तोताराम की जल-समाधि
जैसे ही हम देर रात क्रिकेट कमेंट्री-श्रवण की खुमारी में डूबते-उतराते बरामदे में पहुंचे कि तोताराम का पोता बंटी हाज़िर | हमने पूछा- क्या बात है ? आज तोताराम की जगह तू ? खैरियत तो है ?
बोला- बड़े दादाजी, अभी तक तो खैरियत है | कुछ देर बाद का पता नहीं |
हमने कहा- कुछ देर बाद क्या अशुभ होने की आशंका है ?
बोला- दादाजी ने आपको बुलाया है | कह रहे हैं, जल-समाधि से पहले भाई साहब से मिलना चाहता हूँ |
हमने कहा- अपने दादाजी से कह देना- हमारा आना संभव नहीं है क्योंकि हम खुद जल-समाधि लेने की सोच रहे हैं |
बंटी चला गया और उसके साथ कोई पांच मिनट ही बाद उलटे पाँव तोताराम हाज़िर |
बोला- क्या बात है भाई साहब | यह मैं क्या सुन रहा हूँ ?
हमने कहा- ठीक सुन रहे हो | हम जल-समाधि लेने जा रहे हैं ?
बोला- लेकिन उसके लिए कहीं जाने की क्या ज़रूरत है ? यह काम तो मेरी तरह घर पर भी हो सकता है | वैसे क्या मैं आपके इस आत्महत्या, आत्मबलिदान, आत्मोत्सर्ग जैसे महान निश्चय के पीछे छुपे महान उद्देश्य के बारे में जान सकता हूँ ?
हमने कहा- पिछले कुछ दिनों से हाथ-पैरों में बहुत खाज चलती है |तेल लगाओ तो गरमी में चिपचिपाहट अजीब लगती है, कुछ न लगाओ तो चमड़ी खुश्क हो जाती है |खुजाते रहो तो थोड़ी देर बाद लगता है खून निकल आएगा |कोई दवा काम नहीं कर रही है |अब एक ही उपाय सोचा है कि एक बड़े टब में पानी भरकर दोपहर-दोपहर उसमें बैठ जाया करें |इससे खुजली भी कम परेशान करेगी और गरमी से भी बच जाएंगे | बस, पानी आने का इंतज़ार कर रहे हैं |
बोला- मास्टर, तुम्हारी इस तुच्छता पर मैं शर्मिंदा हूँ |जल-समाधि जैसे पवित्र कर्म का ऐसा अवमूल्यन | कहते हैं राम ने सीता के वियोग में सरयू में जल-समाधि ले ली थी |
और अब कलयुग में मिर्ची बाबा उर्फ़ वैराग्यनन्द गिरि अपनी, दिग्विजय सिंह के भोपाल से लोकसभा चुनाव जीतने की भविष्यवाणी गलत सिद्ध होने पर, जल-समाधि लेने की प्रतिज्ञा का निर्वाह करने के लिए तड़प रहे हैं |
हमने कहा- लेकिन इसमें क्या परेशानी है ? उनके यहाँ तो पानी की भी कोई कमी नहीं है और फिर बाबा तो बड़े स्वाभिमानी होते हैं | वे तो अपनी बात के लिए चुल्लू भर पानी में भी डूब सकते हैं |
बोला- आजकल कहाँ है ऐसे बात के धनी बाबा |आजकल तो इन्हें भी सत्ता का चस्का लग चुका है |कहते हैं जब कलेक्टर परमिशन देगा तब समाधि लेंगे | क्यों भाई, जब ऐलान किया था तब क्या ऐसी कोई शर्त थी ? कल को कह देगा- अमरीका का राष्ट्रपति परमीशन देगा तब समाधि लूंगा |समाधि लेने वाला इस तरह के रोड शो नहीं करता | इस भयंकर गरमी में यदि किसी प्रकार प्रायश्चित या हठयोग जैसा कुछ करना है तो पंचाग्नि सेवन कर |बलिदान में भी सुविधा का ख्याल ! गरमी में तो यदि उपलब्ध हो तो कोई भी जल-समाधि ही लेना चाहेगा |
हमने कहा- कोई बात नहीं, मिर्ची बाबा जाने और हल्दी की गाँठ वाले दिग्विजय सिंह | तू पनी बता कि तू जल-समाधि क्यों ले रहा है ?
बोला- मैं तो इस शर्म के मारे जल-समाधि लेना चाहता हूँ कि इतने विकास और सेवा के बावजूद इस देश की अहसानफरामोश जनता ने मोदी जी की पार्टी भाजपा को केवल ३०३ सीटें ही दीं |
हमने कहा- तोताराम, किसी तरह हो सके तो अपना यह निश्चय जल्दी से जल्दी मोदी जी तक पहुंचा |हो सकता है इस आधार पर तुझे राज्यसभा में मनोनीत करने के योग्य पाया जाए |और कुछ नहीं तो पद्मश्री तो कहीं गई ही नहीं | सातवें पे कमीशन के १९ महीने का एरियर तो खबर पहुंचते ही रिलीज़ हो जाएगा |
बोला- भाई साहब, पद्मश्री तो जनवरी में घोषित होती है जबकि मेरे लिए यह जल-समाधि कार्यक्रम तो केवल मई-जून में ही संभव है | हम भी तो वे ही हैं जैसे कुछ आत्महत्या करने वाले चुभने पर रस्सी कमर में रस्सी बांधकर आत्महत्या करते हैं |
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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