May 8, 2021

ते ते पाँव पसारिये.....


ते ते पाँव पसारिये ........


राष्ट्रवादी नेता दूसरों को धैर्य, संतोष के साथ साथ गोबर, गोमूत्र, गंगाजल और गंडा-ताबीज से सभी बीमारियों का इलाज़ बताते हैं लेकिन खुद या अपने परिवार के किसी सदस्य के बीमार होने पर विदेश या एम्स भागते हैं. हमारे पास इतनी हिप्पोक्रेसी की तो गुंजाइश नहीं है फिर भी जब तक कोई खतरा न हो तो हम भी राष्ट्रवादी और वैदिक विज्ञान प्रेमी हो लेते हैं. जब कोरोना होगा तब की तब देखी जाएगी लेकिन फिलहाल हम वैकल्पिक थेरेपियाँ भी आजमा लेते हैं जैसे बैठकर पानी पीना, घूँट-घूँट धीरे-धीरे पीना. कुछ लोग कहते हैं कि यदि सांस को साध लिया जाए तो २५ लाख बीमारियों का इलाज़ हो सकता है. २५ लाख तो शब्द ही नहीं होंगे हिंदी में लेकिन फ्री में और बिना खतरे के जो हो जाए उसमें क्या बुराई है. 

आजकल देश में ऑक्सीजन की बहुत कमी चल रही है. इसका एक कारण तो कोरोना बताया जा रहा है लेकिन हमारे अनुसार तो आजकल नेता लोग चुनावों के चक्कर में जो बदबू वाले भाषण दे रहे हैं उनसे इतना कार्बन उत्सर्जन हो रहा है कि कोरोना पीड़ितों का ही क्या, अच्छे भले लोगों का दम घुटने लगा है. किसी ने कहा सुबह-सुबह अनुलोम-विलोम करने से फ्री में अतिरिक्त ऑक्सीजन मिल जाती है. 

सो बरामदे में वही फेफड़ों की धौंकनी चला रहे थे कि तोताराम ने ध्यान भंग किया. बोला- क्या सारे देश की ऑक्सीजन तू ही खींच लेगा ? 

हमने कहा-  अभी तो साढ़े छह बजे हैं. रामदेव और उनके भक्तों ने चार बजे उठकर सारी ऑक्सीजन खींच ली. अब जो थोड़ी बहुत बची है उसमें तू टांग अड़ा रहा है. हम कौन सी हर्षवर्द्धन से ऑक्सीजन मांग रहे हैं. 

बोला-  पीयूष गोयल ने कहा है कि ऑक्सीजन का थोड़ा मितव्ययिता से उपभोग करो. और तू है कि खींचे ही जा रहा है. 

हमने कहा- सब चीजों का कंट्रोल तो अब सरकार के पास है. पिछले तीस बरसों बाद किसी सरकर को स्पष्ट बहुमत मिला है. ३०३. समझ ले थ्री नोट थ्री बंदूक की तरह. पुलिस से रिटायर कर दी गई तो क्या, राजनीति में तो धड़ल्ले से चल रही है. चाहे जिस का एन्काउन्टर कर दे रही है.  गोयल जी जब चाहे रिमोट से रेगुलेटर घुमा कर कम कर देंगे. 

बोला- राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान की नई नई पीएचडी कंगना रानावत ने कहा है कि ज्यादा पेड़ लगाने चाहियें जिससे ऑक्सीजन की कमी न पड़े. 

हमने कहा- तो फिर जब तक कोरोना का प्रकोप है तब तक जयपुर रोड़ पर हनुमान जी वाले मंदिर में पीपल के पेड़ के नीचे अड्डा जमा लेते हैं. कोरोना या तो होगा नहीं और हो गया तो दिन रात फुल ऑक्सीजन. कहते हैं पीपल दिन रात ऑक्सीजन ही छोड़ता है. 

बोला- थोड़े दिन बाद तो देश में न ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी और न कोरोना का प्रकोप. सुना है मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन बना ली गई है. बंगाल वाला चुनाव निबट जाने फिर मोदी जी वहाँ एक बड़ा ऑक्सीजन प्लांट लगवा देंगे और कोरोना को भी 'मन की बात' सुना सुनाकर अधमरा कर देंगे.


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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