Apr 30, 2016

पृथ्वी दिवस, मोम का पुतला और तोताराम

  पृथ्वी दिवस, मोम का पुतला और तोताराम 

चूँकि इंटरनेशनल सूखा सेवा समिति का अध्यक्ष तोताराम तो पानी की बोतल पहुँचाने के लिए लातूर गया हुआ है इसलिए उसकी प्रतीक्षा किए बिना हम अकेले ही चाय पी रहे थे कि बगल से आवाज़ आई- अकेले-अकेले ही....|

हमने पलटकर देखा तो तोताराम !क्या गडकरी या मोदी जी की तरह चार्टर्ड या पर्सनल प्लेन से गया, आया क्या जो चौबीस घंटे में ही वापिस |पूछा- बड़ी जल्दी आ गया लातूर से !

बोला- गया ही कौन था |रात को समाचार सुना कि कल पृथ्वी-दिवस है और मैडम तुसाद में म्यूजियम में मोदी जी का पुतला रखा गया है तो सोचा एक तो तेरे साथ भारत की इस अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि को सेलेब्रेट कर लेंगे और फिर एक लातूर की ही फ़िक्र क्या करें जब पूरी पृथ्वी ही संकट में हैं तो सोचा, पृथ्वी की भी साथ-साथ फ़िक्र कर लेंगे |पृथ्वी में लातूर भी शामिल है ही | 

हमने कहा- तोताराम, तेरा भी ज़वाब नहीं है |जाना हो तो एक बहाना और बीच में ही लौट आना तो दूसरा बहाना |वैसे पृथ्वी-दिवस के बारे में तो मेरा मानना है कि हम भारतीय अपने घर,परिवार, मोहल्ले,गाँव-गली के होने से पहले ही अंतर्राष्ट्रीय हो जाना चाहते हैं |साल में ३६५ दिन होते हैं लेकिन नाटकबाजों ने ७३० दिवस खोज लिए हैं और हवा में लट्ठ चलाते हुए,बिना सूत-कपास के चदरिया बुनते नज़र आते हैं |अरे, अपनी नाक ही ढंग  से पोंछ लो तो 'स्वच्छ भारत : स्वस्थ भारत' हो जाएगा |पैरों जलती नहीं दिखती, पहाड़ पर जलती के साथ सेल्फी लेंगे और तुझे पता ही है कि आजकल लोग सेल्फी लेने में इतने तल्लीन हो जाते हैं कि सेल्फी लेते-लेते छत से गिर जाते हैं |इसलिए हमारा तो मानना है कि इन नाटकों की बजाय हम सब अपने आसपास साफ़ सफाई रखें, पानी, बिजली का दुरुपयोग न करें, पेड़-पौधों से प्यार करें,जीवों पर दयाभाव रखें,एक दूसरे की मदद करें और धर्म-जाति का भेदभाव न करते हुए मिलजुल कर रहें |मेरे ख्याल से 'पृथ्वी-दिवस' का यही मतलब है |बाक़ी तो ये सब दिवस सरकारी पैसे को माचिस लगाने के काम हैं |
अब जब तक तेरे लिए चाय बने तब तक तू चाहे तो हम मोदी जी के मोम के पुतले के बारे में बात कर सकते हैं |

बोला- मोदी जी का पुतला तुसाद के म्यूजियम में लगना बहुत बड़ी उपलब्धि है |लेकिन सभी अखबारों को पढ़ने और इधर-उधर से ढूँढ़ने पर भी पूरी जानकारी नहीं मिली |बीबीसी वालों ने भी यह तो बता दिया कि पुतला बनाने में १२ करोड़ रु. का खर्चा आएगा लेकिन यह नहीं बताया कि ये रुपए लगेंगे किस के ?  अमिताभ, ऐश्वर्या, सलमान, शाहरुख, ऋतिक, कैटरीना कैफ के पास तो बहुत पैसे हैं, अपने पास से पैसे देकर भी पुतला लगवा सकते हैं लेकिन मोदी जी के पास तो इतना बैंक बेलेंस है नहीं |क्या भारत सरकार देगी ? और यदि यह उपलब्धि केवल १२ करोड़ में ही हासिल होती है तो फिर माल्या, दाऊद इब्राहीम,और हाफिज सईद के पुतले भी लग सकते हैं |लोग उस म्यूजियम में गाँधी के पास गोडसे की मूर्ति लगवाने के लिए १२ क्या १२० करोड़ देने को तैयार हैं |और फिर मोदी जी की मूर्ति कैटरीना के पास लगा दी जाएगी तो कैसा लगेगा ?
अलग-अलग थीम के पुतले अलग-अलग विभागों में लगाने चाहिएँ जिससे एक ख़ास वातावरण बने |वैसे मोम के एक पुतले के १२ करोड़ रुपए ज्यादा नहीं है ?इतने में तो जयपुर के कारीगर संगमरमर के १२० पुतले बना देंगे |यदि कोई मोम अपने घर से लाकर दे दे तो पुतला कितने का पड़ेगा ? वैसे भी कभी म्यूजियम में लाईट चली गई तो मोम के पुतले तो पिघल जाएँगे |और पिघल कर उन पुतलों की शक्ल कैसी हो जाएगी मुझे तो यह सोचकर ही हँसी आती है |

हमने कहा- जहाँ तक मोदी जी के पुतले की बात है तो हमारा मानना है कि उसका खर्चा ब्रिटेन की सरकार ने उठाया होगा क्योंकि मोदी जी साक्षात् विकास हैं और आजकल दुनिया का विकास बहुत मुश्किल से हो रहा है | अधिकतर देशों की विकास दर एक दो प्रतिशत से ज्यादा नहीं है जब कि जेतली जी चाहें तो इसे दो क्या तीन अंकों में ले जा सकते हैं |यदि मोदी जी का पुतला ब्रिटेन के लोग देखेंगे तो देख-देखकर ही उनका दस प्रतिशत विकास तो हो ही जाएगा |

तोताराम, कभी-कभी तेरी बातें सुनकर हमें लगता है कि कहीं तू पुतला लगाने या लगवाने का मज़ाक तो नहीं उड़ा रहा ? जब पुतला लगवाना है तो मोल भाव क्या करना |वैसे तू जो मोल-भाव कर रहा है उसका क्या कारण है  ?

बोला- मैं सोचता हूँ कि मेरा सीना २८ इंच का है और ऊँचाई साढ़े चार फीट तो मेरा पुतला तो मोदी जी वाले से आधे में ही बन जाएगा |यदि मोम भी मैं ही दे दूँ  तो और सस्ता पड़ जाएगा |कोई जानकारी हो तो पता कर | और तो कोई काम अमर होने लायक किया नहीं लेकिन क्या पता, तुसाद वाले म्यूजियम में पुतला लगने से ही अमर हो जाऊँ |वैसे मोदी जी के साथ यदि मेरा पुतला नहीं लगा तो यह एक अधूरी छवि होगी |

हमने पूछा- ऐसी क्या बात है तो जो तेरे बिना मोदी जी की छवि अधूरी रहेगी ?

बोला- विकास की छवि के साथ विकास का प्रमाण भी तो चाहिए और मुझसे बढ़कर भारत के विकास का और क्या प्रमाण हो सकता है ?




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