Sep 25, 2020

सच्चे हिन्दू की पहचान


सच्चे हिन्दू की पहचान 


सबसे छोटा भाई अपने बेटे-बहू के साथ सिंगापुर रहता है. परसों उसका फोन आया कि उसे पोता हुआ है. हालांकि इतनी दूर से तो बिना प्लेन के कोरोना भी नहीं आ सकता लेकिन सौरी (स्यावड़)ज़रूर इतनी दूर आ ही जाती है. परिवार में पास या दूर  किसी भी जन्म, मृत्यु और विवाह के बाद घर के मिट्टी के बरतन बदले जाते हैं. पुरुष अपनी जनेऊ भी बदलते हैं. हम इन बातों में बहुत विश्वास नहीं करते फिर भी जनेऊ बदलना कोई महँगा काम तो है नहीं सो धर्म और संस्कृति का नाटक करने में क्या बुराई है. 

जैसे ही तोताराम आया, हमने कहा- तोताराम, इन दो-चार दिनों में जब भी बाज़ार जाए तो हमारे लिए दो जोड़े जनेऊ ले आना, बदलेंगे. सिंगापुर वाले भाई के यहाँ पोता हुआ है. 

बोला- जनेऊ तो ले आऊँगा लेकिन न तो तू संध्या वंदन करता और न ही गायत्री मन्त्र का जाप. यह बिना बात का नाटक करने से क्या फायदा ? तुझे कौनसा हिन्दू वोटरों को लुभाने के लिए राहुल गाँधी की तरह जनेऊ दिखाने की ज़रूरत पड़ने वाली है. 

हमने कहा- सो तो नहीं पड़ने वाली लेकिन क्या पता, कभी किन्हीं सच्चे हिन्दुओं में फँस जाएँ तो जान बचाने के लिए जनेऊ का सहारा लेना पड़ सकता है  ? 

बोला- तो क्या तू समझता है जनेऊ दिखाने या टीका लगाने मात्र से तुझे हिन्दू मान लिया जाएगा ? जनेऊ तो रुपए की तीन आती हैं |कोई भी पहनकर हिन्दू या ब्राह्मण बन जाएगा. 

हमने कहा- मोहन भागवत जी तो कहते हैं कि भारत में जन्म लेने वाला हर मनुष्य हिन्दू ही है. 

बोला- जब उनसे भी डिटेल में बात करेगा तो सच का पता चलेगा |कुछ सच ऐसे होते हैं जो संगठन के बड़े लोग मंचों पर नहीं बोलते;  प्रवक्ताओं से बुलवाए जाते हैं जैसे १२ अगस्त को एक टीवी बहस में संबित पात्रा ने कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी से कहा- कि वह (वे नहीं) जैचंद है |तिलक लगाने से ही कोई सच्चा हिन्दू नहीं हो जाता. 
तो ऐसे में क्या गारंटी है कि तू जनेऊ पहनकर अपने को सच्चा हिन्दू सिद्ध कर सकेगा. 

तुझे पता होना चाहिए कि तथाकथित सच्चे हिन्दू गैर हिन्दुओं की 'घर वापसी' की बात तो बहुत करते हैं लेकिन जब कोई पूछता है कि घर वापसी के बाद इन्हें कहाँ फिट किया जाएगा ? तो कोई उत्तर नहीं मिलता. 'एक नूर ते सब जग उपज्या' वालों में ही देख ले सभी सिक्ख समान नहीं हैं. सब अपने मूल के अनुसार रविदसिया, जट और रामगढ़िया आदि रहते हैं. देश के गृहमंत्री रहे बूटासिंह भी अपनी मूल हिन्दू जाति के अनुसार दलित ही रहे. अभी हाल में ही अमरीका में एक गोरे पुलिस वाले द्वारा गरदन दबाकर मार दिया गया जोर्ज फ्लोयड क्या क्रिश्चियन बनने के बाद भी गोरे क्रिश्चियन के समान देखा-समझा गया. जब भंगी ही रहना है तो क्या हिन्दू भंगी, क्या मुसलमान भंगी, क्या सिक्ख भंगी और क्या ईसाई भंगी |इंसान का दर्ज़ा दो, तो बात बने. 

हमने कहा- तोताराम, तुम्हारी बात में दम है. बता, हम अपने को एक सच्चा हिन्दू और वह भी ब्राह्मण सिद्ध करने के लिए क्या करें ?

बोला- इस बारे में संबित पात्रा ने कोई नियमावली तो सार्वजनिक नहीं की है फिर भी किसी खास पार्टी को वोट देने, किसी खास नेता की जय बोलने से शायद तुझे सच्चा हिन्दू मान लिया जाए. 

हमने कहा- बन्धु, हमारा जैकारा सच के अतिरिक्त किसी और के लिए नहीं हो सकता. हम तो अपने संविधान के ध्येय वाक्य 'सत्यमेव जयते' ही बोलेंगे. 

बोला- एक उपाय और है; यदि तू एक ख़ास परिवार को गाली निकाल सके तो भी तुझे सच्चा हिन्दू और देशभक्त भी माना जा सकता है. 

हमने कहा- हमसे तो वह भी नहीं हो सकता. 

बोला- तो फिर 'घर मैं चुपचाप बैठ और 'राम रक्षा स्तोत्र' का पाठ कर. इस लोकतान्त्रिक देश में वे ही शायद तेरी जान बचा लें.  

हमने कहा- तोताराम, तुम्हारा यह  पात्रा तो सुना है वास्तव में इलाज करने वाला डाक्टर है तो फिर सारे दिन टी वी पर क्यों झाँय-झाँय करता है. देश में वैसे ही डाक्टरों की बहुत कमी है. कोरोना में तो और भी ज़रूरत है |क्यों किसी अस्पताल में जाकर इलाज नहीं करता ?

बोला- वह संभव नहीं है क्योंकि यह केवल सच्चे हिन्दू की बीमारियों को जानता है और उन्हीं का इलाज करता है.  मुसलमान, ईसाई, जैन, बौद्ध, दलित, सिक्ख, शूद्र, कांग्रेसी, सपाई, बसपाई, कम्यूनिस्ट, दक्षिण की पार्टियों आदि को निकालने के बाद हिन्दू बचेंगे ही कितने ? और उनमें भी सच्चे हिन्दू कितने होंगे ? और जो बचेंगे वे ज़रूरी नहीं कि इससे ही इलाज करवाएं. और भी तो कई देशभक्त और सच्चे हिन्दू डाक्टर हैं. फिर क्या पता, कब ओपरेशन करते-करते कह दे कि जनेऊ दिखा नहीं तो काटे पेट की सिलाई नहीं करूँगा. 

 वैसे भी 'अनभ्यासे विषं विद्या' |

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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