Sep 8, 2020

भजन गाए ?



भजन गाए ?

तोताराम ने आते ही प्रश्न किया- क्या भजन गाए ?

हमने कहा- भजन गाए या नहीं लेकिन तेरी चाय के दंड से नहीं बच सकते |

बोला- शुक्र मना | यह तोताराम ही है जो रोज सुबह इस एक अठन्नी की इस सड़ी चाय में तेरा दिल बहलाने आ जाता है वरना आजकल बड़े-बड़े मंत्री कोरोना की चपेट में आए हुए अपने चहरे पर भिनभिनाती मक्खियाँ भी नहीं उड़ा पा रहे हैं |कोई मन की तो दूर, बेमन की बात सुनने भी नहीं आ रहा है |लोग भी ठीक ही सोचते हैं, मंत्री जी की कृपा का लाभ तो पता नहीं मिलेगा या नहीं, लेकिन यदि कोरना की चपेट में आ गए तो अहमदाबाद वाले ए.एस.आई. जडेजा की तरह शव देने के बदले में अस्पताल सवा लाख रुपए मांग लेगा |मेदान्ता में इलाज करवाने वालों की बात और है |

हमने कहा- अपनी तो हम निबेड़ लेंगे लेकिन तू अपनी बता कि तू ने कितना भजन-पूजन किया ?

तोताराम शरमा गया |

ऐसे प्रश्न पर शरमाना ईमानदारी और भलमनसाहत की निशानी है |बदमाश आदमी तो दूसरे की सी बी आई जाँच करता रहता है लेकिन अपनी बात नहीं करना चाहता |यदि कोई पूछे- कोरोना के संक्रमितों की बढ़ती संख्या, धराशायी हो गई अर्थव्यवस्था, चीन की दादागीरी की बात क्यों नहीं करते तो कहेगा- नेहरू जी के पूर्वज मुसलमान थे | लेकिन तोताराम बदमाश नहीं है |

बोला- भाई साहब, सच बात तो यह है कि सारा दिन भूखा नहीं रहा जाता | बड़े लोगों की तरह व्रत के नाम पर दिन में चार बार मेवों की खीर खाने का गुंजाइश नहीं है |

हमने कहा- तो कोई बात नहीं कम से कम मध्यप्रदेश के परम धार्मिक, भारतीय संस्कृति के रक्षक और श्रेष्ठ हिन्दू  शिवराज सिंह जी की तरह कृष्ण के भजन ही गा लेता ? हमने अपना फोन खोलते हुए कहा- देख, किस प्रकार सपत्नीक भक्ति में मग्न हैं ? 



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बोला- वैसे मैं भी तुझे यही फोटो दिखाकर भजन की बात करना चाहता था |लेकिन तूने मेरे ही अस्त्र से मुझ पर ही वार कर दिया |लेकिन सच बता, तूने भजन किया ?

हमने कहा- तोताराम, क्या बताएँ ? हमारे यहाँ तो रात को लाइट ही नहीं थी |अगर होती तो भी हमारे लिए रात १२ बजे तक जागते रहना संभव नहीं है | फिर जब राम- मन्दिर बने बिना ही मोदी जी ने दो-दो बार प्रधान मंत्री पद की शपथ ले ली तो हम तो कृष्ण जन्म से पहले सोए ही तो हैं |हमने कौन वासुदेव और देवकी से वादा किया था कि हम डिलीवरी होने तक जागते रहेंगे |और जागते रह कर भी क्या कर लेते ? काम तो उन्हें ही करना है जो यह काम जानते हैं |यदि कृष्ण के प्रकट होने के समय सो जाने वाले द्वारापालों को कंस ने फाँसी नहीं दी तो कृष्ण भी हमें माफ़ कर देंगे |

बोला- कोई बात नहीं |भगवान तो सब जानते ही हैं कि कौन नाटक आकर रहा है और कौन सच्चे मन से याद कर रहा है ? 

हमने कहा- यदि धर्म के ठेकेदार श्रद्धा और भक्ति का मामला भक्त और भगवान के बीच में ही रहने दें तो सब ठीक न हो जाए इस दुनिया में |

बोला- फिर मुफ्त का माल खाने के धंधे का क्या होगा ? सभी धर्मों में मुफ्तिये ही तो भरे पड़े हैं |


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