Jul 2, 2022

बस, थोड़ी सी कसर है ……..

बस, थोड़ी सी कसर है..........



अपनी वास्तविक पढ़ाई चिकित्सा को छोड़कर, हर दीगर काम के विद्वान, पाँच ट्रिलियन अर्थ व्यवस्था के बारे में चर्चा के लिया भाजपा के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री के रूप में स्थापित सम्बित पात्रा के सामने जिस प्रकार हमारे राजस्थान मूल के, कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ बैठे थे, कुछ उसी अंदाज में तोताराम ने हमारे सामने बैठते हुए कहा- मास्टर, बस थोड़ी सी कसर है। 


हमने कहा- वह भी पूरी हो जाएगी। 

 

बोला- मेरे बिना कुछ कहे ही तुझे कैसे पता चल गया कि किस काम में थोड़ी सी कसर रह गई। 


हमने कहा- इस देश में ऑपरेशन कमल के अलावा और क्या काम शेष रह गया है। सभी तरह के विकास-विनाश लगभग पूर्ण होने को ही हैं। महाराष्ट्र में तख्ता पलट ही दिया। डोर अपने हाथ में और अपयश पूर्व शिवसेना सैनिक एकनाथ के सिर। अगली बार खुद नियंत्रण अपने हाथ में ले लेंगे। राजस्थान में सेंध का काम चालू है ही। 


बोला- ये सब राजनीति की चलताऊ बातें हैं। यह सब तो हर पाँच साल में और मौका लग जाए तो महाराष्ट्र की तरह तीन साल में ही और नहीं तो सिक्किम की तरह खरीद-फरोख्त करके मुख्य विपक्षी दल बनने की तरह जब चाहे अलटा-पलटी होती ही रहती है। मोदी जी दूर तक देखते हैं। कुछ शाश्वत सोचते हैं। उनकी पाँच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था में बस, थोड़ी सी कसर है। 

मेरे साथ  ‘माई गुव’  ने सूचना शेयर की है। 


हमने कहा- पहले यह तो तय हो गया क्या कि एक ट्रिलियन में कितने ज़ीरो अर्थात शून्य होते हैं। 


बोला- शून्य का आविष्कार तो हमने ही किया है, दो चार इधर-उधर हो भी हो गए तो क्या फ़र्क पड़ता है। सेट कर लेंगे। 



हमने कहा- वैसे तो यह सरकारी नीति होती है कि यदि कोई काम 75% हो गया तो उसे पूरा मान लिया जाता है। जैसे अभी मोदी जी ने जर्मनी में भारत मूल के लोगों को बताया कि उन्होंने भारत के सभी गांवों का विद्युतीकरण करवा दिया है। अब यह बात और है कि  उस 25% वाली छूट या धुप्पल में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू में गाँव में बिजली नहीं पहुंची। 


बोला- नहीं, इतना बड़ा  अंतर नहीं है। कहा ना , बस थोड़ी सी कसर है। 


हमने कहा- तो लगता है विदेश से वह 15 लाख हर खाते वाला काला धन या गया है। चौकसे, माल्या और नीरव मोदी को भी उल्टा लटकाकर सारा धन उगलवाया लिया गया है।  जिस तरह सख्त सरकार है उसे देखते हुए तो लगता है कि विदेश भागने से पहले ही 34 हजार करोड़ के बैंक घोटालिए  वधावन बंधुओं को भी पकड़ लिया है। 


बोला- इनको पकड़े बिना ही और 25% वाली छूट के बिना ही बस काम हो सा ही गया है, बस थोड़ी सी कसर । 


हमने पूछा- क्या हजार दो हजार कि ही कसर है क्या ? 


बोला- बस, इतनी सी ही समझ। 


हमने कहा- फिर तो तोताराम इसके घोर अपराध के लिए हम ही जिम्मेदार हैं। अब तू जिसे भी चाहे समाचार भेज दे कि मोदी जी शाम तक देश की अर्थव्यवस्था को पाँच ट्रिलियन का बना देंगे। 





लेकिन तोताराम एक बात तो माननी पड़ेगी कि  मोदी का काम है पुख्ता। लगता है उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर कि ड्रोन  से चेकिंग की तरह मोदी जी पता लगा ही लिया कि बस हजार-डेढ़ हजार कि ही कमी है। 


बोला- लेकिन तू भी काम नहीं है जो इतने दावे से कह रहा है शाम तक यह थोड़ी सी कसर पूरी हो जाएगी। 


हमने कहा- तोताराम, बात यह हुई कि हमारे फोन की वेलेडिटी खत्म होने वाली थी लेकिन हम आलस कर रहे थे। इसी चक्कर में 1200/- रुपए जमा नहीं करवा पाए। कल मेसेज आया कि आज वेलेडिटी खत्म हो जाएगी। हम गए थे रुपये जमा करवाने लेकिन सिस्टम ने हमारे रुपये लिए नहीं। हो सकता है, उदयपुर वाली जघन्य घटना के कारण नेट बंद होने से यह समस्या आ गई हो। आज हम जा रहे हैं और पक्का जमा करवाकर ही आएंगे।  


बोला- तो फिर , नोटबंदी, मंदी और कोरोना के बावजूद अर्थव्यवस्था के पाँच ट्रिलियन की हो जाने की खुशी में सेलेब्रेशन  हो जाए। 


हमने कहा- हमारे धर्म में यही तो सुविधा है कि यहाँ हर दिन कुछ न कुछ महत्वपूर्ण अवसर निकल ही आता है। आज गुप्त नवरात्रा का प्रारंभ भी है। एक और दिन ‘फॉर सेलेब्रेशन’। 

सब कुछ गुप्त, नो प्रश्न, नो डिटेल्स। 


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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