Apr 22, 2021

कुम्भ-कोरोना-कुत्ता कनेक्शन


कुम्भ-कोरोना-कुत्ता कनेक्शन 


जब से सुना है कि कोरोना फिर दुगुनी तेज़ी से लौट आया है, अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं, श्मशानों में भी लम्बी लाइनें लगी है, दुनिया को टीका सप्लाई करते-करते हमारे खुद के लिए टीके कम पड़ने लगे हैं, लोग टीकों में ब्लेक  मार्केटिंग करने लगे हैं, मुम्बई में आपदा में अवसर ढूँढ़ने वाले व्यापारियों ने ऑक्सीजन के तीन गुना दाम वसूल करना शुरू कर दिया है तो हमने भी टीका लगवाने का निश्चय कर ही लिया. कोई ख़ास परेशानी तो नहीं हुई लेकिन रात को थोड़ी ठण्ड लगी और हल्का सा बुखार भी हो गया. इसलिए बरामदे में नहीं बैठे. बिस्तर में ही चाय पीकर लेट गए.

नेचुरली, तोताराम को अन्दर आना ही था. हमारे पैताने बैठ गया और बोला- क्या बात है, आज दुश्मनों की तबीयत नासाज़ लगती है.  

हमने कहा- हमारी ही तबीयत ख़राब है. दुश्मन तो मज़े में हैं. कोरोना के नाम पर जो चाहे कानून बनाकर जनता को गरदन मरोड़ रहे हैं. 

बोला- क्या हुआ ? 

हमने कहा- तू तो 'टीका-उत्सव' को टालता रहा सो हमने सोचा कि हम ही मोदी जी का मशवरा मानकर मना डालें यह उत्सव. कल टीका लगवा आये.

बोल- कौनसा टीका लगवाया ?

हमने कहा- मोदी जी वाला टीका लगवाया. 

बोला- यह बात सच है कि बच्चों को परीक्षा के टेंशन से बचाने से लेकर आम खाने के तरीके समझाने तक में मोदी का दखल है, पटेल के नाम से बना स्टेडियम एक झटके में मोदी जी के नाम पर हो गया लेकिन जहां तक टीके की बात है तो दुनिया में रामदेव के काढ़े से लेकर रेम्डेसीविर तक दसियों टीके उपलब्ध हैं लेकिन उनमें मोदी जी के नाम से तो कोई टीका नहीं है. अपने यहाँ मुख्य रूप से दो टीके लग रहे हैं कोवेक्सीन और कोवीशील्ड. 

हमने कहा- क्या पता, जो मेसेज आया था उसमें तो मोदी जी का फोटो लगा हुआ था. आगे हमने देखने की ज़रूरत नहीं समझी. मोदी जी हैं तो 'मजा ही मजा छे' और सब कुछ मुमकिन है. 

बोला- यह ठीक है कि हर चीज और काम को मोदी जी अपने या भाजपा के नाम से जोड़ लेते हैं जैसे  प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना( PMJAY ) या भगवा रंग में लिखा 'भाजप'  (भारतीय जनऔषधि परियोजना ). लेकिन अब ध्यान से अपने स्मार्ट फोन में देखकर नोट करले कि कौन सा टीका लगा है. उसी तरह का टीका छह हफ्ते बाद लगेगा. वैसे मेरी माने तो चाय नाश्ता करके एक बार अस्पताल चलकर किसी अच्छे डॉक्टर को दिखा लेते हैं. क्या पता किसी ने भूलवश कुत्ते वाला टीका ही न लगा दिया हो. 

हमने कहा- तेरा दिमाग खराब है. कोरोना के टीके के लिए विशेष कक्ष और व्यवस्था की हुई है. वहाँ केवल कोरोना का टीका लगवाने वाले ही जाते हैं. ऐसे में ऐसा कैसे हो सकता है ?

बोल- उत्तर प्रदेश के पास हर समस्या का उत्तर है, जैसे जब लोगों ने योगी जी को बंदरों की समस्या बताई तो उन्होंने झट से समाधान दे दिया, कहा- हनुमान चालीस का पाठ करो. सो हो सकता है कि तुझे भी कोरोना का टीका ख़त्म हो गया हो या कोरोना और कुत्ते का चुनावी कनेक्शन जोड़ते हुए नर्स ने शामली जिले के एक कस्बे की तीन बुज़ुर्ग को कोरोना टीके के विकल्प स्वरूप तुझे कुत्ते वाला टीका लगा दिया हो. 

हमने कहा- यह कैसे हो सकता है ? कुत्ता और कोरोना का क्या कनेक्शन ?

बोला- इस देश में किसी से भी किसी का कुछ भी कनेक्शन हो सकता है. जैसे सारदा चिट फंड घोटाले में ईडी का नोटिस आते ही बंगाल के नेताओं को भाजपा में तृणमूल कांग्रेस का विकल्प दिखाई देने लगा. कोरोना का कुत्ता ही क्या, 'कुम्भ-कोरोना-कुत्ता कनेक्शन' कुछ भी हो सकता है. देश में जो कोरोना फ़ैल रहा है वह भी कुत्ता-मानसिकता के कारण है. कोरोना से बचने के लिए मास्क से बढ़कर कोई उपचार नहीं है. कोरोना का वायरस नाक और मुंह से घुसता है. इसीलिए मास्क से नाक और मुंह दोनों ढंके जाते हैं. कुत्ते मास्क नहीं लगाते चाहे कोरोना का कितना ही प्रकोप हो जाए. भौंकते रहते हैं.  इन दिनों बंगाल में चल रहे चुनावों से कुत्तों और कोरोना का यह कनेक्शन सिद्ध हो गया. कुत्ते झुण्ड में रहते हैं. कुम्भ में अपने पाप धोने वाले डिस्टेंस नहीं रखने के कारण भयंकर रूप से संक्रमित हो गए. इसलिए कुत्ता-कुम्भ और कोरोना का कनेक्शन हुआ कि नहीं ?

हमने कहा- तब तो यदि कुत्ते वाला टीका भी लग गया होगा तो कोई बात नहीं. 

बोला-  मैं थोड़ी देर बैठता हूँ. यदि घंटे दो घंटे बंगाल में नेताओं के चुनावी भाषण की तरह भौंकने का मन न करे तो ठीक है. नहीं तो डॉक्टर के पास चलना पड़ेगा.  

 



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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