Jul 15, 2022

बाबा का रेट चार्ट


2022-07-15 


बाबा का रेट चार्ट 



आज तोताराम ने आते ही कहा- चल, बाबा के दर्शन कर आएं. 


हमने कहा- पहले यह तो पता कर ले कि किस बाबा के दर्शन करने हैं और वह स्वनामधन्य बाबा किस जेल में है या कि चुनावी चक्कर में वोट पटाने के लिए सत्ताधारी पार्टी ने पार्टी ने उसे पेरोल या जमानत तो नहीं दे दी है. 


बोला- तू किस बाबा की बात कर रहा है ? आजकल सच्चे और भले बाबा तो कहीं अपनी जान बचाकर दिन काट रहे हैं. सब चर्चा तो बदमाशों और लम्पटों की है. भक्ति और आध्यात्म का ठेका वे ही तो लिए हुए हैं. मैं तो असली बाबा विश्वनाथ की बात कर रहा हूँ. १८ जुलाई को श्रावण का पहला सोमवार है. चल, काशी हो आएं. सुना है काशी कॉरिडोर बड़ा भव्य बना है. अब तू कानूनी रूप से अस्सी का हो गया है. मैं भी अमिताभ बच्चन की तरह दो-चार  महिने में सुपर सीनियर सिटीजन हो जाऊँगा. ज़िन्दगी का क्या भरोसा. बना ले प्रोग्राम. 


हमने कहा- इसमें प्रोग्राम बनाने की क्या ज़रूरत है. जब तेरा मन हो दो जोड़ी कपड़े डाल लेना. घर के आगे ही तो खड़ा है अपना स्पेशल प्लेन. सोते, चाय पीते दो घण्टे में पहुँच जाएंगे बाबा के दरबार में और शाम को खाने के वक़्त तक लौट आएंगे. 


बोला- तू तो ऐसे कह रहा है जैसे तूने आज ही ९०० करोड़ का सर्व सुरक्षित एयर फ़ोर्स ऍफ़ वन प्लेन खरीदा है। 


हमने कहा- लेकिन तू भी तो ऐसे कह रहा है जैसे हमें ‘माननीयों’ की तरह जनता के खून-पसीने के पैसे से मुफ्त फर्स्ट क्लास की असीमित यात्राएं करने की सुविधा प्राप्त है. गैस और रेल-बस यात्रा तक की सबसीडी तक तो छीन ली, देश के विकास के नाम पर. अब यात्रा करेंगे सांसद, राज्यपाल, मंत्री आदि और कल को यह भी हो सकता है कि पुजारी जी हनुमान जी और श्याम जी आदि को उन्हें रिसीव करने के लिए बस हवाई पट्टी पर ले जाएँ. 





बोला- मनुष्य जन्म बार-बार नहीं मिलता, वह भी भारत में और उच्चकुलीन ब्राह्मण के घर.

 

हमने कहा- भगवान को किसी स्थान, मूर्ति और दिन विशेष से बांधने वाले अज्ञानी और ढोंगी होते हैं. वे सर्वव्यापी ईश्वर का अपमान करते हैं. वे धर्म को आचरण से बाहर फेंक कर धर्मान्धता फैलाते हैं. मीरा ने तो साफ कहा है-


मेरे पिया मेरे घट में बसत है ना कहुँ आती-जाती.

 

प्रह्लाद के राम उसके लिए खम्भा फाड़कर निकल आये, सच्चे भक्तों ने तो १९९३ में इस कलियुग में भी अमरीका में सेनफ्रांसिस्को के एक रोड़ ब्लॉकर तक में शिवलिंग देख लिया. ज्ञानवापी के वजूखाने में शिवलिंग को पहचान लेना तो अभी कल की ही बात है. 


