Apr 7, 2019

समस्या की जड़



समस्या की जड़ 

आज तोताराम बहुत नाराज़ था |बोला-चीन को सोया हुआ अजगर कहा जाता था |यह तो अफीम खाकर ऊँघता ही भला था |अंग्रेज बड़े समझदार थे जो इन्हें अफीम सप्लाई करते थे |अब यह अजगर जाग गया है और दुनिया की नींद हराम किए हुए है | इस आग में घी डाला और इस अजगर को दूध पिलाया तुम्हारे प्रथम प्रधान मंत्री नेहरू ने |

हमने कहा- कुछ भी हो तोताराम, नेहरू जी का कुछ तो योगदान रहा होगा और फिर वे उम्र और कर्म में हमसे तो बहुत बड़े हैं ही | थोड़ा बहुत तो शिष्टाचार निभाना चाहिए |कुछ लोग हाफिज के नाम से पहले, पता नहीं भूल से, डर से  या आदतवश 'जी' लगा देते हैं तो कुछ उसका नाम हिकारत से लेने को ही देशभक्ति मानते हैं |लेकिन इस देश में इतना शिष्टाचार तो बचा हुआ है कि सामान्य लोग बात-बात पर  'जूता-कांड' वाले भाजपा सांसद की तरह 'माँ-बहन' नहीं करते |

बोला- यह मौसम है ही गाली-गलौज का |बड़े-बड़े पदों पर बैठे माननीय एक दूसरे को चोर-उचक्का कह कर बात कर रहे हैं | फिर नेहरू में ऐसा क्या ख़ास था |मेरे हिसाब से तो इस देश की सारी समस्याओं की जड़ नेहरू ही था |तभी तो पिछले सत्तर साल से देश का विकास रुका हुआ था |यह तो देश का सौभाग्य है कि उसे पहले अटल जी मिले जिन्होंने आते ही बम बना दिया और विस्फोट कर दिया |फिर मोदी जी मिले जो जी-जान से दिन में २०-२० घंटे विकास में जुटे रहते हैं | आते ही मंगलयान छोड़ दिया |लेकिन नेहरू जी के कुकर्म अब भी इस देश का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं और देश के अच्छे दिन लाने को कटिबद्ध मोदी जी और जेतली जी को परेशान किए हुए हैं |

हमने कहा- नेहरू जी तो उस समय ही दिवंगत हो गए थे जब मोदी जी और जेतली जी मिडिल स्कूल में पढ़ते थे |वे इन्हें कैसे परेशान कर रहे हैं |

बोला- परेशान कैसे नहीं कर रहे हैं ? ये जो आतंकवादी देश को परेशान किए हुए हैं उनकी जड़ में नेहरू ही  तो है |जेतली जी का स्टेटमेंट नहीं पढ़ा ?उन्होंने कहा है कि यदि नेहरू जी सुरक्षा परिषद में चीन की स्थायी सदस्यता का समर्थन नहीं करते तो आज चीन हाफिज को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने से नहीं रोक सकता था |

हमने कहा- तो क्या सर्जिकल स्ट्राइक के लिए चीन से इज़ाज़त ली थी ? क्या अमरीका ने ओसामा को पकड़ने के लिए चीन से पूछा था ? अब तो नेहरू जी नहीं हैं |अब तो जो देश का नेतृत्त्व कर रहे हैं उन्हें ही कुछ करना पड़ेगा |

बोला- करेंगे |करेंगे क्यों नहीं ? और क्या किया नहीं ? इन्नोवेटिव डिप्लोमेसी की, झूला झूले, चाय पी, झप्पी ली |हम तो तुझे इस समस्या की जड़ बता रहे हैं |

हमने कहा- इस प्रकार तो इस समस्या की जड़ नेहरू जी नहीं और भी बहुत से लोग थे  नेताजी सुभाष, भगत सिंह, बिस्मिल, आज़ाद, अशफ़ाक आदि जैसे बहुत से क्रांतिकारी  |पर  चूँकि कानूनी रूप से देश से अंग्रेजों से आज़ादी दिलाने का श्रेय गाँधी जी को दिया जाता है | इसलिए मेरे विचार से इस देश की सभी समस्याओं, विशेषरूप से चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों से होने वाली समस्याओं के लिए नेहरू जी से अधिक दोष गाँधी जी को दिया जाना चाहिए |

अब चौंकने की बारी थी तोताराम की |

बोला- वह कैसे ?

हमने कहा- न गाँधी अंग्रेजों को भगाते, न हमें सत्ता मिलती और न इन समस्याओं का सामना करना पड़ता |अंग्रेज जानते और इस देश की समस्याएँ |सब ज़िम्मेदारी अंग्रेजों की बनी रहती |  और हम उनकी छत्रछाया में शांतिपूर्वक देश का सांस्कृतिक विकास करते रहते |चर्चिल ने तो कहा भी था कि यदि हम यहाँ से चले गए तो यह देश ऐसे घटिया लोगों के हाथों में चला जाएगा जो आपस में ही लड़ते रहेंगे |

बोला- यह तो तू अंधेर नगरी चौपट राजा वाला न्याय कर रहा है | 

हमने कहा- बिलकुल नहीं |भारतेंदु की उस प्रसिद्ध नाटिका में  तो चौपट राजा साधु की जगह खुद ही फाँसी पर चढ़ जाता है |इसप्रकार नाटिका सुखांत हो जाती है जबकि यहाँ तो नगरी चौपट हो रही और राजा मज़े ले रहे हैं |



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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