Feb 16, 2021

2021-02-16 यह तो केवल झाँकी है....


डोनाल्ड ट्रंप जी;


जय श्रीराम. 

सबसे पहले तो आपको 'कैपिटल हिल' पर अपने भक्तों को भेजकर तोड़फोड़ के द्वारा सत्ता पर कब्ज़ा करने के अभियोग से बरी कर दिए जाने के लिए बधाई. वैसे पता नहीं, आप भी हमारी तरह न्याय पर विश्वास करके निश्चिन्त थे या नहीं. लेकिन हम निश्चिन्त थे. ऐसे मामलों में कुछ नहीं होता. हमारे यहाँ भी राष्ट्रीय गौरव की स्थापना और पिछला हिसाब-किताब चुकता करके मर्यादा पुरुषोत्तम के भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उस विवादित ढांचे को गिरा दिया गया.  गिरवाने वाले बरी हो गए और गिराने वाले भी वीडियो रिकॉर्ड के बावजूद अज्ञात लोग बन गए. वैसे ही आपको भी बरी होना ही था. प्रभु का चमत्कार होता ही ऐसा है.

पता नहीं, आप 'श्री राम'  शब्द से परिचित हैं या नहीं लेकिन इस शब्द की महत्ता और सत्ता का पता चल जाने के बाद आप भी इसके फैन (मुरीद) हो जाएंगे. वैसे तो यह एक 'युद्ध घोष' है लेकिन इसका उपयोग लोग विधर्मियों या विरोधियों को डराने और चिढाने के लिए किया जाता है. अपने बरी होने के लिए आपको श्री राम का आभारी होना चाहिए. हमारा तो सुझाव है कि आप राम मंदिर के लिए एक बड़ी समर्पण-राशि के साथ एक दर्शनार्थी के बतौर राम जन्म भूमि पधारें. भगवा वस्त्र पहनकर साष्टांग करते हुए एक फिल्म बनवाइए और उसका पर्याप्त प्रचार करें. 'हाउ डी मोदी' के बावजूद पता नहीं, आपको सभी भारत मूल के अमरीकियों के वोट मिले या नहीं लेकिन इस टोटके से अगले चुनाव में आपको अमरीका में रहने वाले सभी रामभक्तों के शतप्रतिशत वोट अवश्य मिलेंगे.  

जब आप पिछले साल इन्हीं दिनों 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम में अहमदाबाद पधारे थे तो आपने अशुद्ध उच्चारण में ही सही लेकिन विवेकानन्द, सचिन तेंदुलकर और डीडीएलजे (दिल वाले दुलहनिया ले जाएंगे) आदि का नाम लिया था तो हमें आपके भारतीय-संस्कृति-प्रेम का पता चल गया था.  'जय श्री राम' को उसी की अगली कड़ी बनाएं. 

सीनेट में वोट से दोषी सिद्ध न हो पाने और रिहा होने के कुछ ही समय बाद जारी एक बयान में आपने बिलकुल ठीक कहा, 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन के लिए हमारा ऐतिहासिक, देशभक्तिपूर्ण और शानदार आंदोलन अभी शुरू ही हुआ है।' 

 'कैपिटल हिल' तो एक झांकी है......इतिहास ऐसे बनाए और मिटाए जाते हैं. 

आपने षड्यंत्र के तहत चुनाव हरवा देने के विरुद्ध लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी पहली पत्नी से उत्पन्न दो पुत्र-रत्नों के संरक्षण में 'इलेक्शन डिफेंस फंड' की स्थापना की. अच्छा है, इसी को 'आपदा में अवसर' कहते हैं. 'सबका साथ : सबका विकास'  ऐसे ही होता है. आपने जाते-जाते अपराधियों से पैसा लेकर उन्हें अग्रिम माफ़ी देने की तरह इस फंड को भी 'ऑडिट फ्री' ज़रूर कर दिया होगा. चंदा जुटाने से ज्यादा झंझट ऑडिट में होता है. 

आपने अपने बरी होने के बाद दिए गए सन्देश में जिन दो शाश्वत मुद्दों 'अमरीका को फिर ग्रेट बनाने' और 'देशभक्ति' का ज़िक्र किया है वे वास्तव में बहुत चतुर मुद्दे हैं. इनमें किसी को भी फंसाया जा सकता है और खुद किसी भी तरह से बचा जा सकता है. 

सेमुअल जोनसन ने कहा था-  “Patriotism is the last refuge of the scoundres.” देशभक्ति बदमाशों की अंतिम शरण स्थली है. देशभक्ति की आड़ में अपने किसी भी दुष्कर्म और अपराध को जायज़ ठहराया जा सकता है और किसी भी श्रेष्ठ व्यक्ति और काम पर प्रश्न उठाया और उसे देशद्रोह ठहराया जा सकता है.  बस, आप तो इसी लेने को पकड़े रहिये और अमरीका को ग्रेट और लोगों को देशभक्त बनाए रखने के लिए अगले चुनाव की तैयारी शुरू कर दीजिए. 

आपने अपने स्टेटमेंट में आगे कहा- 'हमारे पास आगे बहुत काम है. और जल्द ही हम एक उज्ज्वल और असीम अमेरिकी भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण के साथ उभरेंगे।'

वैसे तो आपनेअपने हिसाब से रणनीति बना ली होगी. ऐसे मामलों में आप पहले से ही 'आत्मनिर्भर अमरीका' हैं. फिर भी आपके मार्गदर्शन के कुछ सुझाव दिए देते हैं. 

अब तक आप अपने फ्लोरिडा वाले गोल्फ कोर्स में खेल-खालकर, फ्रेश होकर राष्ट्र सेवा और अमरीका को ग्रेट बनाने के लिए रेडी हो चुके होंगे. 

-अब आप एक 'ग्रेट अमरीका रथ' बनवाइए और उसे कैलिफोर्निया से कैपिटल हिल तक और अटलान्टा से अलास्का तक लाठी, सब्बल, फावड़ा, गेंती आदि निर्माण के औजारों से सज्जित अपने अनुयायियों के साथ जुलूस की शक्ल में अगले चार साल तक घुमाइये. 

-सभी से 'एक ईंट : एक डोलर' का चंदा लेते जाएं. वाइट हॉउस और कैपिटल हिल के विध्वंस के बाद निर्माण भी तो करना होगा ना

-रास्ते में लगाने के लिए प्रेम और भाईचारा बढाने वाले कुछ नारे भी सुझा देते हैं जैसे- 'बच्चा-बच्चा ट्रंप का : हल्ला और हड़कंप का', अमरीका हम आएँगे, विध्वंस वहीं मचाएंगे, 'अमरीका के गद्दारों को, गोली मारो सालों को' और गद्दार कैसे होते हैं यह तो आप रंग से पहचान ही लेंगे. यदि कोई किसी समस्या को लेकर प्रश्न करे तो उसके लिए ओबामा ज़िम्मेदार है ही. 

-हो सके तो विजय-प्राप्ति तक के लिए एक लम्बा चोगा, ऊँची टोपी और माला धारण कर लें. दोनों हाथों में बाइबिल धारण करें. कम बोले, आँखें अधखुली रखें जैसे कि ब्रह्म में लौ लगी हुई है. आशीर्वाद की मुद्रा में रहें लेकिन लक्ष्य रूपी मछली के लिए बगुले की तरह सदैव सजग.

इस नाटक को अपनी आत्मा में कभी न घुसने दें. उसे तो पूर्ववत वैसा ही शातिर बनाए रखें. हाँ, कुछ दिनों के लिए पोर्न आर्टिस्टों से दूर रहे. 

16-02-2021 


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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