पताल ‘ख्याति अस्पताल’ की ख्याति के बारे में पढ़ा है जहाँ के डाक्टरों ने प्रधानमंत्री आयुष योजना का बीमा का पैसा झटकने के लिए कुछ मरीजों की एंजियोप्लास्टी की जरूरत न होने पर भी उनकी एंजियोप्लास्टी कर दी गई । उनमें से दो की मौत हो गई । जैसे कोचिंग संस्थाओं में जहाँ लाखों रुपए फीस ली जाती है और सलेक्ट हो जाने वाले दो-चार बच्चों का अखबारों में ढिंढोरा पीटा जाता है लेकिन बाकी के प्रति कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं । बड़े-बड़े वादे करके वोट ले लो और फिर जुमला कहकर बरी हो जाओ ।
बोला- लेकिन तू गुजरात के ही पीछे क्यों पड़ा हुआ है । बिहार में भी तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सूचीबद्ध 730 महिलाओं में से कई के गर्भाशय अनावश्यक रूप से निकाल दिए गए थे ।
हमने कहा- हम किसी राज्य का कोई समर्थन या विरोध नहीं कर रहे हैं । फिलहाल तो जो उदाहरण तत्काल याद आए तुझे बता दिए । वैसे जब भी आप किसीका गलत तरीके से सामर्थन लेंगे तो फिर आप उसे सही रास्ते पर लाने का नैतिक अधिकार खो बैठते हैं ।
बोला- लेकिन अपन कोई ऑपरेशन नहीं करवाएंगे । दवा वाला इलाज करवा लेंगे । मुफ़्त का इतना तो लाभ उठा ही सकते हैं ।
हमने कहा- तोताराम, क्या पता इस योजना के लिए तय किए गए अस्पताल डेट एक्सपायर हुई दवा ही न दे दें । इससे अच्छा तो अपन प्रधानमंत्री जनौषधि वाली सस्ती दवाइयाँ ही ले लिया करेंगे । कम से कम वे कुछ फायदा नहीं करेंगी तो नुकसान भी नहीं करेंगी । यही होगा कि उनमें कीमती साल्ट की जगह वैसे ही कुछ भी पीस कर मिला दिया गया होगा । उस स्थिति में दवाओं का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं होगा ।
मुफ़्त का ज़हर मिले तो क्या कोई खा लेगा ? सोने की कटारी पेट में घोंपने के लिए थोड़े होती है ।
कमाने दे, घपला करने वालों को । जिन्होंने एलेक्टोराल बॉण्ड खरीदे हैं वे ऐसे हीे कमाएँगेे ।
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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