Aug 3, 2019

काम किसी का , नाम किसी का




काम किसी का, नाम किसी का


हमने कहा– तोताराम,आजकल दुनिया बड़ी चालाक हो गई है। काम किसी का और श्रेय कोई और ले जाता है । अब दिल्ली में ही देखो केजरीवाल ने कुछ नहीं किया । वैसे ही फ्लाई ओवरों का उदघाटन करते फिर रहे हैं । जनता का पैसा अपने व्यक्तिगत प्रचार में फूंक रहे हैं । झूठ के बल पर अपनी दूकान चल रहे हैं ।
तोताराम ने पूछा- कैसे पता चला? दिल्ली कब गया था ?
हमने कहा- हम दिल्ली तो नहीं गए लेकिन 1971 में जन्मे ज्ञानी,स्पष्ट वक्ता, फिल्मों और समाजवादी पार्टी के प्लेटफोर्म पर सेवा कर चुके और अब दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा है। बोला- मनोज तिवारी की बात छोड़ तू बता देश में कौन-कौन सी कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं और उन्हें किसने शुरू किया? हमने कहा- हम रोज अखबार पढ़ते हैं, टी.वी. देखते हैं, रैलियों और जुलूसों में भाग लेते हैं। मन की बात का एक भी एपिसोड मिस नहीं किया। हमसे क्या छुपा है ।तत्काल पूरी सूची सुना दी जैसे मोदी जी अपने जन्म से पहले का भी कांग्रेस का देश का सत्यानाश करने वाला इतिहास एक सांस में सुना देते हैं । वैसे ही सुन उन योजनाओं के नाम जिन्हें मोदी जी ने शुरू किया और फिर हमने यह लिस्सट के सांस में सुना दी।
1. जन धन योजना
2. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
3.स्वच्छ भारत मिशन
4. सरदार पटेल नॅशनल मिशन फॉर रूरल हाउसिंग
5. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
6. अटल मिशन फॉर रेजेनुवेशन एंड अर्बन ट्रांस्फोर्मेशन ( अमृत )
7. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
8. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
9. ग्रोथ क्लेम्स
10. साइल हेल्थ कार्ड
11. परम्परागत कृषि विकास योजना
12. प्रधानमंत्री मातृत्त्व वंदन योजना
13. अटल पेंशन योजना
14. प्रधानमंत्री जन औषधि योजना
15. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
16. मेक इन इण्डिया
17. डिजिटल इण्डिया
18. स्किल इण्डिया
19. मिशन इन्द्रधनुष
20. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण योजना
21. पहल
22. भारत नेट
23. सागरमाला
तोताराम बोला- अब सुन उन सब योजनाओं के नाम जो मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के पहले से ही चली आ रही हैं। और फिर जेब से लिस्ट निकालकर पढ़ दी।
1.भारत सेविंग बैंक डिपोजिट2005
2. नॅशनल गर्ल चाइल्ड प्रोग्राम 2005
3. निर्मल भारत अभियान 2013
4. राजीव आवास योजना 2013
5. इंदिरा आवास योजना 1985
6. जवाहरलाल नेहरू नॅशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन 2005
7. राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना 2005
8. इर्रिगेशन बेनिफिट प्रोग्राम 2007
9.नीम कोटेड यूरिया2004
10. नॅशनल प्रोजेक्ट ओन मनेजमेंट ऑफ़ साइल हेल्थ एंड फर्टिलिटी 2008
11. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एंड अदर प्रग्रम्स 2007
12. इंदिरा गांघी मातृत्त्व सहयोग योजना 2010
13.जन औषधि स्कीम 2008
14. कम्प्रेहेंसिव क्रोप इंश्योरेंस स्कीम 1985
15. नॅशनल मेन्यूफेक्चरिंग पालिसी 2011
16. नॅशनल ई गवर्नेंस 2006
17. नॅशनल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम 2010
18. यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम 1985
19. नॅशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन 2005
20. डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर फॉर एल.पी.जी. 2013
21. नॅशनल ओप्टिकल फाइबर नेटवर्क 2011
हम तो हतप्रभ। तोताराम ने हमारे ज्ञान की हवा निकाल दी।
हमने कहा- तोताराम, इनमें कहीं हिंदी की अंग्रेजी और कहीं अंग्रेजी की हिंदी बना दी गई है। सब जगह नेहरू, इंदिरा, राजीव की जगह दीनदयाल के नाम फिट कर दिए हैं। कुछ भी नया नहीं है।
बोला- यही तो महत्त्व है विज्ञापन का। जब तेरे जैसे भी अपने ज्ञान के लिए विज्ञापन पर निर्भर हैं तो सामान्य आदमी की तो बात ही क्या? मोदी जी बावले नहीं है जो जनता का खून पसीने के 5 हजार करोड़ से भी अधिक रुपया मात्र 5 साल में फूंक डाले। मनमोहन जी तो राम-राम करके दस साल में पांच हजार करोड़ भी खर्च नहीं कर पाए। तभी तो किसी को पता नहीं चला कि वे कुछ कर भी रहे हैं या मौन ही बैठे हैं ।
हमने कहा- तभी सच ही कहा है- राम से बड़ा राम का नाम। राम जीवन भर धक्के ही खाते रहे लेकिन राम का नाम लेकर, उनके नाम का रथ निकालकर चतुर लोग गद्दी पर जा बैठे। काम किसका है इससे महत्त्वपूर्ण यह है कि पेंटिंग पर नीचे अपना नाम कौन लिख गया। सब संयोग की बात है- बम बना कांग्रेस के काल में और माचिस दिखाकर श्रेय अटल जी भाई साहब ले गए। मंगल यान की योजना सफलता पूर्वक पूरी हो चुकी थी मनमोहन जी के समय में और हरी झंडी दिखाने पहुंच गए मोदी जी।
बोला- यह सब विज्ञापन कला, सतर्कता और हर कहीं फोटो खिंचवाने की बेशर्म और साहसी कला का कमाल है।
हमने कहा- तो तोताराम, क्या तुम्हारे अनुसार 2014 के बाद से कुछ भी नया नहीं हुआ?
बोला- हुआ क्यों नहीं। हुआ है। अभूतपूर्व काम हुआ है। और बिना किसी की तनिक सी भी मदद लिए हुआ है और एक दिन में ही हुआ है।
हम आश्चर्यचकित। कोई राष्ट्रीय महत्त्व का बड़ा काम और हमारी नज़र से छूट गया ! सकुचाते हुए पूछा- बता तो कौन-सा ऐसा काम है?
बोला- नोटबंदी।
जिस उपलब्धि पर सारा देश स्तब्ध है उसके बारे में हम क्या उत्तर दे सकते थे।   

 











 

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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