May 27, 2021

अंतर्राष्ट्रीय अबाध ऑक्सीजन आपूर्ति अभियान यात्रा

अंतर्राष्ट्रीय अबाध ऑक्सीजन आपूर्ति अभियान यात्रा 


कल जब तोताराम आया तो थोड़ा गंभीर था, बोला- मास्टर, पिछले साल जब कोरोना फैला था तब यह ऑक्सीजन वाला चक्कर कम था. अब अचानक पता नहीं क्या हो गया ? लगता है जैसे देश के सारे जंगल साफ़ हो गए. जिसे देखो ऑक्सीजन की कमी की शिकायत कर रहा है. अब कोई डीज़ल पेट्रोल और रसोई गैस की महँगाई की शिकायत नहीं कर रहा. जिसे देखो, ऑक्सीजन के लिए भागा फिर रहा है. लोग ऑक्सीजन की काला बाजारी कर रहे हैं. कुछ आधा खाली सिलेंडर की धका रहे हैं. लगता है इस समय ऑक्सीजन के लिए स्थायी प्रबंध करना ही सबसे बड़ा काम है. 

हमने कहा- उत्तर प्रदेश में तो योगी जी के सुशासन के कारण किसी चीज की कोई कमी नहीं है फिर भी लोग मर तो रहे हैं. अब यह पता नहीं कि वास्तव में ही कोई समस्या है या फिर लोग योगी जी और उनकी आड़ में मोदी जी को बदनाम करने के लिए मर रहे हैं.

बोला- मास्टर, यह तू बहुत घटिया आरोप लगा रहा है. ठीक है 'नाक कटाकर दुश्मन का शगुन बिगाड़ने' की कहावत है फिर भी विरोधी पार्टी के शासन में कानून व्यवस्था को बदनाम करने के लिए कुछ टुच्चे नेता खुद पर ही हमला करवाने का सीन फिल्माते हैं लेकिन उसे रीयल बनाने के लिए कोई वास्तव में नहीं मरता. 

हमने कहा- लेकिन यू पी में लोग मर रहे हैं. खबरों के आंकड़े सरकार से संबंधों के अनुसार कुछ इधर-उधर किये जा सकते हैं लेकिन श्मशान के आंकड़े तो झूठ नहीं हो सकते.

बोला- लेकिन ऐसे में हमें भी कुछ तो करना चाहिए. आज घर जाकर इस पर गंभीरता से विचार करूंगा.

आज सुबह हम जैसे ही तोताराम का इंतज़ार कर रहे थे तो एक जुलूस तो नहीं लेकिन एक 'प्रतीकात्मक-सा' जुलूस का बीजाणु जैसा कुछ प्रकट हुआ. आगे-आगे बैनर पकड़े तोताराम का पोता बंटी, इसके बाद मैना और अंत में सिर पर गमछा रखे, गाँधी जी के दांडी यात्रा की साजसज्जा में लाठी टेकता तोताराम. 

जुलूस हमारे बरामदे के सामने रुका. तोताराम ने आगे बढ़ते हुए हमारे हाथ में एक हरी झंडी थमा दी और उच्च स्वर में घोषणा की- 

अब देश के महान व्यंग्यकार श्री रमेश जोशी विश्व में ऑक्सीजन की अबाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तोताराम के नेतृत्त्व में निकाली जा रही अन्तर्राष्ट्रीय अबाध ऑक्सीजन आपूर्ति अभियान यात्रा को हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे.  मैना ने ताली बजाई और तभी फोटो लेने के लिए बंटी सामने के प्लाट की दीवार पर चढ़ गया. हमें किसी ने सोचने समझाने का अवसर ही नहीं दिया. हमसे झंडी लहराने के अलावा कुछ कहते-सुनते ही नहीं बना. दो मिनट में इस महाभियान के शुभारम्भ का काम संपन्न हो गया.

बंटी और मैना को घर जाने का आदेश देकर तोताराम हमारे साथ बरामदे में आ बैठा.

हमने पूछा- यह क्या नाटक है ?

बोला- शुरू में सभी बड़े काम नाटक ही लगते हैं. इसे किसी नेता की रैली के रूप में शक्ति-प्रदर्शन की तरह मत देख. इसे मोदी जी के विजन की तरह एक महान विचार, एक विराट स्वप्न के रूप में देख. कल यही विचार विश्व को पाने आगोश में ले लेगा और दुनिया की शक्ल बदलकर रख देगा.

हमने पूछा- समस्त विश्व में ऑक्सीजन की अबाध आपूर्ति अभियान ! कोई छोटा काम है ? कितने बड़े-बड़े अनगिनत आक्सीजन प्लांट लगाने होंगे.  आपूर्ति कैसे करेगा. वास्तु का होना ही नहीं उसको यथासमय, यथास्थान ही बहुत बड़ा कम होता है.क्या प्लान है, बता तो सही.

बोला- तूने सुना होगा कि पीपल का पेड़ २४ घंटे ऑक्सीजन देता है. तभी गीता में कृष्ण कहते हैं- अश्वत्थ सर्व वृक्षाणाम. 

हमने कहा- गीता और कृष्ण के बारे में तो हम क्या कहें लेकिन यह एक बार-बार दुहराया गया झूठ है जिसके बारे में बहुत  सेवनस्पति शास्त्री भी वेद विज्ञानियों से डरते हुए चुप रहते हैं लेकिन यह तय है कि कोई भी वृक्ष २४ घंटे ऑक्सीजन नहीं देता. हाँ, यह ठीक है जितने ज्यादा पेड़ होंगे उतना ही दुनिया को साँस लेने के लिए साफ़ हवा मिलेगी. 

बोला- तो ऐसा ही समझ ले. हम सारी दुनिया में पीपल के पेड़ लगवाएँगे. 

हमने कहा- लेकिन पेड़ हैं कहाँ ? और इस कोरोना काल में वैसे ही आवागमन बंद है. 

बोला- तो हम कहाँ जा रहे हैं. फिलहाल हम इस ग्रीष्म ऋतु में पीपल के फल इकठ्ठा करेंगे. उसके बाद जो भी देश या व्यक्ति पीपल के पेड़ लगाना चाहेगा वह हमारे भारत स्थित 'अंतर्राष्ट्रीय अबाध ऑक्सीजन आपूर्ति संस्थान' के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष तोताराम से संपर्क कर सकता है. उसे पीपल के बीज 'पहले आओ : पहले पाओ' के आधार पर  निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे. 

चल,अभी इस आशय का एक प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्रसंघ के अध्यक्ष को भिजवाने के लिए अपने वार्ड पार्षद को  भी सौंप आते हैं. और सबसे विश्वसनीय अखबार को इसका समाचार भी दे आते हैं.

हमने कहा- ठीक है. अब अखबार भले ही टीकाकरण, ऑक्सीजन, अस्पताल के समाचार या नंबर न छापें लेकिन ऐसे ही हवाई समाचारों को ज़रूर पूरा कवरेज देते हैं.

बोला- तू हमारे विश्वसनीय अखबार पर ऐसा आरोप नहीं लगा सकता.

हमने कहा- अभी तो चल, समाचार दे आते हैं. बाद में तुझे ऐसा ही एक 'विश्वसनीय' समाचार दिखाएंगे और चर्चा भी करेंगे. 



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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