Aug 5, 2020

शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त



आज तोताराम ने आते ही मिठाई की डिमांड रख दी |

हमने कहा- कल तीज के सिंजारे थे |पोतियों के लिए लड्डू लाए थे |बहू के पीहर से भी आ गए थे | चल, दो तू भी खाले |

बोला- यह ऐसा छोटा-मोटा चल  'ताऊ' समाचार नहीं है बल्कि राष्ट्र की अस्मिता, सार्थकता और अस्तित्त्व का मामला है |

हमने पूछा- ऐसी क्या ख़ास बात है आज ? क्या  ताऊ आडवानी जी को भारत-रत्न देना तय हो गया या मोदी जी को अर्थशास्त्र का नोबल घोषित हो गया ?

बोला- आडवानी जी क्या किसी भारत रत्न से कम हैं ? और मोदी जी अब नोबल से बहुत ऊपर उठ चुके है |

हमने फिर पूछा- तो क्या अर्थव्यवस्था आठ दस ट्रिलियन डॉलर की हो गई या चीन ने डरकर, चरणों में गिरकर माफी माँगते हुए भारत का सारा इलाका खाली कर दिया ?

बोला- तेरे सामान्य ज्ञान पर तरस आता है | अरे, भगवान राम के मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन का मुहूर्त आ गया | ५ अगस्त को दोपहर १ बजाकर १५ मिनट पर मोदी जी के कर कमलों द्वारा यह महान कार्य संपन्न होगा |



Shri Ram Mandir : अयोध्या, मथुरा, काशी के विद्वान कराएंगे श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन

हमने कहा- तोताराम, अडवानी जी ने राम मंदिर का मुद्दा उठाकर भाजपा को सत्ता तक पहुँचाया |फिर भी उन्हें न तो प्रधान मंत्री बनाया गया, न ही राष्ट्रपति और न ही भारत रत्न दिया गया |कम से कम मंदिर का शिलान्यास तो उनके द्वारा करवाया जा सकता था | और फिर ४ अगस्त से ८ अगस्त तक पंचक है | पंचक में कोई भी शुभ काम वर्जित है | और फिर यह मुहूर्त विद्वत परिषद् द्वारा बताया गया भी नहीं है |

बोला-  ५ अगस्त से बड़ा और क्या मुहूर्त होगा ? इस दिन कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटकर कांग्रेस के राष्ट्रद्रोह और अपराध का परिमार्जन किया गया था |अब इस दिन से बड़ा और कौनसा दिन हो सकता है इस देश के लिए ? इसी दिन को एक और राष्ट्रीय महत्ता प्रदान करने के लिए ५ अगस्त को चुना गया है |और देखना राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी ५ अगस्त को ही होगी |शीघ्र ही जब राम मंदिर की तरह कोर्ट से मथुरा में कृष्ण मंदिर को मुक्त करवा लिया जाएगा तब वह भी किसी न किसी रूप में ५ अगस्त से ही जुड़ेगा |

हमने कहा-  भगवान करे, पंचक के नींव रखे जाने पर भी यह काम सकुशल संपन्न हो |

बोला- तू चिंता मत कर | काशी विद्वत परिषद् के संयोजक डा. रामनारायण द्विवेदी ने बताया है कि यह भूमि पूजन स्वयं राम का है और शिलान्यास स्वयं देश के राजा कर रहे हैं इसलिए मुहूर्त कोई विशेष मायने नहीं रखता |

हमने कहा- यह तो एकदम फ़िल्मी मामला हो गया | डाकुओं का सरदार भागकर लाई  हुई अपनी प्रेमिका से परंपरानुसार शादी करने के लिए पंडित को उठवाकर मँगवाता है |जब पंडित मुहूर्त की दुहाई देता है तो सरदार का एक साथी पंडित को ज़रा सी बंदूक छुआता है तो वही क्षण फटाफट 'अभिजित मुहूर्त' हो जाता है |

बोला- यह तो वही बात हुई कि उदयपुर कहाँ ? जहाँ राणा जी कहें वहीँ उदयपुर |

हमने कहा- अब तो यही शेष रह गया है कि १५ अगस्त को बदलकर भारत का स्वतंत्रता दिवस  ५ अगस्त कर दिया जाए |



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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