Feb 9, 2011

क्रिकेट बाइ चांस


हम क्रिकेट वर्ल्ड कप २०११ में भारत की जीत को लेकर चिंतित थे कि तोताराम आ गया और उसने क्रिकेट में जीतेने के कुछ अचूक नुस्खे बताए जो हम भारतीय क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ियों के मार्गदर्शन के लिए यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं |

क्रिकेट कोई साधारण खेल नहीं है और न ही रॉकेट छोड़ने जैसा आसान काम | इसलिए किसी एक उपाय के भरोसे न रहकर एक साथ कई उपाय करने पड़ेंगे, जैसे चुनाव जीतने के लिए जागरण से जुगाड़ तक, राम से राजनीति तक, दवा से दारू तक, विज्ञान से विवाद तक, घूस से घेराव तक सभी उपाय | यद्यपि पिछले वर्ल्ड कप से समय गांगुली के भाई ने पूजा-पाठ करवाने जैसे कई वैज्ञानिक उपाय किए थे पर यह उत्तरदायित्त्व केवल खिलाड़ियों के घर वालों का ही तो नहीं है | सभी भारतीयों का कर्त्तव्य है राष्ट्रीय अस्मिता की रक्षा की इस घड़ी में अपनी-अपनी ओर से योगदान करें |

सारे देश में यज्ञ, जप, जागरण होने चाहिएँ | अच्छे जादूगरों से ताबीज बनवाकर सभी खिलाड़ियों को बाँधे जाएँ | सब अपने-अपने इष्ट के अनुसार मुर्गे, बकरे आदि की बलि दें – स्वाद का स्वाद, धर्म का धर्म और देशभक्ति तो है ही | जिस देश से भी हमारा मैच होने वाला हो उसके पुतले, बिना किसी धार्मिक भेदभाव के, सभी गाँवों और शहरों में जलाए जाएँ | दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएँ स्थगित कर दी जाएँ जिससे युवा वर्ग क्रिकेट-विजय में अपना पूरा योगदान दे सकें | किसी अच्छे तांत्रिक से विपक्षी टीम पर उच्चाटन-मन्त्र का प्रयोग भी करवाना चाहिए |

हमारी हार का एक कारण यह भी बताया जाता है कि आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वेस्ट इंडीज और दक्षिणी अफ्रीका के खिलाड़ी हमारी तुलना में कद्दावर होते हैं | इसका एक उपाय यह है कि हमारे खिलाड़ियों को ऐसे चश्मे पहनाए जाएँ कि उन्हें सब कुछ छोटा नज़र आए | इससे उनका मनोबल बढ़ेगा | किसी मनोवैज्ञानिक की सलाह लेने की बजाय मैच शुरु होने से पहले विजय माल्या की व्हिस्की के स्थान पर देसी ठर्रे का एक-एक पाउच सभी खिलाड़ियों को पिलाया जाए जिससे वे दारू पिए हुए चूहे की तरह इस प्रकार झूमते हुए मैदान में उतरेंगे कि विपक्षी टीम रूपी बिल्ली के होश उड़ जाएँगे |

युधिष्ठिर का महल बनाने वाले कारीगर से ऐसी पिच बनवाई जाए कि विपक्षी टीम को विकेट की जगह मैदान और मैदान की जगह पिच दिखाई दे तो फिर उनके बालर सारी बाल वाइड फेंकेंगे और हम बिना बल्ला घुमाए बिना और एक भी विकेट खोए बिना ही मैच जीत जाएँगे | वास्तु के हिसाब से पिच की दिशा आदि में भी परिवर्तन किए जा सकते हैं | राहु काल में खेल रोक दिया जाना चाहिए | शाम होते ही खेल के बीच में मुसलमान खिलाड़ी नमाज़ पढ़ें और हिंदू खिलाड़ी संध्या-वंदन करें |

एक उपाय यह भी हो सकता है कि अच्छा खेल रहे विपक्षी टीम के खिलाड़ी को उसी समय घूस देकर भारत का नागरिक बना लिया जाए और तत्काल अपनी टीम में मिला लिया जाए या फिर पैसा देकर मैच ही फिक्स कर लिया जाए | कौन किस नंबर पर खेलेगा, कौन किस ओवर में बालिंग करेगा, टॉस जीत कर बालिंग की जाए या बैटिंग आदि फैसले कप्तान पर नहीं, किसी ज्योतिषी पर छोड़े जाएँ |

टीम में यज्ञ द्वारा वर्षा करवाने का विशेषज्ञ भी होना चाहिए जो हार की स्थिति में तत्काल वर्षा करवाकर मैच रुकवा दे | यदि सारे उपाय नाकाम हो जाएँ तो किसी नस्लीय टिप्पणी का बहाना बनाकर खेलने से मना कर दिया जाए जिससे हार की शर्म से बचा जा सकेगा | ‘अत्यन्त-पराजयात् वरं संशयोऽपि’ | उसके बाद क्या पता कोई राष्ट्रवादी पार्टी खिलाड़ी को चुनाव में टिकट ही दे दे |

हाँ, एक बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि कहीं खिलाड़ियों ने कोल्ड ड्रिंक पीकर अपना लीवर तो खराब नहीं कर लिया है | और वे जो च्यवनप्राश खाते हैं उसमें वाकई सोना-चाँदी होते भी हैं या नहीं |

यदि इन उपायों से हमारी टीम जीत जाती है तो इनाम की आधी राशि लेखक और तोताराम को भिजवाई जाए | अन्यथा 'क्रिकेट बाई चांस' होता ही है |

८-२-२०११

पोस्ट पसंद आई तो मित्र बनिए (क्लिक करें)

(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

2 comments:

  1. भिगो-भिगो कर दिया है गुरू जी...

    ReplyDelete
  2. संसद में भी बहस करवा ली जाए, जिससे अनेक जीवन्‍त नुस्‍खे हाथ लग जाएंगे। अच्‍छा व्‍यंग्‍य, बधाई।

    ReplyDelete