Nov 22, 2020

के ऍफ़ सी का इण्डिया हैड


 के. ऍफ़.सी. का इण्डिया हैड  


तोताराम आज सुबह नहीं आया |नहीं आया तो नहीं आया |कौन 'मन की बात' की तरह महिने के अंतिम सप्ताह में आना ज़रूरी है |चलो, -२३% में जाती जी.डी.पी. के समय में   एक चाय की बचत हुई वही ठीक |

पता नहीं कैसे हमारे मन की बात उन्हीं शब्दों में तोताराम के अंतस में प्रवेश कर गई | आवाज आई- चाय नहीं बच सकती | सुबह नहीं तो दोपहर में सही |

देखा तो दरवाजे पर तोताराम हाजिर |

हमने कहा- गरमी फिर लौट आई है |चाय नहीं शिकंजी पिएंगे |

पत्नी शिकंजी लाए तब तक पोस्टमैन ने आवाज़ लगाई- मास्टर जी, ज़रा बाहर आएँगे ?

हमने कहा- बाहर तो आ जाएंगे लेकिन आज ऐसी क्या बात है ?

बोला- आपका पता कुछ ऐसे ही लिखा हुआ है |

हमने कहा- अन्दर ही आ जाओ |तुम भी शिकंजी पी लेना |

अन्दर आकर पोस्टमैन ने लिफाफा देते हुए कहा- मास्टर जी, और पता तो ठीक है लेकिन राजस्थान के बाद लाल स्याही से ब्रेकेट में लिखा है पी.ओ.के. | यह पी.ओ.के. क्या है ?

तोताराम ने टालते हुए कहा- तुझे क्या है ? लिख दिया होगा | मास्टर का पूरा पता है तो सही-रमेश जोशी, दुर्गादास कॉलोनी, कृषि उपज मंडी के पास, सीकर (राजस्थान )

तोताराम ने लिफाफा दोनों तरफ से देखते हुए कहा- मास्टर, है तो कुछ अजीब |देख, फ्रॉम की जगह लिखा है- सी.ई.ओ., के.ऍफ़. सी. | 

तोताराम ने लिफाफा खोलकर पत्र पढ़ना शुरू किया- मिस्टर जोशी, यू आर हीअर बाई अपोइंटेड एज द हेड ऑफ़ के.ऍफ़.सी. इण्डिया |फॉर डिटेल्स वेट टिल नेक्स्ट लेटर |

तोताराम ने हाई फाई की तरह हमारी हथेली पर पंजा मारा और बोला- कहीं इसका मतलब केंटुकी फ्राइड चिकन तो नहीं ? ओपन मार्केट के नाम पर कोई ढंग की चीज तो आ नहीं रही है |हाँ, कोल्ड ड्रिंक के बाद अब अमरीका की खाने-पीने की छोटी-छोटी चीजें जैसे डोमिनो पिज़्ज़ा, ओरियो कुकीज़, केंटुकी चिकन आदि गली-गली में ज़रूर बिकने लगे हैं |तू अमरीका आता जाता रहता है, हो सकता उन्होंने तुझे केंटुकी के इण्डिया के मार्किट का हैड बना दिया हो |वैसे एक सनातनी ब्राह्मण के लिए  चिकन बेचना है तो डूब मरने की बात लेकिन कोई बात नहीं, पोस्ट तो बड़ी है ही |मोदी जी इन्डियन गवर्नमेंट के हैड और तू केंटुकी इण्डिया का हैड |बधाई हो |

 KFC Logo

हमने कहा- लेकिन तोताराम, हमने तो कभी केंटुकी वालों को कुछ लिखा नहीं |हाँ, केंटुकी के लिए हमारे मन में बहुत खास जगह ज़रूर है क्योंकि अब्राहम लिंकन वहीं के थे |

बोला- आजकल लिखने की कोई ज़रूरत नहीं है |यदि कोई संवेदनशील सरकार हो तो बिना कहे भी संज्ञान ले लेती है जैसे गृह मंत्रालय ने बिना मांगे ही कंगना को 'वाई प्लस' सुरक्षा मुहैया करवादी |

 

हमने कहा- लेकिन पते में पी.ओ.के. का क्या अर्थ हो सकता है ?

बोला- मास्टर, कंगना से मुझे याद आया कि कहीं इस पी.ओ.के. का अर्थ 'पाक अधिकृत कश्मीर' तो नहीं ?

हमने कहा- विभाजन के बाद १९४७ में कुछ रियासतों को मिलाकर 'राजपूताना' बना | उसके बाद १९५६ में सभी रियासतों को एकीकृत करके 'राजस्थान'  बना |पाक का बोर्डर ज़रूर लगता है लेकिन यह पाक के अधिकृत तो कभी नहीं रहा |

बोला- पाक अधिकृत तो महाराष्ट्र भी कभी नहीं रहा लेकिन कंगना ने मुम्बई आने से पहले पी.ओ.के. की बात की थी |

 
  
 




 

 

 


 




 हमने कहा-  कंगना भाजपा में शामिल हो गई है |हो सकता है, उसके अनुसार जहां भी भाजपा की सरकार नहीं हो वह राज्य पाक अधिकृत कश्मीर हो |राजस्थान में भी तो भाजपा की सरकार नहीं है तो उसके लिए भी पी.ओ.के. लिख दिया |

तोताराम ठहाका मारते हुए बोला- अब तो इस के.ऍफ़.सी. का राज भी खुल गया |इसका मतलब हो सकता है- 'कंगना फैन्स क्लब' |चल, एक और उपलब्धि तेरे नाम |आज फिर अखबार में समाचार दे आते हैं- मास्टर रमेश जोशी के.ऍफ़.सी. के इण्डिया हैड नियुक्त |

यदि किसी ने ज्यादा खुदाई की तो कह देंगे-  के.ऍफ़.सी. का मतलब है- 'कंगना फैन्स क्लब'' | और किसी दिन अपने वार्ड मेंबर को उद्धव ठाकरे के नाम कंगना के ऑफिस में की गई तोड़फोड़ का मुआवजा देने के लिए एक ज्ञापन दे आएँगे | फिर एक समाचार |

हमने कहा- तोताराम, कहीं यह पत्र तेरी ही करतूत तो नहीं ?

बोला- मे बी |




 

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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