2025-10-13
मास्टर, यू आर ग्रेट
हम बरामदे में बैठे थे । तोताराम आया और सबसे पहले हमारी तरफ वैसे ही लपका जैसे विश्व गुरु जिनका डंका दुनिया में बजता है, विदेशी नेताओं की तरफ लपकते हैं । बोला- मास्टर, यू आर ग्रेट ।
हमने कहा- कोई फायदा नहीं हममें ग्रेटनेस ढूँढ़ने का । कुछ एक्स्ट्रा नहीं मिलने वाला । अभी तक दूध वाला नहीं आया । कहीं उसकी गाय उछल गई होगी तो हो सकता है चाय भी बिना दूध की पीनी पड़े । नीबू भी नहीं है ।
बोला- मास्टर, मैं इतना स्वार्थी नहीं हूँ और न ही इतना धूर्त कि स्वार्थ के लिए किसी की झूठी प्रशंसा करूँ । मुझे कौन ट्रम्प की तरह भारत पर अतिरिक्त टेरिफ़ की धमकी की आड़ में 35 हजार करोड़ के छह पी-81 पोसेडोन विमान और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर बेचने हैं जो मोदी को ग्रेट कहूँगा ।
हमने कहा- वैसे मोदी जी और ट्रम्प दोनों के दूसरे को ‘माई फ्रेंड’ कहते हैं लेकिन मोदी जी को ग्रेट कब कहा हमें तो पता नहीं ।
बोला- कभी कोई विश्वसनीय अखबार और चेनल भी देख लिया कर । हमेशा कुछ देशद्रोहियों के यू ट्यूब देखता रहेगा तो राष्ट्रहित की जानकारी कैसे मिलेगी । अभी भारत में अमेरिका के राजदूत ने मोदी जी से मुलाकात की थी तब लोगों को पता चला कि ट्रम्प ने मोदी जी को ग्रेट कहा बताया है ।
हमने कहा- पहले तो किसी देश का राजदूत आता था तो सबसे पहले राष्ट्रपति को अपने कागजात प्रस्तुत करता था लेकिन अब हो सकता है प्रधानमंत्री को सौंपने का नियम बन गया हो ।
बोला- अब मोदी जी भी क्या करें । देश में ढंग का राष्ट्रपति तो क्या मंत्री तक नहीं मिलता इसलिए बेचारों को सारे काम खुद ही करने पड़ते यहीं । मदिर और सेंट्रल विष्ठा के उद्घाटन से लेकर ट्रेन को झंडी दिखाने तक के सारे काम खुद ही करने पड़ते हैं । अब मोदी जी भी क्या करें देश का मामला जो ठहरा । पहले 20-20 घंटे काम किया करते थे । अब तो शाह साहब ने बताया कि बहुत बार तो मोदी जी इतने व्यस्त होते हैं कि पेशाब की हाजत को दबाकर भी मीटिंग लेते रहते हैं । कितना कष्ट उठाना पड़ता है ? और एक तू है कि दिन में 20 बार वाश रूम जाता है । पता नहीं, तेरे यहाँ ही कोई अनोखा शौचालय बनवाया है मोदी जी ने ।
यह क्या कम ग्रेटनेस है ? हो सकता है ट्रम्प को मोदी जी द्वारा देशहित में इतने कष्ट उठाने का पता चल गया हो तो उसने मोदी जी को लिखित में ग्रेट बताया है ।
हमने कहा- क्या कोई सर्टिफिकेट भिजवाया है ?
बोला- फरवरी 2025 में मोदी जी भी ट्रम्प से मिले थे । यह फ़ोटो उसी अवसर का है जिसमें एक तरफ मोदी जी बहुत शालीनता से खड़े हुए हैं और दूसरी तरफ ट्रम्प । उसी फ़ोटो पर ट्रम्प ने अपने सरियों की फेंसिंग जैसे हस्ताक्षर करते हुए लिखा है- मिस्टर प्राइम मिनिस्टर यू आर ग्रेट ।
अब इसके बाद प्रमाण और क्या चाहिए ?
हमने कहा- तोताराम, ट्रम्प ने मोदी जी में ग्रेटनेस तो देखी लेकिन वह नहीं जो तू देख रहा है । इसका कारण मोदी जी की विनम्रता है, शान्तिप्रियता है । जब मोदी जी ट्रम्प से मिले थे उससे एक दो दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्स्की भी ट्रम्प से मिले थे लेकिन उसने ट्रम्प की गलत बात को चुपचाप नहीं सुना और तत्काल पलटकर उसका उत्तर दे दिया था । ट्रम्प को यह बर्दाश्त नहीं हुआ । लेकिन अगले दिन जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तो उसमें किसी ने मोदी जी से प्रश्न किया लेकिन मोदी जी मणिपुर और नोटबंदी की तरह चुप लगा गए । ट्रम्प को कहना पड़ा कि प्रश्न आपसे किया गया लेकिन आप उत्तर नहीं दे रहे हैं तो मैं ही आपकी तरफ से उत्तर दे देता हूँ ।
ट्रम्प को मोदी जी कि यह विनम्रता बहुत पसंद आई । उसके बाद जब ट्रम्प ने बार बार मोदी जी को चिढ़ाने के लिए कहा कि मैंने युद्ध विराम करवाया तब भी मोदी ने कोई गुस्सा या ऐतराज नहीं किया । इससे ट्रम्प ने मोदी जी ग्रेट मान लिया और अब लिखकर भी दे दिया ।
इसी तरह जब देवताओं में यह विवाद हुआ कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कौन बड़ा ? तो भृगु जी ने भी इसी तरह टेस्ट लिया था । ब्रह्मा और शिव दोनों भृगु जी के कटु वचनों से नाराज होकर मारने दौड़े वहीं भृगु की लात खाकर भी विष्णु ने कहा- हे ऋषि श्रेष्ठ ! कहीं मेरे कठोर वक्षस्थल से आपके पैर में चोट तो नहीं आ गई ?
बस, विष्णु की यही अदा भृगु जी को भा गई और उन्होंने उन्हें ग्रेट घोषित कर दिया ।
अब तो तोताराम को गुस्सा आ गया, बोला- तो तू यह कहना चाहता है कि ट्रम्प ने मोदी जी को लात मारी ?
हमने कहा- क्या बताएं तोताराम, तू इतनी सी हिन्दी भी नहीं समझता । थूक कर चाटने का मतलब क्या वास्तव में थूक चाटना होता है ? इसका ध्वन्यायार्थ होता है अपनी बात से पलटना । वैसे ट्रम्प भले ही भृगु ऋषि न हों लेकिन मोदी जी तो सचमुच घोषित रूप से विष्णु के अवतार हैं ।
बोला- लेकिन तुझे यह तो मानना पड़ेगा कि आजतक किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने किसी भारतीय प्रधानमंत्री को ऐसा लिखकर नहीं दिया ।
हमने कहा- और आजतक किसी भी प्रधानमंत्री को फिलिप्स कोटलर जैसे विश्व प्रसिद्ध 25-25 अवॉर्ड भी तो नहीं मिले ।
-रमेश जोशी
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