Aug 4, 2015

गिफ्ट तो गिफ्ट है

  गिफ्ट तो गिफ्ट है 

आज आते ही तोताराम ने हमारे सामने अढाई इंच की एक चाबी रखते हुए कहा-भ्राता श्री, अनुज तोताराम की ओर से अपने चौहत्तरवें  जन्म दिन के उपलक्ष्य में यह तुच्छ उपहार स्वीकार कीजिए |

हमने कहा- वास्तव में यह एक तुच्छ उपहार ही है | अढाई इंच की लोहे की यह चाबी कबाड़ के भाव में दस-बीस पैसे से अधिक की नहीं है |

बोला- मैंने तो यह सब विनम्रतावश कहा है और तू है कि इसे अभिधा में लेकर मेरा अपमान कर रहा है | यह कोई साधारण चाबी नहीं है | यह कार की चाबी है |

हमने कहा- चाबी तो,वास्तव में अपनी असली कार की हो तो भी,  सौ-पचास रुपए में डुप्लीकेट बन सकती है लेकिन जब हमारे पास कार ही नहीं है तो इससे क्या कान खुजाएंगे ? कल को तू हमें आधी बाँह का कुर्ता, पायजामा, जैकेट और एक तिरंगा दुपट्टा देकर कहेगा- जा, ले ले प्रधान मंत्री पद की शपथ | तो इसका क्या अर्थ लिया जाए ? हम तो वार्ड मेंबर का चुनाव भी नहीं जीत सकते तो यह ड्रेस हमारे किस काम की ? कल को लोहे का एक टुकड़ा देकर कहेगा यह अंकुश है, अब जा इसके बल चढ़ जा हाथी  पर | यह भी कोई बात हुई ? खाली प्लेट-चम्मच से क्या कोई दावत होती है ? क्या सेल्फी मात्र लेने से बेटी का विकास हो जाएगा ? पेट में दाना नहीं तो योग क्या कर लेगा ?

बोला- तेरे जैसे टुच्चे आदमी को कौन समझाए | मोदी जी अभी पिछले दिनों तुर्कमेनिस्तान गए तो वहाँ के राष्ट्रपति जी को हाथ से बनी हुई घोड़े की जीन (काठी) भेंट में दी और उसे राष्ट्रपति जी बहुत प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार किया और एक तू है कि मेरे उपहार की कोई कीमत ही नहीं समझता |

हमने कहा- बन्धु, एक मास्टर और राष्ट्रपति में फर्क होता है | उन्हें क्या फर्क पड़ता है ? बहुत से घोड़े हैं, जब मन हुआ किसी पर भी कस देंगे जीन | लेकिन हम क्या करें इस चाबी का ? कल को तू कोई पुराना सड़ियल हेलमेट लाकर कहेगा- भ्राता श्री, लीजिए पहनिए इसे और बन जाइए स्कूटर-पति | 

कहने लगा- जब कोई बढ़िया से छल्ले में लगी इस चाबी को मस्ती में तर्जनी अँगुली पर घुमाता हुआ या जब कोई हेलमेट लेकर किसी ऑफिस में घुसता है तो फिर उसे कौन पूछता है कि तेरा स्कूटर या कार कहाँ है ? सब यही मानेंगे कि बंदा स्कूटर या कार बाहर खड़ा करके आया होगा | लेकिन तेरा अंदाज़ तो ऐसा है कि जहां जाएगा, लोग यही समझेंगे कि आ गया कोई भिखारी चंदा माँगने |अंदाज़ तो हो स्कूटर या कार वाला |

ला, मेरी चाबी वापिस | कबाड़ी आएगा तो और कबाड़ के साथ इसे भी बेच दूंगा |गिफ्ट तो गिफ्ट है वरना सुदामा के चावल क्या दो लोकों के बराबर थे पर तेरे जैसों की समझ में यह सब नहीं आएगा |

और तोताराम चला गया अपनी बिना कार की चाबी के साथ |

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