Jan 19, 2022

शादी की उम्र


  शादी की उम्र 

 

आज तोताराम बहुत खुश था, बोला- देखा, सरकार ने महिलाओं के विकास और सशक्तीकरण के लिए कितना साहसिक कदम उठाया है. अब न बेटियों की जीवन-रक्षा में कोई रुकावट आएगी और न ही शिक्षा में. अब लड़की और लड़कों की शादी की उम्र एक समान २१ साल कर दी गई है. 

हमने कहा- उम्र का किसी बात से कोई संबंध नहीं है. बुद्धि किसी भी उम्र में भ्रष्ट हो सकती है, ठोकर किसी भी उम्र में लग सकती है. मौत किसी भी उम्र में आ सकती है. भाग्योदय किसी भी उम्र में हो सकता है तो करम भी किसी भी उम्र में फूट सकते हैं. शंकराचार्य ने १६ साल की उम्र में संन्यास ले लिया था और नब्बे साल वाले बरामदे में बैठे कभी प्रधान मंत्री तो कभी राष्ट्रपति और कभी भारतरत्न की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं.

बोला- जैसे पहले किसी भी उम्र में शादी कर दी जाती थी.उससे लड़के-लड़कियों दोनों का विकास रुक जाता था, विशेषरूप से लड़कियों का. 

हमने कहा- विकास का उम्र से क्या संबंध है ? कुछ लोग शादी करते ही नहीं तो क्या वे खुदा हो जाते हैं ?

बोला- मास्टर, मैं बहुत तो नहीं जानता लेकिन भारत में तो शादी न करने से, विधुर हो जाने या शादी करने के बाद पत्नी को छोड़कर भाग जाने से विकास और भाग्योदय का संबंध नज़र आता है.मुझे तो आज और आज से पहले भी कुंवारे, विधुर, परिवार त्यागने वाले लोगों का ही भारतीय सत्ता में सबसे अधिक योगदान नज़र आता है. अब नाम गिनाने लगूँगा तो लिस्ट बहुत लम्बी हो जायेगी.

हमने कहा- वैसे समाजवादी पार्टी के एक मुस्लिम सांसद ने कहा है कि शादी की उम्र बढ़ाने से लड़कियों के बिगड़ने की संभावना अधिक रहती है.

बोला- दो साल से लेकर ८० साल तक की बच्चियों और बूढियों से बलात्कार हो जाते हैं उनमें किसकी उम्र का दोष है. संन्यास और निर्देशक मंडल में बैठने की उम्र में भी साधारण ही नहीं, कई महामहिम और माननीय लम्पटता करके निष्कासित हुए हैं या जेल की शोभा बढ़ा रहे हैं. 

हमने कहा- शादी की उम्र २१ साल होने से बच्चियां सरलता से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी, कैरियर बना सकेंगी, 

बोला- उच्च शिक्षा प्राप्त करके करोड़ों लड़के-लडकियां धक्के खा रहे हैं तो लड़कियों के लिए ही २१ तक शादी न करके कौन से रोजगार के द्वार खुल जायेंगे. इससे अच्छा तो शादी पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगा दिया जाय तो न बढ़ेगी जनसंख्या और न होगी बेकारी, शिक्षा, चिकित्सा की समस्या. या फिर हाई स्कूल की पढ़ाई को ५० साल का कर दिया जाये तो ज़्यादातर तो हाई स्कूल करने से पहले ही निबट जायेंगे, कुछ ग्रेज्युएट तक ठंडे हो लेंगे, फिर भी कोई बच गया तो कह देंगे पकौड़े तल ले या फिर गौरक्षक दल में शामिल हो जा और कर हफ्ता वसूली. 

हमने कहा- जनसंख्या बढ़ने का संबंध शादी से थोड़े ही है. और क्या जो काम शादी के बाद किया जाता है वह बिना शादी के नहीं किया जा सकता ? वेदव्यास और ईसा तो बिना शादी के ही इस मृत्युलोक में आ गए थे. २१ साल के बाद शादी करने से वैवाहिक जीवन के स्वस्थ, सफल और सुखी होने की कोई गारंटी है ? और जब सरकार किसी की कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेती तो फिर बिना बात टांग अड़ाने की क्या ज़रूरत है. जो करे सो भरे.

सब भाग्य का खेल है.गाँधी जी की शादी १२ वर्ष की आयु में हो गई लेकिन राष्ट्रपिता बन गए. मोदी जी की शादी १७ वर्ष की आयु में हो गई तो क्या उनके कैरियर में कोई कमी नज़र आती है ? हमारी शादी भी १७ से कम की आयु में हो गई थी लेकिन हम ! सब किस्मत का खेल है. हमारे हिसाब से तो इन बातों को खुला छोड़ दिया जाना चाहिए. कोई २१ के बाद भी शादी न करे या किसी का जुगाड़ न बैठे तो क्या सरकार कोई जिम्मेदारी लेती है ? कल को सरकार यह भी कह सकती है कि सबको शादी करनी ही पड़ेगी या साक्षी महाराज की सलाह के अनुसार आठ बच्चे पैदा करने ही पड़ेंगे. .

बोला- लोकतंत्र में संख्या का भी बड़ा महत्त्व होता है. अगर सभी इस झंझट से बचने लगेंगे तो वोट कौन देगा ? राजा की पालकी कौन ढोयेगा ? जब प्रियंका गाँधी ने महिलाओं को ४०% सीटें देने का वादा किया है तो क्या हम उनके कल्याण के लिए उनकी विवाह की आयु नहीं बढ़ा सकते ?

हमने कहा- कल्याण सुरक्षा, समानता और सुविधा देने तथा शोषण न करने से होगा. इन हवाई नाटकों से नहीं.


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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