Jul 7, 2015

सेल्फी विद डॉटर

  सेल्फी विद डॉटर 

आज तोताराम ने आते ही हमारे सामने एक लिफाफा रख दिया | हमने पूछा- क्या है ?

बोला-खुद ही खोल कर देख ले |

देखा तो उसमें तोताराम की अपनी बेटी गुड्डू के साथ कोई बीस साल पुरानी एक ब्लेक एंड व्हाइट फोटो थी |

हमने पूछा- इसका क्या करें ?

बोला- तुझे कुछ करना नहीं है | तुझे तो इसे मोदी को भेजने से पहले वैस ही दिखा रहा था | मोदी जी ने आजकल 'सेल्फी विद डॉटर' का नारा दिया है ना | तो सोचा- मैं भी लड़कियों के विकास के लिए उठाए गए इस आधारभूत कदम का समर्थन कर ही दूँ |

हमने कहा- यह कोई सेल्फी थोड़े ही है | यह तो एक सामान्य ब्लेक एंड व्हाईट फोटो है |

बोला- तो सेल्फी में क्या होता है ? फोटो ही तो होती है | फोटो फोटो सब एक |

हमने कहा- सेल्फी में रंगीन फोटो आती है | बीस हजार रुपए के वाट्सऐप नामक एक मोबाइल द्वारा खींची जाती है और नेट से तत्काल भेज दी जाती है | उसे लिफाफे में रखने, टिकट लगाकर लेटर बोक्स में डालने की ज़रूरत नहीं होती | यदि वक्त हुआ तो सामने वाले को लिफाफा खोलने का झंझट नहीं, बस बटन दबाया, देखा और काम ख़त्म | 

-क्या वाट्सऐप के बिना लिया फोटो, फोटो नहीं होता ?  

हमने कहा- इस बारे में नियमानुसार जो करना है सो कर अन्यथा चुप बैठ नहीं तो तेरे पास भी श्रुति सेठ की तरह तरह-तरह के प्रशंसात्मक मेसेज आने लग जाएंगे | क्या बताएं, हमारे पास तो अपने पिताजी के पुत्र या पुत्री प्रेम का कोई उदाहरण भी नहीं है क्योंकि उस समय या तो बोर्ड की परीक्षा के समय या फिर नौकरी के लिए आवेदन देने के समय या लड़की हुई तो शादी के लिए लड़के वालों को दिखाने के लिए फोटो खिंचवाया जाता था |उस समय पासपोर्ट साइज़ के तीन फोटो के दो रुपए लगते थे | वह भी तब जब बादाम-गिरी चार रुपए की एक किलो आती थी | आजकल की तरह थोड़े ही था कि फोन और फोटो को तमाशा बना लिया | दे मार फोटो ही फोटो | अब क्या सारे दिन फोटो ही देखते रहें | और कोई काम ही नहीं है जैसे | वैसे इससे होगा क्या ? यदि बच्चियों के खाने, पढ़ने और उन्हें लम्पटों से बचाने के लिए कुछ किया जाता तो बात और थी | 

बोला-तुझे हो न हो लेकिन मुझे तो 'सेल्फी विद डॉटर' से लड़कियों का विकास होने का  पूरा विश्वास है | देखा, उधर 'सेल्फी विद डॉटर' शुरु हुआ और इधर यू.पी.एस.सी. में प्रथम चार स्थानों पर लड़कियों ने कब्ज़ा कर लिया |

हमने शौचालय वाली काकी की तरह कहा-सोचने की बात तो है |

कहने लगा- तो फिर सोचिए, सेल्फी लीजिए और भेजिए |





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