Oct 12, 2019

राम के वंशज



 राम के वंशज  



हमने कहा- तोताराम, सर्वोच्च न्यायालय ने क्या मज़ाक बना रखा है, पूछ रहा है- क्या राम का कोई वंशज अब भी अयोध्या में रह रहा है ?

बोला- इसमें मजाक की क्या बात है ? उचित उत्तराधिकारी तो ढूँढ़ना ही पड़ेगा | यह थोड़े हो सकता है कि जायदाद मोहन की और सौंप दी जाए सोहन को | यह कोई सेवकों का लोकतांत्रिक करिश्मा थोड़े ही है जो भैंसों को हरियाणा से पटना स्कूटर पर भिजवा दें, आसाम से हजारों टन चावल बाइक से मणिपुर पहुँचा दें या गुजरात में एक छोटा-सा सहकारी बैंक में पाँच दिन में आठ सौ करोड़ रुपया गिन दे और बंद हो चुके नोटों से बदल भी दे और सब मामले दबा दिए जाएँ |

हमने कहा- आजकल आदमी को अपने बाप का भी पूरा नाम नहीं मालूम |यदि बाप ने बताया हो तो अधिक से अधिक दादा और बहुत हुआ तो परदादा का नाम पता हो सकता है | राम का जन्म दिन तो पता है लेकिन साल का कैसे पता किया जाए ? ऐसे कोई कहाँ से ढूँढ़ कर लाए राम का वंशज |और फिर हमें देवताओं की श्रेणी में शामिल हो चुके क्षत्रियों के जन्म की कथाओं से तो यह पता चलता है कि फलाँ-फलाँ राजा को संतान नहीं थी, फलाँ-फलाँ ऋषि ने कुछ योग-नियोग-संयोग जैसा कुछ किया तो संतान हुई |कौरव-पांडव तो पाराशर ऋषि के धीवर कन्या से उत्पन्न पुत्र वेदव्यास के नियोग से पैदा होने के कारण क्षत्रिय रह ही कहाँ गए ? कहते हैं दशरथ की भी इस मामले में शृंगी ऋषि ने सहायता की थी |ऐसे में बहुत मुश्किल है राम के किसी वंशज को ढूँढ़ पाना |

बोला- नहीं | इसमें मुश्किल क्या हैं ? लखनऊ में तो कोई भी रिक्शे वाला बता देता है कि वह किस नवाब का वंशज है |पहले मुगलिया खानदान का एक वारिस चाँदनी चौक के कपड़े प्रेस किया करता था |तो अयोध्या में जाकर पूछ लिया जाए |किसी पर तो विश्वास करना ही पड़ेगा क्योंकि अब नारायणदत्त तिवारी की तरह राम का डीएनए टेस्ट तो संभव नहीं है |

हमने कहा-  यह मामला इतना आसान नहीं है, तोताराम |बात अयोध्या तक सीमित नहीं रह गई है |जयपुर राजघराने की दीया कुमारी ने कहा है कि उनके पुराने कागजों में राम की वंशावली है जिसके अनुसार वे राम की ३०७ वीं पीढ़ी में हैं | अब तो मेवाड़ राजपरिवार के अरविन्द सिंह ने भी राम का वंशज होने का दावा कर किया है |हो सकता है अभी और भी लोग आएँ जैसे  'प्यासा' फिल्म में गुरुदत्त  की किताबों की रायल्टी के लिए उसके भाई आ गए थे |

NBT

बोला- मेरे ख्याल से इस बारे में क्यों न साध्वी निरंजन ज्योति से पूछा जाए | वे निरंजन (ब्रह्म/परमात्मा) भी हैं और उनके पास 'ज्योति' भी  है जिसके प्रकाश में वे सब कुछ साफ़-साफ़ देख सकेंगी | वे सब बता देंगी कि कौन रामाजादा है और कौन हरामजादा ? 

हमने कहा- इस हिसाब से तो क्यों न पिछले चुनावों के वोटों से तय कर लिया जाए |

बोला- वोटों के हिसाब से तो देश में ३५% से भी कम रामजादे निकलेंगे |  

हमने कहा- इस हिसाब से तो देश में हरामज़ादों का बहुमत सिद्ध हो जाएगा |

बोला- तो फिर ऐसा कर लें कि पिछले चुनावों में जिस लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार जीता है वहाँ के लोगों को रामजादे अर्थात राम का वंशज मान लिया जाए | 

हमने कहा- यह ठीक है |इस बार संयोग से लोकसभा में भाजपा से एक भी हरामजादा सांसद नहीं है | हाँ, मुख्तार अब्बास नक़वी की थोड़ी समस्या होगी |

बोला- वे कोई चुने हुए थोड़े ही हैं |वे भाजपा के धर्म निरपेक्ष चेहरे हैं | राज्य सभा में हैं पूरी तरह पार्टी की हथेली पर |

हमने कहा- यदि किसी तरह भी तय नहीं हो सके तो रजनीकांत से पूछ लिया जाए जिन्होंने मोदी जी में कृष्ण देख लिया या उमा भारती से जिन्हें मोदी जी में विष्णु मिल गए |


 


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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