Jul 5, 2022

अगर ब्रिटेन-अमरीका आदि ने ............


अगर ब्रिटेन-अमरीका आदि ने   ............



राष्ट्रीय एकता और धार्मिक सद्भाव पर भाजपा के एक और नेता बिहार के हरिभूषण ठाकुर का विवेकपूर्ण विचार सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि मुसलमानों का वोटिंग अधिकार छीन लिया जाना चाहिए. ये जनसंख्या बढ़ाकर हिंदुस्तान को इस्लामिक कंट्री बनाना चाहते हैं.

हमने तोताराम से पूछा- यह क्या है ? 

बोला-  क्या है, क्या ? राष्ट्रप्रेम है. जो अब तक उपेक्षित किया गया था. अब इन्हें यदि भारत में रहना है तो दूसरे दर्जे का नागरिक बनकर रहना पड़ेगा.

हमने कहा- तू तो एकदम हरिभूषण ठाकुर के शब्द बोल रहा है. क्या तूने उनका वक्तव्य पढ़ा है ?

बोला- पढ़ा तो नहीं लेकिन यह हर राष्ट्रभक्त का मूल मन्त्र है. तरह तरह से समझा तो दिया. या तो चुप रहो या पाकिस्तान चले जाओ.

हमने कहा- जब पांच-सात सौ वर्षों के मुग़ल बादशाहों के शासन के बावजूद हिन्दू अल्पमत में नहीं आये तो अब तुम्हारे डर का क्या कारण है ? 

बोला- हमारे थिंक टैंक का यही निष्कर्ष है.

हमने कहा- हमने जो आंकड़े पढ़े हैं जिनके अनुसार भारत में हिन्दू-मुसलमानों का अब भी वही अनुपात है जो १९४७ में था. अब तो उनकी जन्म दर हिन्दुओं से भी कम हो गई है. 

बोला- ये सब कांग्रेस द्वारा तैयार करवाए गए झूठे आँकड़े हैं. ये चार-चार शादियाँ करते ही इसलिए हैं कि जनसंख्या बढ़ा सकें और अंततः देश पर कब्ज़ा करके उसे इस्लामिक राष्ट्र बना दें. 

हमने कहा- बच्चे तो औरतों से ही पैदा होते हैं फिर इससे फर्क क्या पड़ता है कि बच्चे का बाप कौन है ?एक औरत एक बार में दो-दो गर्भ तो धारण नहीं कर सकती. फिर आज जब आदमी को अपना पेट भरने के लाले पड़े हुए हैं तो किसको तूने चार-चार शादियाँ करते हुए देखा है. जहां तक इतिहास की बात है तो कहते हैं कृष्ण के भी १६ हजार रानियाँ थीं. बता उनके बच्चे कितने थे ? 

बोला- फिर भी हिंदुस्तान तो हिन्दुओं का ही है ना. मुसलमानों के तो बहुत से देश हैं, कहीं भी चले जायेंगे लेकिन हिन्दू कहाँ जायेंगे ?

हमने कहा- क्यों, हिन्दुओं को किसने रोका है ? हिन्दू दुनिया के बहुत से देशों में करोड़ों की संख्या में बसे हुए हैं, वहाँ के नागरिक हैं और बड़े बड़े पदों पर हैं . ब्रिटेन में १% हिन्दू है और मंत्रीमंडल में १४% हैं. कुल २२ मंत्रियों में से ३ और वे भी सबसे महत्त्वपूर्ण मंत्रालय. हो सकता है कोई हिन्दू ब्रिटेन का प्रधानमंत्री ही बन जाए. अमरीका में भारत मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बन गई जिसे मोदी जी और ट्रंप की दोस्ती के कारण भक्त लोग ट्वीट करके हड़का रहे थे, आज गर्व कर रहे हैं. कल को हो सकता है, वे राष्ट्रपति भी बन जाएँ.

बोला- बन क्यों नहीं सकते, आखिर हिन्दू है, विश्वगुरु के वंशज, काबिल. 

हमने कहा-   प्रवासी भारतीयों का दूसरे देशों में बड़े बड़े पदों पर होना केवल योग्यता ही नहीं, उस देश की लोकतांत्रिक ईमानदारी भी है.  प्रीति पटेल का तो जन्म भी ब्रिटेन में नहीं हुआ जबकि हैं वहाँ की गृहमंत्री है.और हम किसी भी विदेशी या विधर्मी को स्वीकार ही नहीं करना चाहते, उनको भी जो हजार साल से भारत में ही हैं. यह क्या है ?  ब्रिटेन, अमरीका और अब तो मुस्लिम देशों तक में सैंकड़ों मंदिर बन रहे हैं और तुम यहाँ मंदिर-मस्जिद की राजनीति करते हो. अगर दूसरे देशों ने भी तुम्हारी तरह ज़वाब देना शुरू कर दिया तो हर साल आने वाले  ८० अरब डॉलर का घाटा कहाँ से पूरा होगा ? चार करोड़ प्रवासी भारतीयों को कहाँ खापाओगे. यहाँ तो पहले से ही बेकारी के मारे परेशान लोगों को विकासशील सरकार 'गोबर-उद्योग' में भविष्य तलाशने को कह रही है. 

 


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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