Jun 23, 2022

गुजरात ने फिर लाज़वाब कर दिया


गुजरात ने फिर लाज़वाब कर दिया 


तोताराम ने आज फिर हमें सोचने के लिए मज़बूर कर दिया, बोला- मास्टर, गुजरात ने फिर लाज़वाब कर दिया.

हमने पूछा- अब क्या हो गया ? क्या सबरमती आश्रम के आसपास दारू के साथ-साथ कोई मांसाहारी होटल खोल दिया क्या ?

बोला- नहीं, अबकी बार तो गुजरात की एक लड़की ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

हमने कहा- कौन, वही तो नहीं जो दस-पंद्रह दिन से खुद से शादी करने का तमाशा करके फ्री में मीडिया में चर्चित हो रही है. क्या नाम है उसका- क्षमा बिंदु.

बोला- हाँ, वही. परसों उसने शादी कर ली है. खुद से शादी करने वाली यह भारत की पहली लड़की बन गई है. 

हमने कहा- ऐसे ऊटपटांग काम विदेशों में तो कई हुए हैं. एंद्रियाना, लीमा, फेंताशियो बर्रीनो.क्रिस गलेरा, लौरा मेसी आदि ने स्व-विवाह किये हैं जिसे अंग्रेजी में 'सोलोगेमी' कहते हैं. 

गुजरात हमेशा से ही वाइब्रेंट रहा है. यह लड़की भी तो उसी मिट्टी की बनी है जिस मिट्टी के मोदी जी बने हैं. सबसे पहले डिजिटल कैमरा और ईमेल भी भारत में गुजरात के मोदी जी ही लाये थे ना.  लड़की ने बहुत फायदे का सौदा किया. खर्चा कोई नहीं. ज़िन्दगी भर सिंगल बेड से ही काम चल जाएगा. न दो का खाना बनाना और न बाल बच्चों का झंझट. सिंगल टिकट में सिंगल सीटेड रूम में ही हनीमून मन जायेगी. 

बोला- तभी तो कहता हूँ गुजरात ने फिर लाज़वाब कर दिया. 

हमने कहा- वैसे यदि शैव दर्शन के हिसाब से देखा जाए तो सभी जीवों में नर और मादा दोनों के अंश होते हैं. तभी शिव 'अर्द्ध नारीश्वर' कहलाते हैं. वैसे उनके स्वविवाह का कोई उल्लेख किसी पुराण में नहीं मिलता. लेकिन यह भी सच है बिना 'आत्ममुग्धता' के ऐसा होना बहुत कठिन है कि कोई नई नई शादी करके लाये और उसी दिन लीन हो जाए समाधि में.    

बोला- कोई भी महान काम करने के लिए ऐसी ही आत्मनिर्भरता होना बहुत ज़रूरी है. बड़े-बड़े नेता और महापुरुष भी एक प्रकार से खुद से ही विवाह करते हैं. कहीं ध्यान भटकने का प्रश्न ही नहीं. जितने भी महान पुरुष हुए हैं वे या तो अविवाहित रहे या रंडवे होकर कुछ कर सके या बुद्ध की तरह महाभिनिष्क्रमण कर गए. यही सच्ची आत्मनिर्भरता और महानता है. सब झंझट से फ्री. 

हमने कहा- इसे मनोविज्ञान में 'आत्ममुग्धता-ग्रंथि'  कहते हैं. ऐसे लोग नार्सीसस की तरह पानी में खुद की परछाईं को देखते-देखते ही मर जाते हैं.

बोला- इसमें सबसे मज़े की बात तो यह है कि हर समय बिना कुछ खर्चा किये अपने साथी को कुछ न कुछ गिफ्ट देते रहो जैसे कृति सेनन, नोरा फतेही, शहीद कपूर आदि ने खुद को महँगी कार गिफ्ट कर दी. माल घर का घर में. गिफ्ट का मज़ा फ्री में. एक अमरीकन ने तो खुद की कार से ही शादी कर ली. वैसे मास्टर, बिना कोई खर्च किये चर्चित होने का यह सबसे सस्ता तरीका है लेकिन इससे हिंदुत्व जो पहले से ही खतरे में है अब और भी खतरे में पड़ जाएगा. 

हमने कहा- तोताराम, अब तो अपनी ही सरकार है. यदि अब भी हिंदुत्व खतरे  में है तो फिर सुरक्षित कब होगा ?

बोला- संख्या. हिन्दुओं की जनसंख्या का क्या होगा ? सभी शुभचिंतक चाहे वे साक्षी महाराज हों, उमा भारती हों, साध्वी ऋतंभरा हो, प्रज्ञा ठाकुर हों, तोगड़िया या नरसिंहानन्द यती हों, गृहस्थी रूपी बिल में कोई हाथ नहीं डालता सब मन्त्र पढ़ते हैं. बच्चे कोई पैदा नहीं करता, सारी जिम्मेदारी बेचारी हिन्दू जनता की. अब यह आत्मविवाह ! ऊपर से मुसलमानों का लव जिहाद. 

हमने कहा- चिंता मत कर. यह तमाशा करना था सो कर लिया. अब जब यह दो-चार साल बाद वास्तव में शादी में करेगी तब कोई मीडिया वाला खबर लेने नहीं जाएगा. खबर दो सिर वाले बछड़े की आती है. सामान्य तो समान्य बने रहते हैं. 

बोला- दुनिया सामान्यों से ही चलती है, असामान्यों और उनके तमाशों से नहीं. 



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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