Apr 5, 2019

डोंट कॉल मी तोता



 डोंट कॉल मी तोता  

आज हम कुछ जल्दी ही बरामदे में जा जमे |दो कारण- पहला सर्दी कम हो गई है |दूसरा- पाँच बजे ही आँख खुल गई है तो अब फिर क्या सोना ? आठ घंटे की नींद बहुत होती है |जब आचार संहिता लगने से पहले चुनावी वैतरणी में राम का नाम लेकर संसद तक सेतु निर्माण के लिए ताबड़तोड़ आधारशिलाएं तैराने के बाद गालियों और निंदा के तीरों से भरे तरकश लेकर प्रधान और सामान्य सेवक पाक-विजय की दुन्दुभी बजाते हुए निकल पड़े हैं तो हमारा जागते रहना बहुत ज़रूरी है |क्या पता, कोई मनचला समर्थक बरामदे में रखी झाड़ू ही उठा ले जाए |नई झाडू पचास रुपए की आती है |

जैसे ही मुँह धोकर कुल्ला फेंका तोताराम प्रकट हुआ |यही गनीमत रही कि उस पर पानी के छींटे नहीं पड़े |बचते हुए बोला- क्या नेताओं की तरह पर-निंदा और आत्मप्रशंसा के छींटे उछाल रहा है |

हमने कहा- हाय तोता, सॉरी |

बोला- डोंट कॉल मी तोता |

हमने कहा- आजकल फॉर्मल तरीका यही है |जब मोदी जी अमरीका के राष्ट्रपति को बराक पुकार सकते हैं, अठारह-उन्नीस साल की एक लड़की उनचालीसवें साल में चल रहे राहुल गाँधी को 'हाय राहुल' पुकार सकती है तो हम तो तुझसे छह महिने बड़े हैं |लगता है तूने चेन्नई के स्टेला मैरिस वीमेंस कॉलेज में ३००० हजार महिलाओं के प्रश्नों का ज़वाब देते राहुल को नहीं सुना | 

बोला- वह तो बेचारी कन्या को राहुल के निर्देश पर पुकारना पड़ा लेकिन क्या तूने उस बालिका की प्रतिक्रिया नहीं देखी ? कैसे जीभ निकालकर लजा रही थी ?हालाँकि तत्काल ही उसका सशक्तीकरण हो गया और उसने सहज भाव से 'हाय राहुल' बोला |उसके बाद एक बार फिर उसने इरादतन 'राहुल' बोला |ठीक है, राहुल अभी भी युवक ही लगते हैं |तिस पर जींस-काली टीशर्ट में, क्लीन शेव्ड, और कुँवारे भी |भले ही मोदी जी वात्सल्य भाव से राहुल को 'पप्पू' कहते हैं लेकिन यह भी सच है कि वे ४९ वें में चल रहे हैं | इस उम्र में तू दादा बन गया था |वैसे यदि मोदी जी समाज सेवा के लिए संन्यास न लेते तो वे भी तेरी तरह ४९ वर्ष की आयु में दादा बन जाते क्योंकि उनकी शादी भी तेरी तरह १७ वर्ष की आयु में ही हुई थी |

हमने कहा- तो क्या हम तुझे 'हाय तोता' नहीं कह सकते ? उम्र के हिसाब से तो हम मोदी जी को भी प्यार से 'नरेन्द्र' कह सकते हैं |प्यार में छोटा संबोधन ही अच्छा लगता है |
बोला- यह तो ठीक है कि तू मुझसे बड़ा है |प्यार में मुझे गधा, उल्लू, बेवकूफ कुछ भी बुला सकता है | आगे पीछे कुछ भी विशेषण लगा सकता है लेकिन मुझे इस 'हाय तोता' से ऐतराज़ है |

हमने कहा- इसमें क्या खराबी है ?

बोला- तेरा नाम रमेश और राहुल तथा नरेन्द्र आदि  के फर्स्ट नेम भी पूरा अर्थ दे देते हैं और अजीब नहीं लगते लेकिन मेरा नाम ? तू तो प्रेम से कहेगा-  'हाय तोता' और लोग समझेंगे कि कोई अपने पिंजरे में बंद तोते से तो नहीं बतिया रहा ?  


 

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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