Dec 20, 2023

2023-12-20 पूर्णाहुति


पूर्णाहुति 


हमारा घर पर कौन सा जनसेवकों की कुटिया की तरह सेंट्रली हीटिड है जो अंदर-बाहर 'कोज़ी-कोज़ी' लगे । यहाँ तो अगर थोड़ा सा हाथ पैर बाहर निकला रह गया तो बर्फ हो जाता है । फिर नॉर्मल होने में आधा घंटा लगता है । इसलिए हम तो चारों तरफ से रजाई को ऐसे दबाकर सोते हैं जैसे नए संसद भवन की चाक-चौबंद सुरक्षा ।

अब आप हमारी इस तुलना से 'सेंट्रल विष्ठा' की नई नई घटना को लेकर न उलझें । लोग कुछ भी कहें इसमें नए भवन की सुरक्षा में कोई कमी सिद्ध नहीं होती । अरे भाई, जब कोई किसी कील से ताला खोल ले तो आप ताले को घटिया कह सकते हैं लेकिन यहाँ तो घुसने वाले बाकायदा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अंदर गए हैं जैसे कोई ओरिजिनल चाबी से ताला खोले । इसमें सुरक्षा व्यवस्था का क्या दोष ? 

और फिर थोड़ा सा पीला धुआँ ही तो था। दस मिनट में बैठ गया होगा । वैसे भी व्यवस्थाओं और जिम्मेदार  सरकारों  का काम भ्रम का धुआँ फैलाना ही तो होता है । फिर धुआँ पीला ही तो था । फूली सरसों का रंग, वैराग्य का रंग, त्याग का रंग, कृष्ण के पीताम्बर का रंग । कौनसा कोई विधर्मी, देशद्रोही, जनसंख्या बढ़ाने वाला, पंचर निकालने वाला रंग था जो चिंता की बात होती । 

तो हाँ, कल रात अचानक ठंड बढ़ गई ।उठकर अलमारी में से कंबल निकालने का आलस कर गए । न ढंग से सो पाए और न ही शरीर गरम हुआ । बड़ी मुश्किल से सुबह-सुबह आँख लगी ही थी कि तोताराम ने द्वार वैसी ही दबंगई से खटखटाया दिया जैसे कि किसी विपक्षी सांसद की सदस्यता समाप्त किए जाते ही मकान खाली करवाने वाला दस्ता पहुँच जाता है या फिर जिस प्रकार राम की शै पाकर सुग्रीव बाली को ललकारता है- ऐ बाली, क्या कायरों की तरह घर में घुसकर बैठा है , निकल बाहर । 

दरवाजा पत्नी ने ही खोला । तोताराम आकर हमारे पैताने बैठ गया । जैसे ही चाय खत्म हुई, बोला- तो मास्टर, चलता हूँ । 

हमने कहा- तुझसे और क्या उम्मीद की जा सकती है । मुफ्ती भाई किसके, चाय पी और खिसके । 

अचानक तोताराम का टोन बदल गया । बोला- मुफ्ती किसे कहा ? समस्त ब्राह्मण जाति का अपमान, समस्त वर्तमान और भूतपूर्व अध्यापकों का अपमान, समस्त मानवजाति का अपमान । तू मेरा व्यक्तिगत अपमान करेगा तो मैं धनखड़ साहब की तरह एक सज्जन, विनम्र और स्थितिप्रज्ञ  व्यक्ति की भांति सहन कर लूँगा लेकिन समस्त जाति का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा । 

हमने कहा- जो बिना कोई काम किए मजे करता है वह मुफ्ती ही होता है । सच में देखा जाए तो केवल किसान और मजदूर ही मेहनत की कमाई खाते हैं । बाकी सब तो एक प्रकार से मुफ्ती ही हैं । और फिर तू अकेला ही कैसे सभी ब्राह्मणों और अध्यापकों का प्रतिनिधि हो गया । 

बोला- वैसे ही जैसे कल्याण बनर्जी द्वारा धनखड़ जी की मिमिक्री करने से विश्व के सभी जाटों, किसानों  का अपमान हो गया । वैसे ही जैसे मोदी जी का अपमान समस्त गुजरातियों, ओ बी सी,  140 करोड़ का भारतीयों और यहाँ तक कि समस्त मानव जाति का अपमान हो गया ।

हमने कहा- इस प्रकार तो रमेश विधूड़ी ने तो कटुआ, भड़ुआ कहकर दुनिया के 238 करोड़ मुसलमानों का अपमान किया है । 

बोला- नहीं । एक तो कहने वाले माननीय सांसद हैं, दूसरे वे संस्कारी पार्टी के सदस्य हैं, तीसरे उनकी पार्टी के पास संसद में स्पष्ट बहुमत है, चौथे उन्होंने ने यह सब संसद में कहा है जहां कहे गए किसी भी शब्द पर कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती । और वैसे भी यह नई संसद है जिसकी नई और अपने हिसाब से श्रेष्ठ परम्पराएं एक एक करके उजागर हो रही हैं । 

हमने कहा-  लेकिन कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में मिमिक्री ही तो की है । जाने कौन कौन मोदी जी तक की मिमिक्री करता रहता है लेकिन वे तो कभी आहुति अर्थात आत्मदाह की धमकी नहीं देते । धनखड़ जी ने तो जाट जाति के अपमान और पद की गरिमा के लिए इस हवन में अपनी पूरी आहुति देने का संकल्प जताया है । तू क्या करेगा अगर हमने माफी नहीं मांगी तो ?

बोला- मैं पूर्णाहुति दे दूंगा । अगले 24 घंटे तक के लिए तेरी चाय स्वाहा । 

और इन्हीं शब्दों के साथ तोताराम उठाकर चल दिया  .



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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