Dec 12, 2024

राइजिंग राजस्थान में तोताराम


राइजिंग राजस्थान में तोताराम  

 

 

 

आज सोमवार हैरात ठंड कुछ अधिक अनुभव हुईआज अखबार भी अन्य दिनों की बजाय जल्दीगयानींद खुली हुई थी सो उठा लाएजैसे ही शेखावाटी भास्कर परिशिष्ट पर नज़र पड़ी तो ठंड और अधिक लगने लगीबाईं तरफ छापा था आज रात का तापमान 2 डिग्री 

जैसे किसी त्योहार या रैली-जुलूस की सूचना मिलने पर डरपोक और शांतिप्रिय लोग घर पर रहना ही उचित समझते हैं वैसे ही हमने रजाई पर कंबल डालकर फिर एक झपकी लेना ही उचित समझा 

पता नहीं, कब तोताराम ने अपनी दहाड़ से हमें जगाया- अरे विकास विरोधी मास्टर, राजस्थानद्रोही ब्राह्मण, उठ । यहीं   गहलोत मोटर्स के पास से बस पकड़ लेंगे 

हमने कहा- ऐसी ठंड में हमें कहीं नहीं जाना 

बोला- जाएगा कैसे नहीं ? वहाँ जयपुर में मोदी जी भजनलाल और अनेक देशी-विदेशी निवेशकों के साथ इंतजार कर रहे हैंदेख, पहले पेज पर ही विज्ञापन छपा  है-  

राइजिंग राजस्थान : रिप्लीट, रेस्पोंसिबल, रेडी  

हमने कहा- यह स्टाइल तो तोताराम मोदी जी का ही हैअनुप्रास की यह छटा तोकालिंदी कूल कदंब की डारन’  वाले रसखान और ‘तरणि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाएवाले जगन्नाथदास से कहीं भी कम नहीं हैमोदी जी और कुछ करेंकरें लेकिन अनुप्रास से दिल खुश कर देते हैं भले ही मोदी जी के अलावा किसी कोरिप्लीटका मतलब समझ मेंआए ।  वैसे इसं ‘र’ के अनुप्रास वाले विज्ञापन के साथ तो राजनाथ और रजूजू फिट बैठते 

बोला- मास्टर, तू भी मोदी जी से कम नहीं हैअच्छी भली दीवाली को होली में घुसेड़कर गरिमा का गोबर कर देता हैइस देश में जहाँ रेल को ढंग से हरी झंडी दिखाने वाला रेलमंत्री तो मिलता नहीं तो इतनी बड़ी औद्योगिक जिम्मेदारी के लिए कोई धनग का उद्योगमंत्री खां से मिलेगाअगर तुझे अनुप्रास से ही शांति मिलती हो तो इसका नाम मोदी जी से अनुप्रास मिलाने के लिए  ‘राइजिंग राजस्थानकी जगहमतवाली, मोहक मरुधरा में मनीता मोदी जी की मोकली मिजमानीकर देते हैं 

हमने कहा- तोताराम, इस मामले में तू भी मोदी जी कम नहीं हैवैसे एक बार जब 2000 में गहलोत जी ने राजस्थान कान्क्लैव का आयोजन किया था तब हम अमरीका में थेहमने भी भाग लेने के लिए ईमेल से रजिस्ट्रेशन करवाया था लेकिन कोई उत्तर ही नहीं मिलातब से हमारा मन खट्टा हो गया ।  फिर भी इस फ़ॉरेन इनवेस्टमेंट सम्मिट में हमारा क्या काम ? राम राम करके पेंशन में महिना निकल जाए यही क्या कम है ?  

बोला- एक बार प्रपोजल तो बना फिर लोन का क्या है बैंकों से ले लेंगे 

हमने कहा- हम कोई नीरव मोदी थोड़े हैं जो सरलता से 20 हजार करोड़ का लोन मिल जाएगा और फिर इंग्लैंड भाग जाएँगे  ।   

बोला- तो इससे क्या फरक पड़ता हैहम अपने प्रोडक्ट का नाममोदी झाड़ूरख लेंगेसस्ता प्रोडक्ट, कम निवेश और मोदी जी का मनपसंद प्रोजेक्ट 

हमने कहा- मोदी जी का दुनिया में डंका बज रहा हैवे दुनिया की आशा है, निर्विवाद नेता हैंक्या ऐसे मेंमोदी झाड़ूनाम से उनका अपमान नहीं होगा ? तुझे पता है ना कैसे ‘’मोदीनाम के चक्कर में राहुल गाँधी को दो साल की सजा हो गई थी 

बोला- लगता है तभी मोदी जी नेस्वच्छ भारतअभियान में दाढ़ी की जगह गाँधी का चश्मा चिपकाया थाकुछ और नाम सोच 

हमने कहा- तो फिरप्रधानमंत्री झाड़ूकैसा रहेगा ? 

बोला- लेकिन तेरी सोच झाड़ू से आगे नहीं जा सकतीयह नाम तो सीधे-सीधे इतने बड़े पद का अपमान है 

हमने कहा- अपमान तो अपमान हैक्याडॉक्टर्स ब्रांडीयाडॉक्टर ब्रांड टॉइलेट क्लीनरसे डॉक्टरों का अपमान नहीं होता ?  

बोला- डाक्टरों का क्या अपमानगुजरात में 70 हजार रुपए में बिना एक दिन कॉलेज में गए ही लोग डॉक्टर बनाए जा रहे हैंमान-अपमान कर्मों से होता हैएक रावण ने साधु का वेश बनाकर सीता का हरण करके दुनिया के सभी साधुओं की छवि का सत्यानाश कर दियाजैसे कि कल इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव ने बहुसंख्यकों के अनुसार न्याय की बात कहकर संविधान पर थूक दिया ।   

 

 

 

 


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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