बोला- छोड़ इन दार्शनिक बातों को. संसार में सगुण और भौतिक का भी महत्त्व होता है. यदि ऐसा नहीं होता तो मोदी जी भव्य राम मंदिर, काशी कॉरिडोर, रामानुजम का मंदिर, मध्यप्रदेश में शिवराज जी इस महंगाई और बेरोजगारी के समय में भी हजारों करोड़ खर्च करके महाकाल कॉरिडोर क्यों बनवाते ? 


हमने कहा- तोताराम, सुना है, अब काशी के भोले बाबा की नगरी की वह बात नहीं रही. हमने तो आज से कोई पैंतीस-छतीस साल पहले बाबा को अपने ओरिजिनल रूप में देखा था. अब तो सुना है सारा मामला हाई फाई और सेवन स्टार हो गया है. 


चल, तू कहता है तो किसी तरह आने-जाने का किराया तो जुटा लेंगे.  लेकिन आजकल मोदी जी जिस विकास के लिए किसी की नहीं सुन रहे हैं उस मॉडल में होटल में खाने से ज़्यादा सर्विस चार्ज लग जाता है. ज़रा, बाबा के रेट तो पता कर ले. 


बोला- रेट तो रंडियों और दलालों के होते हैं भगवान और संतों के क्या कोई रेट होते हैं ? अमूल्य चीज के कोई दाम लगा सकता है क्या ?


हमने कहा- आजकल छोटे लोग ही बड़ी जगहों पर बैठे हैं. वे अमूल्य को क्या समझें. वे तो हर चीज को पैसे की टर्म में ही देखते हैं. जब हम गए थे बाबा के दरबार में काशी तो दर्शन का कुछ भी नहीं लगा था. एकदम पास से दर्शन किये थे. हाँ, यह बात और है कि उस समय वहाँ जूते-चप्पल की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी सो हमने दर्शन लाभ के बदले नई चप्पलें ज़रूर गँवा दीं. 


तोताराम ने हमारी आँखों के सामने अपने स्मार्ट की स्क्रीन घुमाते हुए कहा- ले ध्यान से देख ले. १२ जुलाई को ही एक अखबार में नए रेट छपे हैं. तसल्ली से देख ले और तय कर ले.


  • मंगला आरती (सोमवार) शुल्क 2000 रुपये

  • मंगला आरती (बाकी दिन)शुल्क 1500 रुपये

  • सुगम दर्शन (सोमवार) 750 रुपये

  • सुगम दर्शन (बाकी दिन) 500 रुपये

  • मध्यान्ह भोग आरती, रात्रि शृंगार, सप्तर्षि आरती, भोग आरती के लिए 500 रुपये

  • सावन में एक शास्त्री से रुद्राभिषेक कराने का शुल्क 700 रुपये

  • पांच शास्त्री (सोमवार) रुद्राभिषेक कराने के लिए 3000 रुपये

  • पांच शास्त्री (बाकी दिन) रुद्राभिषेक कराने के लिए 2100 रुपये

  • श्रावण संन्यासी भोग (सोमवार) के लिए 7500 रुपये

  • श्रावण संन्यासी भोग (बाकी दिन) के लिए 4500 रुपये

  • श्रावण शृंगार शुल्क 20 हजार रुपये

 

हमने रेट लिस्ट को ध्यान से पढ़ने के बाद कहा- तोताराम, हम तो दर्शन के लिए उस दिन चलेंगे जिस दिन भक्त अपने धंधे में व्यस्त होंगे और पुजारी जी दर्शनार्थियों के इंतज़ार में बोर हो रहे होंगे या फिर तब जब  ‘शिव के साथ एक रात’ बिताने के लिए जग्गी बासुदेव महामहिम रामनाथ जी  की तरह हमें फ्री में बुलाएंगे. 

बोला- तेरा उनसे क्या मुकाबला. तुझे पता होना चाहिए ‘रामनाथ’ का अर्थ केवल माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ही नहीं होता। ‘रामनाथ’ का अर्थ राम का नाथ अर्थात ‘शिव’ भी होता है. 

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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