Aug 26, 2020

मैं भी अयोध्या नहीं जा रहा हूँ



मैं भी अयोध्या नहीं जा रहा हूँ 


आज रक्षाबंधन है |हम तो अपनी रक्षा का जिम्मा दीन दयाल (उपाध्याय नहीं ) को सौंपकर निश्चिन्त हैं | कोरोना की कोई दवा ही नहीं है |पुराने गमछे से बना मास्क है और अपने बरामदे में एकांतवास | जिसे जिंदा रहना है तो अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बल पर रहना है, अपने आत्मबल के बूते रहना है और अपने धनबल के अनुसार  अस्पताल में भर्ती होना है तो चिंता किस बात की | नेताओं की बात और है |उनके लिए गुरुग्राम का मेदान्ता है, सरकारी पैसा है, देश की शुभकामनाएं हैं और कुर्सी की क्षमता है |

आज तोताराम आया तो बोला- मास्टर, मैं भी अयोध्या नहीं जा रहा हूँ |

हमने कहा- ठीक है तो फिर तुमने जो चार्टर्ड प्लेन बुक करवाया था उसे केंसिल करवा देते हैं |

बोला- क्यों मज़ाक कर रहा है ?

हमने कहा- लेकिन शुरू किसने किया था ? 

बोला- ठीक है, जब राम मंदिर के शिलापूजन में देश भर से मात्र २०० लोग बुलाए जा रहे हैं और उनमें से भी ऐन वक़्त पर बड़े-बड़े लोग कोरोना ग्रस्त हो रहे हैं तो बेकार में रिस्क लेने से क्या फायदा ?  आडवानी जी, जोशी जी भी नहीं जा रहे हैं |उमा भारती जी भी नहीं जा रही हैं | सभी बड़े-बड़े लोगों ने कह दिया है कि जो जो उनके संपर्क में आए हैं वे अपने को क्वेरंटाइन कर लें |


(मै भोपाल से आज रवाना होऊंगी । कल शाम अयोध्या पहुँचने तक मेरी किसी संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं ऐसी स्थिति में जहाँ @narendramodi और सेकडो लोग उपस्थित हो मै उस स्थान से दूरी रखूँगी । तथा @narendramodi और सभी समूह के चले जाने के बाद ही मै रामलला के दर्शन करने पहुँचूँगी।)

हमने पूछा- तो क्या तू भी येदुयेरप्पा, अमित शाह और अमिताभ बच्चन से मिलकर आया था |

बोला- मिलने से ही क्या होता है इनके फोटो तो रोज देखता हूँ |ये तो मेरे दिल में बसे हुए हैं |इलाज से सावधानी बेहतर होती है |खुद को अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है तो क्या हुआ, दूसरों को खतरे में डालना कहाँ की समझदारी है ? 

हमने पूछा - तो फिर राम लला के दर्शन का क्या होगा ?

बोला- भीड़भाड़ में वैसे भी दर्शन का क्या मज़ा ? उस भीड़ में केवल लोगों के सिर दीखेंगे |वैसे ही किसी सिर के सामने सिर झुकाकर दिल बहलाने से क्या फायदा ?जिस दिन कोई अशुभ मुहूर्त होगा और जिस दिन सबसे कम लोग दर्शन के लिए जाएंगे उस दिन जाऊँगा मैं तो |कम से कम दर्शन तो ढंग से हो सकेंगे |और फिर अपना राम तो अपने घट में बसने वाला है |

हमने कहा- अच्छा है, जो तू नहीं जा रहा है |यदि तू जाता तो मोदी जी तुझे अपने साथ ज़रूर बैठाते |और उन्हें कुछ हो जाता तो ? बाद में ही जाना |जब राम मंदिर का शिलान्यास हो जाएगा तो कोरोना भी फिर कितने दिन टिक पाएगा ? 








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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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