Apr 12, 2021

प्रधान प्रधानमंत्री


प्रधान प्रधानमंत्री 


तोताराम ने आते ही हमारे सामने अपने स्मार्ट फोन की स्क्रीन आगे करते हुए पूछा- इसे पढ़. 


हमने कहा- हमारी स्मरण शक्ति सुषमा स्वराज की तरह अद्भुत नहीं है कि कर्नाटक में कन्नड़ में भाषा दे दें या मोदी जी की तरह  'हाउ डी मोदी' में  एक साँस में दस भाषाओं में 'मज़ा छे' का अनुवाद कर डालें या स्मृति ईरानी की तरह बांग्ला में डायलाग रट कर वाह-वाही लूट लें. तू ही हमारे लिए इसका अनुवाद कर दे.


बोला- तमिल पढ़ना तो मुझे भी नहीं आता फिर भी इसका जो  भावानुवाद छपा है वही पढ़ता हूँ, सुन-


 हर वोटर को देंगे एक-एक आईफोन मुफ्त

 हर घर को 20 लाख तक की कार और छोटा हेलीकॉप्टर

 क्षेत्र को ठंडा करने के लिए 300 फीट ऊंचा बर्फ का पहाड़

 हर युवा को बिजसनेस शुरू करने के लिए 1 करोड़ रुपये

 चांद पर 100 दिनों की छुट्टियां

 परिवार को तीन मंजिला मकान के साथ स्वीमिंग पूल

 हर लड़की की शादी में 800 ग्राम सोना


हमने पूछा- यह तो लगता है कोई गडकरी से भी बड़ा जुमलेबाज पैदा हो गया. 


बोला- अब इस देश में ऐसे ही लबाड़ी और ढपोरशंख पैदा होंगे. वैसे ये मदुरई के निर्वाचन क्षेत्र के एक युवा निर्दलीय उम्मीदवार हैं सरवनन जिन्होंने ये वादे किये हैं. 


हमने पूछा- क्या यह संभव है ?


बोला- यह तो इस युवक ने खुद कहा है कि यह संभव नहीं है. वह तो जुमलेबाजों का मजाक उड़ाने के लिए ये वादे कर रहा है. 


हमने कहा- लोग तो कहते हैं- मोदी है तो मुमकिन है. 


बोला- मोदी जी इतने वादे करते हैं कि उन्हें खुद ही याद नहीं रहता. ऐसे में किसी और के वादे वे कैसे मुमकिन करेंगे. मोदी जी सगुण वादे नहीं करते. अब वे निर्गुण वादे करते हैं जैसे- गौरव बढ़ाएंगे, भय दूर करेंगे, चेतना जगाएंगे, प्रेरणा देंगे.  किसी का बाप भी  इन्हें माप-नाप नहीं सकता है तो वादे पूरे न होने की शिकायत भी कहाँ ठहरेगी. 


हमने कहा- फिर भी इस बन्दे के दिमाग में यह ट्यूब लाइट जली कैसे ?


बोला- क्या झूठ बोलने का अधिकार बिना प्रधान सेवक बने नहीं मिल सकता ? क्या सपने देखने-दिखाने का अधिकार मुंगेरी लाल को ही है ? होली के मौके पर एक सामान्य आदमी गप्प भी नहीं लगा सकता ?  शेखचिल्ली और ढपोरशंख क्या किसी और लोक के पात्र हैं ? 


हमने कहा- अब जब से हर भारतीय के खाते में १५-१५ लाख रुपए डालने का जुमला चला है तब से बातों की कमाई खाने वाला हर आदमी लम्बी-लम्बी छोड़ने लगा है. देश को चंडूखाना बना दिया है. इस युवक की जगह यदि हम होते तो कहते कि जीत गए तो अपने क्षेत्र के हर वोटर को 'प्रधान मंत्री' बना देंगे. 


बोला- फिर तेरा क्या होता ?


हमने कहा- उस स्थिति में हम  'प्रधान प्रधानमंत्री'  होते' .   

 



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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