Aug 17, 2020

दम घुट रहा है



दम घुट रहा है  

हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में हमारी जन्मतिथि ५ जुलाई १९४२ है |वास्तव में हमारा जन्म १८ अगस्त १९४२ तदनुसार श्रावण शुक्ला सप्तमी विक्रम संवत १९९९ को रात को हुआ था |उस दिन भयंकर बरसात हो रही थी |जयपुर से लोहारू जाने वाली गाड़ी लगभग ग्यारह बजे रात को हमारे यहाँ से गुजरती है |माँ का कहना था कि हमारा जन्म ट्रेन गुजरने से पहले हुआ था जबकि दादी इससे सहमत नहीं थीं |उनके अनुसार ट्रेन गुजर चुकी थी |

हम एक सामान्य जीव हैं |और इस सृष्टि में करोड़ों-अरबों जीव हर क्षण मरते और जन्म लेते हैं |उनमें से हम भी एक हैं |होने को तो सभी जीव उनमें से एक हैं लेकिन वे किसी तिकड़म का संयोग से किसी बड़े पद पर पहुँच जाते हैं तो फिर उनके मरने पर उस समाज, देश-दुनिया की अपूरणीय क्षति होती है |पता नहीं, वह क्षति पूरी होती है या नहीं लेकिन दुनिया बदस्तूर चलती रहती है |अटल जी के निधन की घोषणा १६ अगस्त को हुई |यदि उनका निधन १५ अगस्त को होता तो भी देश का स्वाधीनता दिवस बदलता नहीं |कोई भी प्रधान मंत्री होता वह उस १५ अगस्त को झंडा भी फहराता |हो सकता है कोई कलाकार प्रधानमंत्री होता तो एक आँख से गर्व के साथ राष्ट्र को संबोधित करता  और एक आँख से रोने का अभिनय करता |

जैसे हमारा जन्म एक सामान्य और रुटीन घटना है वैसे ही निधन भी होगा |यदि सेनाध्यक्ष होते तो शायद वी के सिंह जी की तरह हमारी जन्म तिथि भी एक समाचार बन सकती थी |जिस दिन स्कूल में एडमीशन करवाया गया होगा उस दिन ५ जुलाई रही होगी |एडमीशन के समय बच्चा पाँच का होना चाहिए सो उस दिन गुरूजी ने पाँच साल का बना दिया |वैसे हम अपनी जन्मतिथि तुलसी जयंती के दिन होने से अपने मन में तुलसी की थोड़ी सी महानता शेयर करके गौरवान्वित हो जाते हैं |

आज तुलसी जयंती है २७ जुलाई २०२० | तोताराम गले में मास्क को नौलखा हार की तरह धारण किए प्रकट हुआ जैसे कि साहसी युवा हेलमेट को बाएँ हाथ में कंगन की तरह धारण करते हैं |

बोला- भाई साहब, जन्म दिन की........|

हमने उसे बीच में ही पकड़ लिया- पहले मास्क सही तरह से लगा फिर कुछ बोलना |

बोला- क्या मैं कोई तबलीगी हूँ जिसके नाम और समुदाय से ही कोरोना की संभावना हो जाती है |

हमने कहा- बन्धु, यह कोरोना ही तो है जो धर्म, जाति, पार्टी कुछ नहीं देखता |संबित पात्रा से शिवराज तक को हो सकता है |अमिताभ से आराध्या तक किसी को भी पकड़  सकता है |जब तक कोरोना का टीका नहीं आ जाता तब तक रोज रात को साढ़े नौ बजे मास्क और दो गज दूरी के बारे में कोई न कोई डॉक्टर आल इण्डिया रेडियो पर  बताता रहता है |

बोला- क्या बताऊँ मास्टर, दस-पंद्रह मिनट मास्क लगा रहता है तो दम घुटने लगता है |

हमने कहा- दम घुटता है तो 'मन की बात' सुनाकर |हर समस्या का एक सरल, सहज समाधान वहाँ मिल जाता है |

