Sep 17, 2020

हम करते नहीं बस, हो जाता है


हम करते नहीं, सब होता है 


तोताराम आया तो बड़ा खुश था |

हमने पूछा- क्या बात है ? तू तो ऐसे खुश हो रहा है जैसे रात को कृष्ण जन्म के साथ ही मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि पर कृष्ण मंदिर का शिला पूजन करके आ रहा है |

बोला- अब उसके बारे में क्या कहना और क्या पूछना ? वह तो तय हो चुका है |५ अगस्त २०२५ को वह भी कर देंगे |उसके बाद ५ अगस्त २०३० को बनारस में ज्ञानवापी वाली मस्जिद हटाकर बाबा विश्वनाथ के विशाल मंदिर का शिला पूजन भी कर देंगे |

हमने कहा- लेकिन जो कुछ करना सब एक साथ क्यों नहीं कर लेते ? इस प्रकार तो तू तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं के हिसाब से तो तू १६५ करोड़ वर्षों तक यही करता रहेगा | हैप्पीनेस इंडेक्स पर जनहित का कोई काम कब होगा ?

बोला- हैप्पीनेस का कोई निश्चिन्त पैमाना नहीं होता |इस देश की जनता जब इसीसे खुश है तो फिर कोई और नुस्खा क्यों अपनाया जाए |और फिर यदि बीमार की सभी बीमारियाँ एक साथ ही ठीक हो गई तो डाक्टर क्या उपवास करेगा ? लेकिन मेरी  ख़ुशी का कारण कुछ और है |सुना है, रूस ने कोरोना का टीका बना लिया है |

हमने कहा- लेकिन इससे तो रूस को खुश होना चाहिए |तुझे इससे क्या मिलने वाला है ?  लेकिन अमरीका के अनुसार उस टीके की प्रामाणिकता संदिग्ध है |

बोला- तुझे कैसे पता चला ?

हमने कहा- यह तो सिद्धांत की बात है |जैसे मोदी जी के अनुसार नेहरू जी का कोई भी काम देश के लिए ठीक नहीं हो सकता वैसे ही अमरीका के अनुसार रूस का कोई भी काम विश्वसनीय नहीं हो सकता |

बोला- फिर भी टीका यदि विकसित हो गया तो ख़ुशी की बात तो है ही |अपने देश में अब दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमित लोग मिलने लगे है |जल्दी ही हम संक्रमित होने वालों ही नहीं, मरने वालों में भी नंबर वन पर आ जाएंगे |

हमने कहा- अच्छा है, तब अपने आप कोई न कोई इलाज़ भी निकल ही आएगा |ग़ालिब ने कहा भी-

दर्द का हद से गुज़र जाना है दवा हो जाना |

जब करोड़ों की बेकारी की तरह कोरोना भी आम हो जाएगा तो वह भी कोई बात और काम का मुद्दा नहीं रहेगा |क्या आज़ादी से पहले लोग सारे दिन मलेरिया, चेचक की ही बातें करते रहते थे ? 

बोला- लेकिन अपने यहाँ सब कुछ 'होता' ही क्यों है ? हम खुद कुछ करते क्यों नहीं ? फिर चाहे कोरोना का टीका बनाने की बात हो या भूतकाल में चेचक का टीका बनाने की बात हो या अन्याय का विरोध करने की बात हो | |

हमने कहा- हमारे यहाँ तो यही परंपरा रही है |कृष्ण तभी तो कहते हैं-

यदा-यदाहि धर्मस्य......

या तुलसी कहते हैं- 

जब-जब होहिं धरम की हानी |

फॉर्चून ने अमेजन CEO को भगवान विष्णु के रूप में दिखाया, हिंदूओं ने किया विरोध












कैप्टन कूल के


Ram Mandir Photos | Ayodhya Ram Mandir Bhoomi Pujan Today News ...


तो अवतार 'होता' है |और फिर हमें तो यह भी पता नहीं कि कितना कुछ होने के बाद धरम की 'ग्लानि' या 'हानी'  होती है जिसके बाद भगवान का अवतार होता है |इसलिए हम तो अवतार प्रतीक्षा करते रहते हैं |अब यह उस अवतार लेने वाले का काम है कि वह कब, कहाँ, किस रूप में अवतार ले |

वैसे कुछ सच्चे भक्त और परम ज्ञानी कह तो रहे हैं कि विष्णु का अवतार हो चुका है |और उस विष्णु के साथ उन्होंने विष्णु भगवान के अगल-बगल चिपके रहने वाले ब्रह्मा और महेश को भी चीह्न लिया है |

बोला- तो फिर नाम भी बता ही दे |

हमने कहा- हम इतने बड़े नेता नहीं हैं कि लोग हमारी बात की खबर बना दें |वैसे समझता तो तू भी है |

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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