Apr 8, 2021

अप्रैल फूल


अप्रैल फूल 


आज तोताराम बहुत खुश था. बैठने से पहले ही बोला- मास्टर, लेट अस सेलेब्रेट.

हमने पूछा- क्या सेलेब्रेट करें ? पोस्ट आफिस वाली मासिक आय योजना में ब्याज कटौती ?

बोला- वह तो सीतारमण मेडम ने आदतवश हम बुजुर्गों को ज्यूसर में डाल दिया था लेकिन जब मोदी जी ने कहा कि थोड़ा रुको. पाँच राज्यों का काम हो जाने दो फिर २ मई के बाद एक साथ ही निचोड़ लेंगे; जीत गए तो अतिआत्मविश्वास में और हार गए तो प्रतिशोध में. चाहें तो केजरीवाल की तरह बीच सड़क पर फीत उतरवा लें.  

हमने कहा- तो फिर क्या सेलेब्रेट करें ?

बोला- गैस के दामों में कटौती. पूरे दस रुपए प्रति सिलेंडर. 

हमने कहा- जब पिछले एक महिने में १२५ रुपए बढ़ा दिए थे और पिछले साल षड्यंत्र की तरह चुपके से सब्सीडी बंद कर दी थी तब तो कांग्रेस के ज़माने में गैस का सिलेंडर कंधे पर उठाकर प्रदर्शन करने वाली स्मृति ईरानी की तरह तेरे मुंह में दही जम गया था. वैसे कहीं तू हमें 'अप्रैल फूल' तो नहीं बना रहा है.

बोला- तुझे कौन बना सकता है ? मरे हुए को मारने का क्या अर्थ ? 

हमने कहा- दर्द का हद से गुज़र जाना है दवा होना. हम गुजरात में रह चुके हैं. तब जब मोदी जी को इंदिरा गाँधी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेने के जुर्म में जेल में डाल दिया था. उस समय दस रुपए में एक सिलेंडर भरा जाता था और हमें दस रुपये महिना इस बात के देने पड़ते थे कि गुजरात में शराबबंदी थी. हालाँकि कुछ रुपये अधिक लगते थे लेकिन हर ब्रांड की होम डिलीवरी तक सरलता से हो जाती थी. 

बोला- फिर भी समथिंग इज बेटर देन नथिंग. भागते भूत की लँगोटी ही भली.

हमने कहा- ये ऐसे भूत हैं जो कभी भागने वाले नहीं हैं. ये 'जय श्रीराम' बोलकर तुम्हारी लँगोटी उतारेंगे और तुम अपनी जान बचाने के लिए हनुमान चालीसा बाँचते रहोगे और झेलते रहोगे. 

बोला-  अल्प बचत पर ब्याज दर घटाने का फैसला वापिस ले तो लिया. उसके लिए भी मोदी जी प्रशंसा और सेलेब्रेशन नहीं. 

हमने कहा- मोदी जी का कोई ठिकाना नहीं. नोटबंदी और लोकबंदी की तरह पता नहीं कब दिमाग में क्या आ जाए और अचानक दो घंटे के नोटिस पर क्या कर गुजरे बन्दा. ज़रूरत से ज्यादा हिम्मत, आत्मविश्वास भी बहुत बुरा होता है. 

बोला- तुम्हें हर बार ऐसी ही शंका क्यों होती है. 

हमने कहा- जापान में बैंक में जमा राशि पर माइनस ब्याज मिल रहा है मतलब यदि बैंक में तुम्हारा पैसा जमा है तो साल भर बाद बढ़ने की बजाय सौ से घटकर निन्यानमें हो जाएंगे. यदि मोदी जी कुछ ऐसा ही नियम हम पर सन २००२ से लगाकर हमारा पोस्ट ऑफिस में जमा पैसा हजम कर जाएं तो ? 

बोला- ऐसा कैसे हो सकता है ?

हमने कहा- लोकसभा में ३०३ सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत है. 

यह राजनीति की चर-भर की दूभारिया है. 




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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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