बोला- क्या समाधान मिल जाता है ?  मन की बात करने से बात करने वाले की तो घुटन कम हो जाती है लेकिन सुनने वाले की बढ़ जाती है |

हमने कहा- मोदी जी ने कहा है जब मास्क परेशान करे  तो कोरोना वारियर्स को याद करें जो घंटों पी पी ई पहने रहते हैं |

बोला- वास्तव में बहुत सरल उपाय है |जब गर्मी लगे तो लेह लद्दाख का ध्यान करना चाहिए | भूख लगे तो ३० मई २०१९ को राष्ट्रपति जी द्वारा मोदी-२ के शपथ ग्रहण के उपलक्ष्य में दी गई पार्टी को याद कर लेना चाहिए |यदि कोरोना हो जाए तो लीलावती अस्लेपताल में भर्ती महानायक का स्मरण करना चाहिए |पर मेरे जैसा कंजूस व्यक्ति सपने में भी इतनी महँगी कल्पना नहीं कर सकता |

हमने कहा- तो फिर करता रह छाछ के साथ वही रात की ठंडी रोटी का नाश्ता |वैसे वह जन्म दिन वाली क्या बात कह रहा था ?

बोला- तेरे जन्म दिन की बधाई | आज तुलसी जयंती है ना |लेकिन तू है कि मास्क का भाषण पिलाने लगा |अरे, हम सामान्य आदमी हैं |हम मरेंगे तो कुपोषण से मरेंगे |सामान्य बीमारियों से मरेंगे |दवा के अभाव में मरेंगे |ये कोरोना-फोरोना ऐसे ही आते-जाते रहेंगे |और फिर मन की बात करते हुए मोदी जी ने भी तो मास्क नहीं लगा रखा था |



हमने कहा- मोदी जी की बात और है |तू क्या खाकर अपनी तुलना उनसे करेगा  ?महाराष्ट्र के भाजपा प्रवक्ता ने उन्हें विष्णु का ११ वाँ अवतार बताया है | महाकवि विजय गोयल ने तो उन्हें महात्मा गाँधी से भी बड़ा बना दिया है |छंद-दोष और पैरोडी  के बावजूद उनकी दो महान पंक्तियाँ देख-

vijay goel, narendra modi, poster, mahatma gandhi, delhi bjp, Modi in US, नरेंद्र मोदी, विजय गोयल, भाजपा सांसद विजय गोयल, बीजेपी, महात्मा गांधी पोस्टर, महात्मा गांधी, कांग्रेस, मोदी अमेरिका

दे दी दुनिया में पहचान नई, ऊँचा किया भाल |
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल ||



वेंकैया जी के अनुसार  तो मोदी जी भारत के लिए भगवान का उपहार हैं | उमा भारती और राम जेठमलानी ने भी उन्हें विष्णु का अवतार ही बता दिया |वाराणसी शिव सेना ने तो उन्हें राम बनाकर पोस्टर ही छाप दिए |अब और क्या प्रमाण चाहिए ?


बोला- तेरी इस मोदी-महिमा से तो मास्क के भी ज्यादा दम घुटने लगा ? तेरा कौन-सा मंत्रीपद छिन रहा है या किसी विरोधी पार्टी वाले की तरह पुराना केस खुल रहा है जो बिछा जा रहा है |  

हमने कहा- हम तो कुछ भी स्तुति नहीं कर रहे |यदि सुनना ही है तो ६ अक्तूबर २०१५ को पहली बार शिव तांडव टाइप संस्कृत श्लोकों में गुजरात की कविता आचार्य  द्वारा लिखित मोदी जी की चित्रमय स्तुति सुन ले |उसके बाद गाँधी-नेहरू की तो बात छोड़, तुझे तेतीस करोड़ देवी-देवता भी तुच्छ कीड़े-मकोड़े नज़र आने लगेंगे |


पोस्ट पसंद आई तो मित्र बनिए (क्लिक करें)


(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

No comments:

Post a Comment