Apr 27, 2021

कुत्ता कीपिंग कला

कुत्ता कीपिंग कला 


एक चाय का ही तो खर्चा है लेकिन फायदे अनेक. तोताराम कोई न कोई अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का समाचार ले आता है. आज बोला- मास्टर, जो बाईडन के कुत्ते ने नॅशनल पार्क सर्विस के एक कर्मचारी को काट लिया. हालाँकि उसका उपयुक्त इलाज किया गया है फिर भी है तो गलत.  

हमने कहा- गलत क्या है ? कुत्ते क्या ताली-थाली बजाने के लिए पाले जाते हैं ? कुत्ते पाले ही लोगों को काटने-डराने के लिए जाते हैं. कहा गया है कि किसी को भी अपने कुत्ते से निकटता मत बढ़ाने दो. क्या पता, इस तरह से कोई आपके 'सीक्रेट जोन' में घुस आए. राजनीति में किसी का कुछ पता नहीं. आज स्वार्थ के लिए तुम्हारे चरण-चुम्बन कर रहा है तो कल दूसरी तरफ से कोई बड़ा ऑफर मिल जाए तो सेवात्मा ललचाकर उधर खिसक ले और तुम्हारे रहस्य उजागर करने लगे.

बोला- पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस कर्मचारी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.

हमने कहा- ट्रंप के उस कर्मचारी के लिए शुभकामना करने की बात है तो यह मानवीय संवेदना नहीं बल्कि राजनीति है. यदि इतने ही सज्जन होते तो क्यों कुर्सी छोड़ने में इतना नाटक करते. तुझे पता होना चाहिए, मोदी जी का कुम्भ के सफाई कर्मचरियों के चरण धोना, अमित शाह बंगाल के बाउल गायक के घर खाना खाना, मोदी जी का बांग्लादेश के मातुआ समुदाय के मंदिर में जाकर पंखा झलना क्या दलित-प्रेम है ? यदि बंगाल में किसी को कुत्ता काट ले तो उसे ममता दीदी का कुत्ता बता दिया जाता है और बंगाल में जंगल राज.

बोला- तो क्या कुत्ता पालना ही बंद कर देना चाहिए ? 

हमने कहा- पालो, पालो क्यों नहीं. कुत्तों के बिना पार्टी का आधार कैसे मज़बूत होगा. चुनाव जन कल्याण के कामों से नहीं बल्कि 'ट्वीट और टेरर' से जीते जाते हैं.  कुत्ते लोकतांत्रिक तरीके से पालो. कोई सीधे-सीधे इलज़ाम न लगा सके, ऐसे पालो. 

बोला-  थोड़ा और स्पष्ट कर. 

हमने कहा- जैसे खुद कभी गाँधी को देशद्रोही मत कहो, गोडसे को देशभक्ति का प्रमाण दे दो. हो गया काम. हत्यारा और मारा गया दोनों तो एक साथ देशभक्त हो नहीं सकते. पहलू खां को खुद मारने की क्या ज़रूरत है,अफाराजुल के हत्यारे शम्भू रेगर की झांकी निकाल दो तो मेसेज अपने आप पहुँच जाएगा. शम्भू रेगर पाले नहीं जाते बल्कि प्रेरित किये जाते हैं. सी ए ए धरने में कपिल गुर्जर उर्फ़ कपिल बैंसला के साथ जो सम्मानजनक व्यवहार किया गया उससे पता चल जाता है कि सरकार को प्रसन्न करने के लिए क्या करना है. ट्रंप कुत्ता नहीं पालते बल्कि उनके लिए काम करने वाले कुत्तों की तारीफ़ करते हैं. जैसे बगदादी को पकड़वाने वाले कुत्ते 'केनन' की तारीफ़ कर दी. 

बोला- एंड्रयू जेक्सन के बाद केवल ट्रंप की ऐसे राष्ट्रपति रहे हैं जिन्होंने वाइट हाउस में कोई कुत्ता-बिल्ली नहीं रखा. क्लिंटन तो , कहते हैं मोनिका लेवेंस्की वाले चक्कर के बाद अपने कुत्ते 'बडी' के साथ की तनाव कम किया करते थे. लेकिन ट्रंप तो तनाव में आने वाले जीव ही नहीं थे. वे तो अपनी बातों और कर्मों से दूसरों को ही तनाव दे दिया करते थे.

हमने कहा- कुत्ता तो मोदी जी भी नहीं पालते.

बोला- लेकिन मोदी जी ट्रंप की तरह निठल्ले थोड़े ही हैं. वे दिन में १८ घंटे काम करते हैं. कुत्ता पाल लें तो कम से कम ४ घंटे तो उसे ही चाहियें. ऐसे में देश सेवा और विकास कौन करेगा. मोर का क्या है, कभी सात साल में दो मिनट मुट्ठी भर दाने चुगा दिए और हो गया काम.

हमने कहा- फिर भी लगता है, अब तुम्हें यह 'डिजिटल कुत्ता कीपिंग कला' कुछ समझ में आ रही है.  जो बाईडन की तरह वास्तविक कुत्ते पालने की बजाय ट्विट्टर पर डिजिटल कुत्ते पालने चाहियें. एक ट्वीट करो और भक्त कुत्ते अपने ही देश की 'कैपिटल हिल' को हिलाकर रख देंगे. 




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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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