Oct 27, 2025

मोदी जी को यह क्या हो गया ?

   

मोदी जी को यह क्या हो गया ? 


आज जैसे ही तोताराम आयाहमने उसे बैठने का भी मौका नहीं दिया जैसे कि ट्रम्प मोदी जी को चार दिन की मोहलत नहीं देते और कह देते हैं कि मैंने युद्ध विराम करवाया या मेरे कहने से भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया हैऔर कहा-  मोदी जी को यह क्या हो गया है ? 

 

बोलाकुछ नहीं हुआ । वैसे ही गोरे-चिट्टे स्मार्टतन कर चलतेबिना चश्मे में 2047 का भारत और अच्छे दिन देख लेने वालेपूरे 56 इंच के सीने वालेबड़े-बड़ों को लाल आँख दिखा सकने वाले, सिर पर पूरे बालस्वस्थभव्य । अभी कुछ दिन पहले ही नए बने हादुरगढ़ की तरफ जाने वाले ॉर लेन मार्ग पर मॉर्निंग वाक करते नज़र आये तो थे ।  

 

 

 

 

 

हमने कहाहम उनके शारीरिक स्वास्थ्य की बात नहीं कर रहे । वह तो अच्छा रहेगा ही । योगा करते हैंमशरूम खाते हैं और ब्रह्मचारी हैंमाया मोह से मुक्त तो पहले से ही थे । हम तो उनके मानसिक और बौद्धिक स्तर में कमी आने की बात करते हैं ।  

 

बोलाउसमें भी कोई कमी नहीं है । आज भी कांग्रेस की पुरानी से पुरानी बातें ढूंढ ढूंढकर लाल किले ही नहींजहाँ तहाँ सुनाते रहते हैं । याददाश्त में कोई कमी नहीं । एक दम सजग ।  

हमने कहादो चार दिन पहले मोदी जी ने बिहार में चुनाव प्रचार में एक भाषण में गठबंधन के बारे में जिस प्रकार से तुकबंदी करते हुए प्रधानमंत्री की भाषा का स्तर गिराया उसको लेकर हमारे मित्र एक विश्लेषक ने कहा कि लगता है मोदी जी का बौद्धिक स्तर गिर गया है । इसीलिए वे विदूषकों की तरह बचकानी तुकबंदी करते हुए ओछी और बचकानी बातें करने लगे हैं जो प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देती ।  

 

बोलाचुनाव में सब कुछ उसी तरह उचित है जैसे कि प्रेमजुआमजाकमहिलाओं के बीच में और युद्ध में । चुनाव भी इसका एक प्रकार है । और फिर जहाँ तक तुक की बात है तो तुक मिलाना कोई मज़ाक नहीं है । अच्छे अच्छे कवि तुक के अभाव में चार लाइनों से आगे नहीं बढ़ सकते । मैंने भी इमरजेंसी के बाद मोरारजी के प्रधानमंत्रित्व काल में एक मुक्तक लिखने की सोची थी लेकिन इंदिरा जी के बीस सूत्र और मोरारजी भाई के स्वमूत्र के बाद तीसरी टुक न मिल पाने के कारण मुक्तक आज तक पूरा नहीं हो सका और मोदी जी को देखे ।  

 

सब काम तुक मेंकोई भाषण कथ्य में बेतुका हो सकता है लेकिन तुक के मामले में एकदम फिट ।  अभी समस्तीपुर की चुनावी सभा में क्या तुक मिलाई हैलटकझटकपटक ।   

 

  

 

हमने कहाअब देखना मोदी जी पर भी इसी प्रकार की तुकबंदी बनेगी । हम अभी सुना देते हैं तुम्हें । चटकमटकगटक ।  

 

बोलामतलब ?  

 

हमने कहाचटक मतलब प्रदर्शन के लिए तरह तरह के रंग बिरंगेनए नए  वस्त्र पहनना । क्या कभी नेहरूगांधीपटेलराजेन्द्र बाबूशास्त्री जीराजीव और राहुल को ऐसे ार ार   स्त्रों ें ेखा  से  च्चे  ादान ुवतियाँ   पड़े हन  नावटी ाल  लते ैं से टकना हते ैं ।   

 

बोलालेकिन यह ‘गटक’ क्या है ? 

 

हमने कहाजब कोई कुछ चुराकर या छुपाकर खाता-पीता है तो उसे तसल्ली नहींहोती और कुछ डरा हुआ भी होता तो वह उसे जल्दी से हलक के नीचे उतार लेता है उसे गटकना कहते हैं जैसे सरकार आर्थिक अपरधियों से घूस के रूप में इलेक्शन बॉन्डपी एम केयर फंड का पैसा लेकर गटक गई । इरादा तो कुछ भी बताने का नहीं था लेकिन जब जोर पड़ा तो बड़ी मुश्किल से बताया कि किसनेकितने के इलेक्शन बॉन्ड खरीदे । इनमें नकली दवा बनाने वाले और घाटे में चलने वाली कुछ कंपनियां तक थीं । और घाटे में दिखाकर भी अरबोंब का चंदा देने का क्या मतलब है ?  

इसे कहते हैं ‘चोर-चोर मौसेरे भाई’   





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