Apr 9, 2010

तोताराम का तलाक


आज तोताराम को आने में देर हो गई थी । उसके इंतज़ार में चाय ठंडी हो रही थी । तभी तोताराम कुछ कागज हाथ में लिए हुए हाज़िर हुआ । हमने चाय प्रस्तुत की तो बोला- अभी नहीं, पाँच-सात चाय और बनवा ले । थोड़ी देर में सभी साथ-साथ ही पिएंगे ।

हमने कहा- सभी साथ-साथ का क्या मतलब ? हम दोनों हैं तो सही ।
कहने लगा- आज मैंने पत्रकार वार्ता रखी है । लोग आते ही होंगे ।

एक और सस्पेंस । हमने पूछा - पत्रकार वार्ता किस लिए ? बोला- आज मैं पत्रकारों के माध्यम से यह घोषणा करना चाहता हूँ कि मैंने मार्लिन मुनरो, एलिज़ाबेथ टेलर, वैजयंतीमाला और सुरैया को तलाक दे दिया है ।

क्या बताएँ रोकते-रोकते भी बेसाख्ता हमारी हँसी इतने जोर से निकली कि तत्काल ही खाँसी में बदल गई । एक मिनिट में साँस आया तो पूछा- पर तुमने इनसे शादी की ही कब थी ?

तोताराम ने गंभीर होते हुए कहा- याद तो नहीं आ रहा पर मास्टर, सपने देखने की उम्र में क्या पता कभी कोई दोष हो गया हो और किसी को सपने में ही शादी के लिए हाँ कर दी हो ।

हमने तोताराम को आश्वस्त किया- सपने में भी क्या कोई शादी होती है और ऐसी शादी की मान्यता और प्रमाण भी क्या है ? और क्या तुमने बंटी की दादी को इसके बारे में बताया है ? क्या उसने तुम्हें डाँटा है ?

तोताराम ने कहा- ऐसी तो कोई भी बात नहीं है पर भैया, किस्मत का कुछ भी पता नहीं । पता नहीं, कब क्या झंझट पड़ जाए । बेचारे मासूम शोएब मलिक को ही देख ले । फोन पर एक लड़की से दो चार बातें क्या कर ली कि लोगों ने इतना हल्ला मचा दिया । और सारी दुनिया से छिपा लें पर भगवान से तो नहीं छुपाया जा सकता । क्या पता इस याद न रहे स्वप्न के आधार पर यमदूत मुझे स्वर्ग या नरक में ले जाते समय पीटने न लग जाएँ कि तूने बिना इन्हें तलाक दिए पाँचवीं शादी क्यों की तो मैं अकेला रास्ते में क्या कर लूँगा ? क्या गारंटी है कि उस यात्रा में भी तू मेरे साथ होगा ही ।

हमें लगा कि यह शोएब वाले मामले के कारण वास्तव में ही कुछ मानसिक रूप से घबरा गया है । हमने उसे प्यार से समझाया- देख तोताराम, स्वप्न का कोई प्रमाण नहीं और यह तो तय है कि तुमने इनमें से किसी को कभी कोई फोन किया ही नहीं । तेरे पास तो क्या, मीडिया वालों तक के पास इनके फोन नंबर नहीं हैं । सो तेरा यह डर निराधार है । निश्चिन्त होकर चाय पी । तू कहे तो पकोड़े भी बनवा देते हैं ।

तोताराम का डर अभी भी कम नहीं हुआ था, बोला यह ठीक है कि मैनें तो किसी को फोन नहीं किया पर यह भी तो हो सकता है कि कि इन्होंने मेरे मोबाइल पर कोई मिस काल कर दिया हो या कोई एस.एम.एस. भेज दिया हो । मास्टर, टेक्नोलोजी इतनी विकसित हो गई है कि नष्ट की हुई सिम की राख से भी काल डिटेल निकाल सकती है जैसे कि किसी अंडे के जीवाश्म से डायनोसार की फिल्म बना कर बेची जा सकती है ।


हमने तोताराम को फिर समझाने की कोशिश की- देख तोताराम, पहले तो ऐसे किसी चक्कर की संभावना है ही नहीं और मान ले राजनीति के शुद्ध होने और महँगाई घटने की तरह यह असंभव भी संभव हो जाए तो कह देना कि तूने अपना धर्म बदल लिया है जिसमें न तो चार बीवियाँ रखना गलत है और न ही शादियाँ करने के लिए तलाक देना ज़रूरी है और न ही तलाक देने के लिए किसी बीवी की इजाज़त लेना ज़रूरी है ।

तोताराम जैसे नींद से जगा, बोला- पर मैंने तो कभी धर्म बदला ही नहीं । अगर कोई इसका प्रमाण माँगेगा तो क्या कहूँगा ?

हमने कहा- ऐसी बातों के ऐसे ही सबूत होते हैं । कह देना- ऊपर वाले के नाम एस.एम.एस. कर दिया था । धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी ने ही कौन से धर्म बदलने के प्रमाण पत्र दिखाए थे । उनका किसने, क्या कर लिया जो तेरा कोई कुछ बिगड़ लेगा ।

तोताराम दीन स्वर में बोला- पर मास्टर, वह तो ही-मैन है । मुझे तो कोई छोटा-मोटा स्वयंसेवक भी लतिया देगा । खैर, पर मास्टर, मेरे सिर पर हाथ रख कर कसम खा कि कभी भी मेरे इस किस्से को बंटी की दादी को बताने के नाम पर मुझे ब्लेकमेल नहीं करेगा ।

हमने कहा- तथास्तु । निर्भय भव वत्स ।

८-४-२०१०

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन ।
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Jhootha Sach

1 comment:

  1. तोतारामजी बांकई समझदार हैं ! शोएब मालिक की तरह पिछली रोटी थोड़े न खाई है जो बुद्धि पीछे से आयेगी ! कहावत भी है, "अग्रसोची सदासुखी !!"

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