राफाल का नामकरण संस्कार
कोरोना कर्फ्यू के बावजूद आज तोताराम दुबारा आ गया मतलब शाम को भी |
हमने कहा- तोताराम, दो-दो बार चाय नहीं मिलेगी |
बोला- चाय पीने कौन आया है |हम तो खुद तेरा मुँह मीठा करवाने आए हैं |ले खा, तू भी क्या याद करेगा कि किसी रईस से पाला पड़ा था ?
और दो खजूर निकालकर हमारी हथेली पर रख दिए |
हमने पूछा- किस ख़ुशी में ?
बोला- देश को नया चौकीदार मिल गया |
हमने कहा- हैं ? क्या मोदी जी अपनी झोली उठाकर चल दिए ?
बोला- नहीं, यह जिम्मेदारी उन्होंने 'राफाल' को दे दी है |
हमने फिर पूछा- तो क्या अब भारत ने चौकीदार भी विदेशी रख लिए ? बात तो 'आत्मनिर्भर भारत' की चल रही थी और देश की सुरक्षा तक सौंप दी विदेशियों को |
बोला- इसमें विदेशियों का क्या है ? दाम दिए हैं नक़द | ठनाठन |
हमने कहा- टी वी में क्षण-क्षण का कवरेज आ रहा था जैसे विष्णु के किसी अवतार का ' भये प्रकट कृपाला ' की तरह प्राकट्य होने वाला है | मोदी जी ने संस्कृत के एक श्लोक से राफाल का स्वागत किया-
राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,
राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।।
नभः स्पृशं दीप्तम्...स्वागतम्! #RafaleInIndia |
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के खैरी ग्राम पंचायत की सरपंच प्रियंका पांडे ने अपने बुन्देलखंडी गीत से राफाल का स्वागत किया जो कुछ इस प्रकार का था-
सुनो रे भैय्या, अच्छी खबर हिंदुस्तान की
ये राफेल मोदी जी मँगाए
इन्हें देख कर चीन थर्राए
खिसकी हवा पाकिस्तान की
सुनो रे भैय्या, अच्छी खबर हिंदुस्तान की ||
या राफाल ने चूमे भारत माता के चरण ! जैसे कि चीन से भारत की सुरक्षा को खतरा देखकर राफाल को भारत माता के प्रति भक्ति जागी और वह खुद ही उड़कर अम्बाला पहुँच गया और भारत माता के चरण चूम लिए |
बोला- फिर भी ऐसा लड़ाकू विमान मिलना उपलब्धि तो है ही |
हमने कहा- उपलब्धि क्या है ? यह तो भारत ने पिछले से चौगुने दाम में आर्डर दे दिया नहीं तो राफाल वाली कंपनी बंद होने वाली थी | अमरीका, योरप, चीन, रूस सब जगह का हथियारों का बाज़ार है | जो चाहो सो खरीदो | उलटे इस खराब आर्थिक स्थिति में देश पर यह एक बड़ा बोझ है लेकिन क्या किया जाए ? इस चक्कर में अलग से हथियार खरीदने पड़ रहे हैं और चीन चाबहार ईरान वाला डेढ़ लाख करोड़ का ठेका ले भागा सो अलग |
बोला- लेकिन अब राफाल पूरी तरह से भारतीय हो गया है 'मुग़ल सराय' से 'दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन' की तरह | और संयोग देख यह सब जम्मू कश्मीर से धारा ३०७ हटाने और राम मंदिर के शिलान्यास की शिलाओं के पूजन और राफाल के आगमन की तरह ५ अगस्त को ही हुआ |अब राफाल का नया नाम होगा- गोल्डन एरो |
हमने कहा- नई शिक्षा नीति में शिक्षा का आरम्भ मातृभाषा में करने की बात की गई है लेकिन राफाल के नामकरण के लिए हिंदी का कोई शब्द नहीं मिला |हमारा तो कहना है कि राम मंदिर के शिलान्यास की शिलाओं के पूजन के पुण्य अवसर पर 'राफाल' का नाम 'राम बाण' रख दिया जाए- पांच अगस्त की एक और उपलब्धि |
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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