Oct 10, 2025

2025-10-10 सेफ़्टी फर्स्ट

2025-10-10  

सेफ़्टी फर्स्ट  

 

आज तोताराम कुछ देर से आयाहमें क्या फ़र्क़ पड़ता हैवैसे ही जैसे जनता को रैली या रोड़ शो से । न तो बिजली कटौती पर कोई फ़र्क़ पड़ता है, न पानी की कम आपूर्ति, न बेरोजगारी, न महंगाई औरही कानून अव्यवस्था परफिर भी अगर कुछ दिन ये सबहों तो कुछ अजीब सा लगने लगता हैलगता है जैसे देश में सब कुछ रुक सा गया हैलगता है अचानक सब शोर बंद हो गया होलगता है जैसे अचानक रात्रि जागरण में लाइट चली गई होमुरदनी सी छा  जाती हैमरघट की सी शांतिकहीं बुलडोज़र चल जाए, कहीं किसी पर पेशाब कर दिया जाए, किसी का मूंछ रखने पर सिर मूँड़ दिया जाए, किसी धार्मिक स्थान को खास रंग में पोत दिया जाए, किसी से जबरदस्ती किसी भगवान का नाम बुलवाया जाए, किसी से जबरदस्ती राष्ट्र गीत गवाया जाए तो लगता है कि देश, धर्म, संस्कृति जिंदा हैंहमारा भविष्य उज्ज्वल हैहममें अब भी दम हैहम किसी से कम नहीं 

 

तोताराम का एक चाय का ही तो खर्चा हैआता है तो कुछ देर के लिए ही सही, रौनक हो जाती हैलगता है जैसे किसी हृदय सम्राट के समारोह में सभी कुर्सियाँ भर गई हैंनहीं तो लगता है जैसे प्रधान मंत्री रोड़ शो कर रहे हैं और कोईहो ही, हो हीकरने वाला ही नहींतो लगता है कि सब सजावट, सब वस्त्र विन्यास, सब गरिमा, सब रुतबा एक ही झटके में ध्वस्त हो गए 

 

खैर, तोतारामही गयालेकिन यह क्या ? तोताराम ने आते ही फीता निकाला, और बरामदे की नाप-जोख शुरु कर दीहमें शंका हुईपूछा- क्या बात है तोताराम ? क्या हमारे बरामदे का निर्माण अवैध है ? तू क्यों इस तरह नाप रहा है जैसे कि किसी नेआई लव मुहम्मदका बोर्ड लगा दिया होक्या यहाँ बुलडोज़र चलने वाला है ?  

 

बोला- असंभव भी नहीं हैफिलहाल तो बाबर की औलादों का नंबर हैउसके बाद मैकाले, फिर मार्क्स, फिर अंबेडकर वालों का आएगाउसके बाद अगर तुम जैसे प्रगतिशीलों ने चूँ-चपड़ बंद नहीं की तो तुम्हारा भीसकता है 

हमने पूछा- तो फिर यह नाप जोख किस लिए ? 

बोला- यह तो तेरे बरामदे के जाली लगवाने के लिए नाप ले रहा हूँ 

हमने कहा- लेकिन जाली लगाने से तो ऐसा लगेगा जैसे हमें पुलिस की गाड़ी में हिरासत में लेकर बैठाया गया है 

बोला- भले ही लगे लेकिन जूते से तो बच जाएगाकैनवास का हल्का फुल्का हुआ तो बात और नहीं अन्यथा अगर शुद्ध चमड़े का हुआ तो सिर भी फूट सकता हैक्या कमांडो से घिरे हृदय सम्राट तुझे किसी खूँख्वार अपराधी जैसे नहीं लगते ? सेफ़्टी फर्स्ट 

 

 

 

हमने कहा- हम कोई सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश थोड़े हैं जो कोई हमारे ऊपर अपना हजार रुपए का जूता फेंकेगाऔर फिर इधर से गुजरने वाले सामान्य आदमियों के पास तो राम राम करके हवाई चप्पल होगी, वह भी घिसी हुई 

 

बोला- यह सामान्य आदमी का मामला नहीं हैयह असामान्य आदमियों की समस्या हैवे धर्म की रक्षा के नाम पर चर्चित होकर लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ भी कर सकते हैंऔर फिर आजकल तो सनातन पर सबसे अधिक खतरा है 

हमने कहा- जो सनातन ही है उसे क्या खतरा हो सकता है ?  

बोला- सनातन कुछ नहीं होतावैज्ञानिकों ने सूरज, चाँद, पृथ्वी सब की उम्र निकाल रखी है । न प्रकाश सनातन है, न जीवनसनातन है मृत्यु, सनातन है भूख, सनातन है प्याससुबह खाओ तो दोपहर को फिर भूख लग आती हैहजार उपायों के बाद भी मृत्यु तय हैइसलिए जीवन की रक्षा करो, प्यास बुझाने का प्रबंध करोरोशनी के लिए दीया जलाने के लिए हजार जतन करने पड़ते हैंबुझाने में क्या हैकोई भी सिरफिरा मार देगा फूँक 

गाँधी बनने में साधना करनी पड़ती हैगोडसे का क्या है ?एक जुमले में हजारों तैयार ।   

हमने कहा- कोई बात नहींअगर किसी ने फेंक ही दिया जूता तो हम भी उसे गवई जी की तरह उदारतापूर्वक क्षमा कर देंगे 

बोला- क्षमा नहीं करेगा तो कर भी क्या सकता है ? लेकिन याद रख नफरत के बाजार में क्षमा का कोई खरीदार हीं सा िनको ्षमा िया ्या नका ृदय-परिवर्तन ुआ ? ्या ाँधी पने ्राणघातक मला रने ालों ्षमा हीं िया ? ेकिन ंत ें ुआ ्या ? न्हें ोई छतावा हीं  

 

हमने कहा- तोताराम अगर तुझे ज्यादा ही चिंता है तो हम एक सस्ता उपाय बताते हैंमात्र सौ-पचास रुपए का खर्च हैएक बैनर लगवा देते हैं- हनुमान जयंती पर अखंड रामायण पाठआप सभी सादर आमंत्रित 

अग किसी की भक्ति जाग्रत हो गई तो सुरक्षा के साथ साथ दो-पाँच रुपए का चढ़ावा भीसकता है 

बोला- मास्टर, अगर काम में ले तो तुझ में भी दिमाग है तो सही 

 

-रमेश जोशी   

 



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