Jun 25, 2019

तोताराम का तरबूज-तुलादान



 तोताराम का तरबूज-तुलादान 


आजकल तोताराम का हमारे यहाँ आना कुछ कम हो गया है |बीच-बीच में गच्चा दे जाता है |हमें बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष और मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष की तरह फ़िक्र लगी रहती है कि उसकी एम एल ए रूपी भोलीभाली, सुंदरी कन्याओं को कहीं कोई अमित शाह भगा न ले जाए |इसलिए जब कभी वह नहीं आता है तो हम किसी न किसी बहाने उसके वहाँ चक्कर लगा लेते हैं |

आज भी जब तोताराम नहीं आया तो हम उसके घर की ओर चल दिए |देखा, उसके बरामदे के आगे गली के कई आवारा सांड और गाएं इकट्ठे हो रहे हैं और मज़े से तरबूज के छिलके चबा रहे हैं |किसी तरह उनसे बचते-बचाते उसके घर में दाखिल हुए तो देखा वहाँ भी पूरा परिवार तरबूज खाने में लगा हुआ है |

हमें बड़ा अजीब लगा |हमने कहा- तोताराम, यह ठीक है कि महंगाई बढ़ गई है और इस समय तरबूज सस्ता है लेकिन यह क्या कि कोई परिवार केवल तरबूज खाकर ही काम चलाए |अरे, सातवें पे कमीशन का जनवरी २०१६ से जुलाई २०१८ तक एक एरियर ही तो नहीं दिया मोदी जी ने |फिक्सेशन तो अगस्त २०१८ से दे ही दिया |क्यों बिना बात कल्याणकारी सरकार को बदनाम कर रहा है ?

बोला- बात सरकार को बदनाम करने की नहीं है |हुआ यह कि बंटी की दादी ने कहा कि आजतक आपने कभी तुलादान नहीं किया |अभी आपका वजन भी कम है, तरबूज भी सस्ते हैं और गर्मी भी बहुत पड़ रही है | सो एक पंथ तीन काज हो जाएंगे |तरबूज तुलादान कर ही दो |

हमने कहा- भले आदमी, तुलादान ही करना था तो मोदी जी की तरह कमल के फूलों का करता तो कम से कम किसी मुसलमान का तो भला होता |

बोला- यह सब राजनीति है |एक तो कमल उनकी पार्टी का निशान, दूसरे इस बहाने गुरुवायूर के भक्तों में अपनी पैठ बना लेंगे, तीसरे मुसलमान से कमल के फूल खरीदकर सर्व धर्म  समभाव का भ्रामक मेसेज देना |केरल में शबरीमला मंदिर की राजनीति में सफलता न मिलने पर  अब वहाँ फिर से वहां धर्म की राजनीति करने का एक बहाना है |अन्यथा जब गुजरात की राजनीति में थे तब तो द्वारिका से केरल पहुंचे बालकृष्ण की याद कभी नहीं आई | उन महंगे कमल के फूलों को कौन खाएगा ? तरबूज के छिलकों से कम से कम एक-दो जीवों का सही पेट तो भरेगा |

तभी तोताराम की पत्नी बोली- भाई साहब, गरमी में तरबूज पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है |आप भी जितना खा सको खालो वरना अभी आपके देखते-देखते सब समाप्त हो जाने वाले हैं |

हम भी मोदी जी की तरह देश की प्रगति और समृद्धि तथा तोताराम  की दीर्घायु एवं सातवें पे कमीशन के एरियर की कामना करते हुए तरबूजों पर पिल पड़े |

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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