Aug 9, 2020

मेरा भारत महान



मेरा भारत महान


आज तोताराम आया और हमें एक फोटो दिखाकर पूछने लगा- यह क्या है ?

हमने कहा- यह तेरा भारत महान है |

बोल- क्या भारत तेरा नहीं है ?

हमने कहा- है तो लेकिन कोई किसी के साथ अपना भारत साझा नहीं करना चाहता |यदि ऐसा होता तो मोदी जी 'नया भारत' बनाने की बात क्यों करते ? जैसा भी भारत है, अपना है, अपने पूर्वजों का है |इसे जैसे भी सुधारना है, सुधारो | अब इनके बाद, यदि किसी का आना संभव हुआ तो,  शायद वह अपना भारत बनाएगा |भारत क्या था यह शायद भारत को भी याद नहीं रहेगा |बनेगा कुछ नहीं | बस, नक्शा बदलता रहेगा और तोड़-फोड़ होती रहेगी |

बोला- फिर भी इस फोटो के बारे में तुझे क्या कहना है ?






हमने कहा- इस प्रकार का कई लहरियेदार तिरंगों से मिलाकर बना अर्द्ध वृत्त और उसके ऊपर बीच में ५० और सबसे ऊपर 'मेरा भारत महान' लिखा डिजाइन १९९७ में देश की आज़ादी की स्वर्णजयंती के समय बहुत चला था |चाय, बीड़ी, गुटकों तक 'भारत महान' हो गया था |अब भारत की महानता से कौन इनकार कर सकता था |देश की महानता पर गर्व करने का अधिकार तो सभी का है |हाँ, अपनी-अपनी महानता के कारण अलग-अलग हो सकते हैं |

बोला- अब यह बता-इस महान भारत के अन्दर क्या है ?

हमने कहा- महानता के अंदर कुछ नहीं होता |महानता तो एक भाव है, एक तरह की हवा है  जो पैदा होने के बाद किसी चीज की ज़रूरत ही नहीं रहती  |जैसे पेट में गैस होने पर पता ही नहीं लगता कि पेट भरा है कि खाली ? आदमी एक नशे में मस्त रहता है |और नशा उतरने के बाद याद ही नहीं रहता कि वह शाम वाला चक्कर क्या था ? फिर भी जब थैले पर लिखा है 'मेरा भारत महान' तो इसमें कुछ न कुछ महत्वपूर्ण ही होना चाहिए |

बोला- यह हुई ना बात ? इसमें अपने राजस्थान के पाली जिले के एक अस्पताल के कोरोना के सेम्पल हैं जिन्हें जाँच के लिए भेजा जाना है ?

हमने कहा- अच्छा है किसी भले आदमी ने यह महान थैला संभाल कर रखा |इस थैले में रखने के बाद सब कुछ अच्छा ही होगा |

बोला- इसका क्या मतलब ?

हमने कहा- अब चाहे कोई इन सेम्पल को जांचे या नहीं लेकिन इन सेम्पलों वाला कोई भी कोरोना पोजिटिव  नहीं निकलेगा |यदि फेल होगा तभी तो रीचेकिंग करवाएगा |पास होने के बाद कौन पूछता है कि कॉपी जँची भी या नहीं ?

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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